Tuesday, April 16, 2024
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क्या आपकी आंखों में भी है सफेद सा कीचड़, जाने क्या है कारण!

जब भी हम सो कर उठते हैं या आंखों को सही से साफ नहीं करते हैं, तो वहां पर सब पैसा एक कीचड़ जमा हो जाता है! सुबह नींद से उठने के बाद जब आप चेहरा धोने के लिए बाथरूम में पहुंचते हैं तो कई बार आंखों को साफ करने में अधिक मशक्कत करनी पड़ती है। बिना आंखें ठीक से धोए किसी के सामने चले जाना असहजता की स्थिति में भी डाल सकता है। आंखों के किनारों पर जमा होने वाला चिपचिपा पदार्थ जिसे आम भाषा में कीचड़, स्लीप क्रस्ट, सैंड आदि भी कहा जाता है, एक आम स्थिति है। चिकित्सकीय भाषा में इसे ‘रूम’ या ‘रह्यूम’ कहा जाता है। आमतौर पर यह रात की अच्छी और भरपूर नींद का संकेत होता है लेकिन कई बार यह समस्याओं की ओर इशारा भी कर सकता है। रात में ही आंखों में कीचड़ आने की वजह होती है। वहीं कीचड़ के रंग से आंखों की समस्या का भी पता चलता है।

जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है। कीचड़ कई तरह के कचरे का मिश्रण होlता है। आंखों का यह कीचड़ भी म्यूकस, पपड़ीदार निकली हुई त्वचा की कोशिकाओं, त्वचा के तेल और नींद के दौरान आंखों द्वारा उत्पन्न आंसुओं का मिश्रण होता है। यह एक सामान्य और सहज प्रक्रिया है, जो कि यह दर्शाती है कि आपकी आंखें स्वस्थ हैं और सही तरीके से काम कर रही हैं।

पलकों के बन्द रहने के अलावा इस कीचड़ के रात में जमा रहने का एक कारण और भी होता है। दिनभर में बार-बार पलक झपकाने पर प्राकृतिक तरीके से आंखों से निकलने वाले आंसू, इस कीचड़ को धोते जाते हैं और आंखों में चिपके नहीं रहने देते। जबकि रात में पलकों के न झपकने के कारण और गुरुत्वाकर्षण के कारण ये कचरा आंखों के किनारों पर इकट्ठा हो जाता है। कुछ लोगों में इसकी मात्रा अधिक हो सकती है और कुछ में कम। हां एलर्जी के दौरान या रूखे मौसम में इसकी मात्रा बढ़ सकती है।

सामान्यतौर पर आंखों से निकलने वाले इस कीचड़ का रंग सफेद या हल्का क्रीम होता है। लेकिन यदि यह रंग पीला या हरा है तो यह बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (आंख आने की समस्या) का इशारा हो सकता है। इसके अलावा आंखों में सूजन, ड्राय आई, आंखों पर होने वाली फुंसी, आंसू निकलने वाली जगह का ब्लॉक हो जाना और एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस भी इसकी वजह बन सकता है। कुछ मामलों में यह पलकों को पूरी तरह चिपका भी सकता है और समस्या को और बढ़ा सकता है।

सुबह उठने के साथ चेहरे और आंखों को अच्छे से धोएं। अगर आप किसी एलर्जी या अन्य समस्या से पीड़ित हैं या आपकी पलकें बुरी तरह चिपक गई हैं तो एक साफ कॉटन के कपड़े या रुई को गुनगुने या हल्के गर्म पानी में भिगोकर आंखों पर हल्के हाथों से थपथपाते हुए कीचड़ को हटाएं।

आंखों को कभी रगड़ें नहीं और न ही गंदे हाथ इनपर लगाएं।

यदि कीचड़ के साथ दर्द और असहजता भी है या रोज सुबह उठने पर आपकी पलकें चिपकी रहती हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वे आपको मेडिकेटेड साधन बताएंगे जिससे आप आंखों को बिना संक्रमण फैलाए साफ कर सकें।

डॉक्टर की सलाह से किसी अच्छे आई ड्रॉप का उपयोग करें। जिससे आंखों की नमी बनी रहे और वे साफ भी रहें।

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