Thursday, March 28, 2024
HomeIndian Newsसीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापा मारा...

सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापा मारा है

नई दिल्ली ::दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई छापेमारी करने पहुंची है. इसकी जानकारी खुद डिप्टी सीएम ने ट्वीट करके दी है. एक्साइज पॉलिसी मामले में सीबीआई की टीमें दिल्ली-एनसीआर की 20 जगहों पर छापेमारी की है. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पहुंचने पर सिसोदिया ने लिखा, ‘सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया.’ साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई 21 जगहों पर सर्च अभियान चला रही है, मनीष सिसोदिया के घर समेत 21 जगहों पर छापेमारी हो रही है। यह अभियान नई आबकारी पॉलिसी को लेकर है। बताया जा रहा है कि एक्ससाइज विभाग के कई अफसरों के इस सर्च में मौजूद हैं। बताते चलें कि पिछले दिनों नई शराब नीति को लेकर मनीष सिसोदिया जांच के घेरे में आ गए थे।

LG ने दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की सिफारिश की थी. यह रिपोर्ट 8 जुलाई को LG को भेजी गई थी. इस रिपोर्ट में पिछले साल लागू की गई एक्साइज पॉलिसी पर सवाल उठाए गए थे. रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे कि नई नीति से दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन हुआ है. इसके अलावा आरोप है कि शराब बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और आबकारी मंत्री के तौर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की है. आबकारी नीति के विरुद्ध जाकर शराब निर्माता कंपनी को शराब बेचने के ठेके दिए गए, जबकि शराब निर्माता और सप्लायर कंपनी को शराब बेचने के ठेके नहीं दिए जा सकते हैं, एक शराब ठेकेदार को शराब दुकान नहीं मिलने के बाद 30 करोड़ रुपए लौटा दिए गए, जबकि नियम के मुताबिक़ ये राशि सरकार के ख़ज़ाने में जाने चाहिए थे. दिल्ली के उपराज्यपाल ने राजधानी की नई आबकारी नीति में कथित गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर पिछले महीने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को निर्देश दिया था कि वह एक रिपोर्ट जमा करके यह बताएं कि नियमों की अवेहलना करते हुए नई आबकारी नीति को तैयार करने, उसे लागू करने और उसमें मनमर्जी के मुताबिक बदलाव करने की छूट देने में किन-किन सरकारी अफसरों और प्रशासकों की मुख्य भूमिका रही है।एलजी ऑफिस की तरफ से यह साफ किया गया था कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993 के रूल नंबर 57 के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह रिपोर्ट एलजी को भेजी थी। यह रूल कहता है कि पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के पालन में कोई भी कमी पाए जाने पर चीफ सेक्रेटरी तुरंत उस पर संज्ञान लेकर उसकी जानकारी एलजी और सीएम को दे सकते हैं। यह रिपोर्ट भी इन दोनों को भेजी गई थी।

सिसोदिया ने आगे कहा, ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं. इसलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें. हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं. कोर्ट में सच सामने आ जाएगा. बता दें कि सत्येंद्र जैन भी जेल में कैद हैं.सिसोदिया ने कहा लिखा कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जां च में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। सिसोदिया ने आगे लिखा कि अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।

इस रेड पर केजरीवाल का भी रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी CBI का स्वागत है. पूरा cooperate करेंगे. पहले भी कई जाँच/रेड हुईं. कुछ नहीं निकला. अब भी कुछ नहीं निकलेगा. उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है. इसे ये रोकना चाहते हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियो पर रेड और गिरफ़्तारी 75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की,उसे रोका गया।इसीलिए भारत पीछे रह गया दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे.

 

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments