यूनिवर्सिटी डायरेक्टर ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि पैर पर पैर रखकर बैठने से कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. इन डायरेक्टर का नाम प्रोफेसर एडम टेलर (Adam Taylor) है जो लेसेस्टर यूनिवर्सिटी मैं क्लीनिकल एनॉटोमी लर्निंग सेंटर के प्रोफ़ेसर हैं. आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देंगे.
जैसा कि हम ऑफ़िस में हो या फिर घर में सोफ़े पर बैठना हमें काफ़ी अच्छा लगता है और कुछ लोगों की आदत होती है पैर पर पैर रखकर बैठने की. क्योंकि उन्हें सीधे पैर रखकर बैठने में कंफर्टेबल नहीं लगता है पर आपको यह जानकारी दे दे की एक्सपोर्ट द्वारा बताया गया है लोगों को पैर क्रॉस कर नहीं बैठना चाहिए और अपनी इस आदत को जल्द से जल्द सुधार लेना चाहिए क्योंकि पैर पर पैर रखकर बैठने से शरीर में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. क्या आपको पता है पैर के क्रॉस कर बैठने के भी अलग–अलग तरीक़े होते हैं. दरअसल, लोग दो तरीक़ों से पैर को क्रॉस कर बैठना पसंद करते हैं. पहला तो दूसरे टखनों को क्रॉस कर बैठना पसंद करते हैं और दूसरा घुटने पर घुटना रखकर बैठना पसंद करते हैं.
एक्सपर्ट द्वारा बताया गया है पैर को क्रॉस कर बैठने से शरीर को बहूत नुक़सान पहुँच सकता है और ये सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है. द कन्वर्सेशन के अनुसार अनुमान लगाया गया है कि 26% फ़ीसद ऐसे लोग हैं जो दाएँ से बाएँ पैर को क्रॉस कर बैठते हैं और 62% फ़ीसद ऐसे लोग हैं जो बाएँ से दाएँ पैर पर पैर रखकर बैठते हैं. ऐसे भी कई लोग हैं जो किसी भी पैर पर पैर रखकर बैठ जाते हैं जिसका अनुमान 12% फ़ीसद लगाया गया है. प्रोफ़ेसर एडम टेलर ने ऐसे बैठने वाले लोगों के लिए बचने को कहा है आइए हम आपको उन कारणों के बारे में बताते हैं जिससे आप को ख़तरा हो सकता है.
रक्त के थक्के जमना
क्या पैरों को क्रॉस करके बैठने से शरीर के नीचे के अंगों की रक्त वाहिकाओं में स्ट्रेस आता है ? जी हाँ, और वह स्ट्रेस नसों के ओर से खून की गति को धीमा कर देता है जिससे खून के थक्के बन जाते हैं. खून के थक्के कहीं से हल की टक्कर लगने पर भी हो जाते हैं जिन्हें छूने से काफ़ी दर्द महसूस होता है. खून के थक्के खून गोल आकार के जैसे दिखते हैं और वे तब बनते हैं जब खून लिक्विड से ठोस से अपना रूप बदल लेता है. खून के थक्के बनना एक साधारण सी बात है जिससे शारीरिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं जैसे कि जब त्वचा कट जाती है या फिरछिल जाती है क्योंकि यह अधिक खून बहने से रोकते हैं. लेकिन ‘यदि कोई व्यक्ति पैरों को क्रॉस करके बैठता है तो आगे चलकर खून के थक्के जम सकते हैं जिससे कई शारीरिक परेशानियां आ सकती हैं. ध्यान देते हुए एक ही पोज़ीशन में बहुत देर तक नहीं बैठना चाहिए क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन में मुश्किल हो सकती है.
स्केलेटन का मिस अलाइंमेंट होने का डर होता है
रिसर्च बताती हैं कि क्रॉस–लेग्ड बैठने से हिप्स का अलाइमेंट गलत हो सकता है. इसके अलावा लेग क्रॉसिंग के कारण रीढ़ और कंधों की हड्डियों में लंबे समय बाद दर्द भी हो सकता है. जैसा कि आज कल के लोगों में ये साधारण हो गया है. जिससे पूछो उसे कंधे या हड्डियों मेंदर्द होने की शिकायत रहती है. पैर पर पैर रखकर बैठने से गर्दन की हड्डी में बदलाव हो सकता है जो आगे चलकर गर्दन और लोअर बैक के निचले हिस्से को भी ठेस पहुँचा सकता है. क्रॉस–लेग्ड बैठने से शरीर के दाएं और बाएं हिस्से के बीच मांसपेशियों में असंतुलन हो सकता है. जिससे कमजोरी, थकान, जकड़न और पैरों के गठन से स्कोलियोसिस की संभावना भी बढ़ सकती है.
शुक्राणु उत्पादन यानी (Sperm production)
रिसर्च में बताया गया है कि एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर रखकर बैठने से पुरुष के स्पर्म काउंट पर बड़ी संख्या में असर पड़ सकता है. साधारण बैठने पर अंडकोष का तापमान पहले से ही 2C (35.6F) बढ़ जाता है और जब कोई क्रॉस लेग पोजिशन में बैठता है तो यह आंकड़ा बढ़कर 3.5C (38.3F) हो जाता है. हुए गए रिसर्च से पता चला है कि अधिक तापमान पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को कम कर सकता है जिससे स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करना कठिन हो सकता है.