Friday, March 29, 2024
HomeEditors Pickसर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बदौलत अब ट्रांसजेंडर समुदाय को भी मिलेगा...

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बदौलत अब ट्रांसजेंडर समुदाय को भी मिलेगा नौकरी में अवसर, जानिए कैसे?

आज नई दिल्ली स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए रोजगार हेतु नीति बनाने के संबंध में राष्ट्रीय परामर्श बैठक का आयोजन हुआ।

उच्चतम न्यायालय ने शनवी पोन्नुसामी बनाम नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा अन्य की रिट याचिका में निर्णय देते हुए संघ सरकार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए एक समावेशी नीति बनाने के लिए निर्देश दिए है तथा इस विषय पर परामर्श कार्य करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है।

भारत सरकार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के काबिल नेतृत्व में ”अंत्योदय” के विजन के साथ समाज के सर्वाधिक दलित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 अधिनियमित किया है तथा इसका कार्यान्वयन उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) नियमावली, 2020 संबंधी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। ट्रांसजेण्डर समुदाय के समग्र कल्याण तथा उत्थान पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक उप-स्कीम के साथ लाभवंचित व्यक्तियों के लिए आजीविका तथा उद्यम हेतु सहायता (स्माइल) नामक एक स्कीम का हाल ही में लोकार्पण किया गया है। उपर्युक्त अधिनियम तथा नियमावली के अंतर्गत विभिन्न अधिकारों के लिए सुरक्षोपाय किए गए हैं जिनमें सुरक्षा, समाज में भेदभाव का समापन तथा कार्यस्थलों में भर्ती, रोजगार तथा पदोन्नति में समानता और समुचित सरकार द्वारा अपेक्षित कल्याण उपायों के गठन हेतु प्रावधान करना शामिल है।
स्माइल स्कीम के पास बिना किसी भौतिक जांच के एकीकृत पहचान प्रक्रिया के लिए समर्पित घटक हैं, गरिमा गृह नामक आश्रय गृह, छात्रवृत्ति, कौशल विकास, ट्रांसजेण्डर सुरक्षा प्रकोष्ठ तथा ट्रांसजेण्डर कल्याण बोर्डों के रूप में स्वास्थ्य एवं सुरक्षोपाय शामिल हैं। इस परामर्श बैठक में इस नीति के संबंध में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने, कार्यान्वयन योग्य विचार व्यक्त करने, अन्य सुझाव देने तथा कार्यस्थल पर ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों के सम्मानित समावेशन संबंधी आश्वासन के कार्ययोग्य उपाय बताने का अनुरोध कि ताकि भर्ती प्रक्रिया अथवा कार्यस्थल पर नियोजन अवधि के दौरान किसी ट्रांसजेण्डर व्यक्ति को विपरीत स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।

परामर्श बैठक में श्री ए. नारायणस्वामी जी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्रीमती अंजली भावड़ा जी, सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, श्रीमती राधिका चक्रवर्ती जी, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, विभिन्न आमंत्रित मंत्रालयों व राज्य सरकारों, नीति आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रतिनिधिगण, राष्ट्रीय ट्रांसजेण्डर व्यक्ति परिषद के सदस्य तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments