अक्सर यह कहा जाता है कि जैसे जींस होते हैं वैसे ही बच्चे होते हैं, यानी जैसे पेरेंट्स वैसे बच्चे! जिन पेरेंट्स की हाईट कम होती है वे अपने बच्चों की हाईट को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। उन्हे हमेशा यह चिंता लगी रहती है कि कहीं उनका छोटा कद उनके बच्चे शारीरिक विकास में बाधा न बन जाए। यह बात सही है कि बच्चे का शारीरिक विकास 60-80 प्रतिशत तक अनुवांशिकी पर निर्भर करता है। लेकिन कई अन्य कारक भी हैं जो बच्चे के शारीरिक विकास में बहुत अहम भूमिकी निभाते हैं। बच्चे के बेहतर शारीरिक विकास के लिए आपको अपने बच्चे की उम्र के अनुसार बहुत सी चीजों का ध्यान रखना होता है, क्योंकि एक उम्र के बाद बच्चे का शारीरिक विकास रुक जाता है। आमतौर पर बच्चे की हाइट 18-20 की उम्र तक ही बढ़ती है, इसके बाद हाइट बढ़ना बहुत मुश्किल होता है। आपको बचपन से ही उनके खानपान और फिजिकल एक्सरसाइज पर काफी ध्यान देना होता है।
बच्चे अनहेल्दी फूड्स खाने के लिए काफी जिद करते हैं। अगर आप अपने बच्चे का बेहतर विकास चाहते हैं, तो उन्हें अनहेल्दी चिप्स, बिस्किट, नमकीन , पिज्जा, बर्गर अदि फूड्स से दूर रखें या कम से कम सेवन कराएं। इन फूड्स में पोषण न के बराबर होता है और अनहेल्दी फैट और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। जो सिर्फ आपके बच्चे का मोटापा बढ़ाएगा। मोटापा बच्चे के शारीरिक विकास को रोकने में भूमिका निभा सकता है साथ ही कई अन्य बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ता है।
आप अपने बच्चे को क्या खिलाते हैं इसकी उसके शारीरिक विकास में अहम भूमिका होती है। आपको अपने बच्चे को बचपन से ही संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार देने की जरूरत होती है। उन्हें प्रोटीन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ खिलाएं जो उनकी हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए बहुत आवश्यक है। बच्चे को हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध जैसे फूड्स अधिक खिलाएं। देसी घी, सोयाबीन, दालें, राजमा, छोले या चना, मीट आदि का सेवन भी बच्चे के शारीरिक विकास में बहुत सहायक हो सकता है।
हमारे शरीर का विकास नींद के दौरान होता है। आपने अक्सर सुना होगा बच्चों की लंबाई सोते समय बढ़ती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो नींद के दौरान बच्चे की हाईट आधा मिलीमीटर तक बढ़ सकती है अगर वह एक अच्छी और पर्याप्त नींद लेता है। बच्चे को जल्दी सोने की आदत डालें, कोशिश करें कि वह रात 10 बजे तक जरूर सो जाए। साथ ही 8-9 घंटे की नींद जरूर ले। रात को सोने से कम से कम 1 घंटा पहले बच्चों को मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखें। यह उनकी नींद को प्रभावित कर सकता है।
बच्चों के लिए आउटडोर गेम्स खेलना बहुत जरूरी है। यह उसे फिजिकली एक्टिव रखने के सबसे मजेदार और आसान तरीका है। साथ ही आप बच्चों कुछ सरल एक्सरसाइज और योग अधिक करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि वह बहुत भारी चीजें न उठाएं। इससे उनके शरीर में खिंचाव आएगा और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ेगी। एरोबिक्स और रस्सी कूदना जैसी सरल एक्सरसाइज शारीरिक विकास में बहुत मददगार होती है।
अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे का शारीरिक विकास रुक गया है या उसकी हाइट नहीं बढ़ रही है तो ऐसे में समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें। जिससे कि वह उनके लिए कुछ जरूरी सप्लीमेंट्स सुझाव दे सकते हैं, जो उनकी हाइट बढ़ाने में मदद कर सकें। साथ ही वे आपके बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्व और फूड्स का सुझाव भी दे सकते हैं।
जब बच्चा छोटा होता है तो उसे सिर्फ स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। लेकिन जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है तो फिर उसे ठोस पदार्थ खिलाना शुरू किया जाता है। लेकिन छोटे बच्चों के खानपान का बहुत खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और बेहतर विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। बच्चों के आहार में रंग बिरंगे फल और सब्जियां होना बहुत जरूरी है। क्योंकि ये उन्हें जरूरी पोषण प्रदान करते हैं। साथ ही बच्चों को अनाज खिलाना भी बहुत जरूरी होता है। बेहतर विकास के लिए बच्चों को अनाज खिलाना भी बहुत जरूरी है। लेकिन अक्सर पेरेंट्स इस बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि बच्चों को कौन से अनाज खिलाना सुरक्षित है? या उन्हें कौन से अनाज खिलाना ज्यादा फायदेमंद है।