Friday, May 9, 2025
HomeIndian Newsक्या यूपी विधानसभा में किए गए फोन बैन?

क्या यूपी विधानसभा में किए गए फोन बैन?

हाल ही में यूपी विधानसभा में फोन बैन कर दिए गए हैं! उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। ये सत्र यूपी विधानसभा के इतिहास में अपनी अलग पहचान रखेगा। उसका कारण ये है कि 66 साल बाद पहली बार यूपी विधानसभा में कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। पिछले मॉनसून सत्र में ही इन पर मंजूरी दी गई थी। इसमें सदस्यों को सदन के भीतर मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह से रोक लागू हो गई है। यही नहीं विधायक अब अपने विरोध को जाहिर करने के लिए झंडा या बैनर नहीं लहरा सकेंगे क्योंकि झंडा-बैनर भी सदन में ले जाना बैन हो गया है। दोनों नए नियमों को लेकर लखनऊ के सत्ता के गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बातें निकलकर सामने आ रहीं कि इससे विपक्ष की ताकत कम की जा रही। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। ये सत्र यूपी विधानसभा के इतिहास में अपनी अलग पहचान रखेगा। उसका कारण ये है कि 66 साल बाद पहली बार यूपी विधानसभा में कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। पिछले मॉनसून सत्र में ही इन पर मंजूरी दी गई थी। इसमें सदस्यों को सदन के भीतर मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह से रोक लागू हो गई है। यही नहीं विधायक अब अपने विरोध को जाहिर करने के लिए झंडा या बैनर नहीं लहरा सकेंगे क्योंकि झंडा-बैनर भी सदन में ले जाना बैन हो गया है। दोनों नए नियमों को लेकर लखनऊ के सत्ता के गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बातें निकलकर सामने आ रहीं कि इससे विपक्ष की ताकत कम की जा रही।

जाहिर है विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में बैनर-पोस्टर से विरोध पर प्रतिबंध का तोड़ निकाल लिया है। वह अब अपने कपड़ों का ही इस्तेमाल करने लग गए हैं। अब बात विधायकों के मोबाइल पर रोक की। तो सवाल ये है कि मोबाइल को लेकर मसला इतना गंभीर कैसे हो गया कि हाइटेक हो रही विधानसभा में मोबाइल ही ले जाना प्रतिबंधित कर दिया। तो बात पिछले साल 2022 की है। शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही चल रही थी। विधानसभा में सपा सदस्य रामपुर उपचुनाव में पुलिस बर्बरता का आरोप लगाकर विरोध में हंगामा कर रहे थे। इसी दौरान सपा के विधायक अतुल प्रधान मोबाइल निकालकर वहीं से फेसबुक लाइव करने लग गए। फेसबुक लाइव की की सूचना मार्शल ने स्पीकर सतीश महाना को दी।

इस कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए स्पीकर ने कहा कि जिस भी सदस्य ने सदन की कार्यवाही का फेसबुक लाइव किया है, वह स्वयं बता दे। अन्यथा इसका पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बाद में खुद स्पीकर ने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग चेक कराई तो पता चला कि सपा विधायक अतुल प्रधान फेसबुक लाइव कर रहे थे। इसके बाद स्पीकर ने अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए सदन से बाहर चले जाने का निर्देश दे दिए। उन्होंने कहा कि सदन की मर्यादा और अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मामले में सपा नेता मनोज पांडेय और लालजी वर्मा ने हस्तक्षेप किया और स्पीकर से आग्रह किया कि अतुल प्रधान पहली बार विधायक हैं। उन्हें सदन की कार्यवाही और नियमों की ज्यादा जानकारी नहीं है, लिहाजा उन्हें माफ किया जाए। इस पर स्पीकर ने अतुल प्रधान को सवा घंटे के लिए ही उन्हें सदन से बाहर किया।

सिर्फ यही एक मामला नहीं था, कभी सत्ता पक्ष तो कभी विपक्ष आए दिन किसी ने किसी सदस्य का मोबाइल फोन बीच कार्यवाही में बज उठता था।जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित होती थी। ये घटनाएं कहीं न कहीं आज मोबाइल बैन होने के पीछे का अहम कारण रहीं। दिलचस्प बात ये है कि जल्द ही यूपी विधानसभा में एक और नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। मई 2022 में ‘ई-विधान एप्लिकेशन’ को विधानसभा में लागू किया गया था, जिसके बाद से अब तक के सभी सत्र इसी एप्लिकेशन के जरिए कंडक्ट कराए गए हैं। इसी कड़ी में अब विधानसभा को ‘स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ से भी लैस करने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और खरीद की निविदा भी जारी की गई है। इस सॉफ्टवेयर की खासियत ये होगी कि विधानसभा सत्र के लाइव टेलीकास्ट के दौरान आने वाले ध्वनि संबंधी व्यवधानों के निस्तारण में यह सॉफ्टवेयर सक्षम होगा। इससे न केवल लाइव फीड्स बेहतर होंगी, बल्कि विधान सभा की कार्यवाही के दौरान की वीडियो आउटपुट में भी मदद मिलेगी। स्पीच रिकग्निशन प्रक्रिया के जरिए जेनरेटेड फीड्स अच्छी वीडियो व वॉइस क्वॉलिटी वाले होंगे। मतलब साफ है कि सदन की कार्रवाई के दौरान चाहे कोई भी सदस्य कितना ही हंगामा क्यों न करे, उसकी आवाज वीडियो में भाषण दे रहे नेता की आवाज में रुकावट पैदा नहीं करेगी।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments