Friday, April 19, 2024
HomeIndian Newsक्या दिल्ली की जनता के लिए खतरे का निशान है डीटीसी बसें?

क्या दिल्ली की जनता के लिए खतरे का निशान है डीटीसी बसें?

दिल्ली की जनता के लिए डीटीसी बसें खतरे का निशान है! अपने पति के साथ स्कूटर पर बैठी थीं। सामने रेड सिग्नल था। स्कूटर रुका हुआ था, तभी पीछे से तेज स्पीड से एक डीटीसी बस आई और स्कूटर को हिट करते हुए साइड से आगे निकल गई। स्कूटर चला रहे दिल्ली के किशन पाल स्कूटर समेत नीचे गिर गए। उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। बड़ी मुश्किल से उठे तो देखा कि स्कूटर के पीछे बैठी उनकी पत्नी रेनू गायब है। आसापास लोग इकट्ठा होने लगे। किसी ने बताया कि आपकी पत्नी तो डीटीसी (DTC) बस अगले हिस्से में नीचे की तरफ फंस चुकीं हैं। किशन पाल मदद के लिए चिल्लाने लगे। लोगों ने बस को पीछे धकेलने की कोशिश की ताकी उनकी पत्नी को बाहर निकाला जा सके, लेकिन बस भारी होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। कई देर तक उनकी किशन पाल की पत्नी रेनू बस के नीचे फंसी रही। कुछ देर बाद क्रेन आई और उनकी पत्नी को बस के नीचे से निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रेनू की मौत हो चुकी थी।

दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी बस ड्राइवरों की रैश ड्राइविंग की वजह से एक और जान जा चुकी थी। दिल्ली के छतरपुर इलाके में 24 फरवरी को रात साढे 9 बजे रेड लाइट पर हुई इस घटना एक्सिडेंट कहना गलत होगा। ये एक्सिडेंट नहीं बल्कि कत्ल था। सामने रेड सिग्नल था ड्राइवर रेड लाइट देखने के बावजूद नहीं रुका। वो तेज स्पीड से आगे बढ़ता रहा और इसकी सजा भुगतनी पड़ी किशन पाल के हंसते खेलते परिवार को।

रैश ड्राइविंग और फिर मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली में अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती है जब बस ड्राइवर की लापरवाही से लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ती है।लोगों ने बस को पीछे धकेलने की कोशिश की ताकी उनकी पत्नी को बाहर निकाला जा सके, लेकिन बस भारी होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। कई देर तक उनकी किशन पाल की पत्नी रेनू बस के नीचे फंसी रही। कुछ देर बाद क्रेन आई और उनकी पत्नी को बस के नीचे से निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रेनू की मौत हो चुकी थी।दिल्ली के छतरपुर इलाके में 24 फरवरी को रात साढे 9 बजे रेड लाइट पर हुई इस घटना एक्सिडेंट कहना गलत होगा। ये एक्सिडेंट नहीं बल्कि कत्ल था। सामने रेड सिग्नल था ड्राइवर रेड लाइट देखने के बावजूद नहीं रुका। वो तेज स्पीड से आगे बढ़ता रहा और इसकी सजा भुगतनी पड़ी किशन पाल के हंसते खेलते परिवार को। साल 2022 में डीटीसी बसों की वजह से पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा 37 लोगों की जान जा चुकी है, जबकी कुल 110 एक्सिडेंट हुए हैं। इसी तरह 2021 में भी डीटीसी बस काल बनकर 18 लोगों की जिंदगी ले चुकी है। 2020 में डीटीसी बस से कुचलकर 19 लोगों की मौत हुई, जबकी 2019 में दिल्ली के 20 लोग डीटीसी बसों के शिकार बने।

सवाल ये है कि आखिर क्यों बसों के ड्राइवर पर लगाम नहीं लगाई जाती। क्यों दिल्ली की सड़कों पर इस तरह की लापरवाही बसों के ड्राइवर करते दिखते जिसकी कीमत किसी दूसरे की जान होती है।लोगों ने बस को पीछे धकेलने की कोशिश की ताकी उनकी पत्नी को बाहर निकाला जा सके, लेकिन बस भारी होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। कई देर तक उनकी किशन पाल की पत्नी रेनू बस के नीचे फंसी रही। कुछ देर बाद क्रेन आई और उनकी पत्नी को बस के नीचे से निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रेनू की मौत हो चुकी थी। किशन लाल का परिवार ये समझ पा रहा कि आखिर उन्हें किस बात की सजा मिली।दिल्ली के छतरपुर इलाके में 24 फरवरी को रात साढे 9 बजे रेड लाइट पर हुई इस घटना एक्सिडेंट कहना गलत होगा। ये एक्सिडेंट नहीं बल्कि कत्ल था। सामने रेड सिग्नल था ड्राइवर रेड लाइट देखने के बावजूद नहीं रुका। वो तेज स्पीड से आगे बढ़ता रहा और इसकी सजा भुगतनी पड़ी किशन पाल के हंसते खेलते परिवार को। वो तो पूरी ईमानदारी से ट्रेफिक के नियम के हिसाब से स्कूटर चला रहे थे फिर क्यों दिल्ली की डीटीसी बस उनकी पत्नी के लिए काल बन गई। किशल लाल के दो बेटे हैं। उस रात ये पति-पत्नी अपने घर नांगल राई लौट रहे थे। कुछ दिन बाद उनके बड़े बेटे का जन्मदिन है। रेनू अपने बेटे के जन्मदिन के लिए बेहद उत्साहित थी, लेकिन अब इनके घर में मातम पसरा है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments