दिल्ली के गाजीपुर और ओल्ड सीमापुरी में मिले आईईडी की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने पाया है कि दोनों आईईडी का डिजाइन और उनमें इस्तेमाल सामान एक समान हैं और उनका मानना है कि चोरी की मोटरसाइकिल दोनों जगहों के पास खड़ी थी।दिल्ली स्थित गाजीपुर की फूल मंडी में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की बरामदगी का शक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर गहराता जा रहा है। जांच कर रहे अधिकारियों के इस शक के पीछे IED में इस्तेमाल किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बम के जरिए दिल्ली को दहलाने की साजिश थी, जिसे हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया। जांच एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अपने स्लीपर सेल के माध्यम से इस बम प्लांट करवाया दिल्ली स्थित गाजीपुर की फूल मंडी में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की बरामदगी का शक अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर गहराता जा रहा है। जांच कर रहे अधिकारियों के इस शक के पीछे IED में इस्तेमाल किया गया ।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बम के जरिए दिल्ली को दहलाने की साजिश थी, जिसे हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया। जांच एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अपने स्लीपर सेल के माध्यम से इस बम प्लांट करवाया।
जांचकर्ताओं का मानना है कि एक महीने के भीतर दो स्थानों पर आईईडी रखने वाला व्यक्ति एक ही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो संदिग्धों के स्कैच बनवाए गए हैं, जिन्होंने खुद के उत्तर प्रदेश का निवासी बताते हुए छात्र होने का दावा किया था, उन्हें जल्द से जल्द पहचानने और पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस ने कहा कि दिल्ली में दो स्थानों पर बरामद विस्फोटक बनाने और डिजाइन में दो महीने पहले पंजाब से बरामद किए गए विस्फोटकों के समान थे।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हम पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं, जिसने इस तरह के बम को पंजाब और दिल्ली भेजा होगा। अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता इसकी जांच कर रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, ओल्ड सीमापुरी में जिस मकान में 2.5 से 3 किलो वजनी विस्फोटक मिला था, उसके मालिक से पूछताछ की जा रही है। तैयार किए गए संदिग्धों के स्कैच उन दो लोगों के हैं जिन्होंने मकान मालिक को बताया था कि वे छात्र हैं और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
दोनों आरोपी पिछले दो महीने से घर में ही रह रहे थे। मकान मालिक ने पूछताछ के दौरान दावा किया था कि उसने उनके पहचान प्रमाण एकत्र कर लिए हैं, लेकिन पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक इसमें से कोई भी बरामद नहीं हुआ है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने शुक्रवार को कहा था कि ओल्ड सीमापुरी स्थित एक घर से गुरुवार को मिला आईईडी और 17 जनवरी को गाजीपुर की फूल मंडी में रखे विस्फोटक को दिल्ली के सार्वजनिक स्थानों पर धमाके की मंशा से तैयार किया गया था। उन्होंने कहा था कि ऐसी गतिविधि बिना स्थानीय मदद के संभव नहीं है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ताओं ने खुलासा किया कि दोनों इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के मिश्रण से बनाए गए थे। दोनों विस्फोटकों को नियंत्रित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ।
गाजीपुर में स्पॉट के पास से एकत्र किए गए एक सीसीटीवी फुटेज में एक काले रंग की हीरो स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पास में खड़ी थी। वहीं, पुरानी सीमापुरी में आईईडी बरामद होने के बाद पुलिस ने दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास से एक ऐसी ही मोटरसाइकिल बरामद की है। यह मोटरसाइकिल चोरी की पाई गई थी और जांचकर्ताओं का मानना है कि यह वही मोटरसाइकिल है जो गाजीपुर की सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रही है।
गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी की बरामदगी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह से पहले हुई तब राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा तंत्र हाई अलर्ट पर था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर अस्थाना ने पहले कहा था कि स्पेशल सेल और अन्य टीमें मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में ऐसी हर घटना को रोकने और किसी भी स्थानीय और विदेशी नेटवर्क को बेनकाब करने की कोशिश कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते के अधिकारियों ने शुक्रवार को पुरानी सीमापुरी में अपराध स्थल का दौरा किया था क्योंकि कई एजेंसियां मामले पर काम कर रही हैं। एनएसजी के डायरेक्टर जनरल एमए गणपति ने कहा कि एनएसजी के बम निरोधक दस्ते को प्रथम दृष्टया गाजीपुर से बरामद आईईडी के निर्माण में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट जैसे रासायनिक यौगिकों का पता चला है। इसके अलावा एनएसजी ने बताया कि गाजीपुर से बरामद आईईडी का वजन करीब तीन किलो था। एनएसजी को दिल्ली पुलिस से सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली और दोपहर करीब 1.30 बजे विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया गया।