नई दिल्ली। देशभर में आज ईद का पर्व मनाया जा रहा है। ईद का पर्व मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काफी बड़ा त्योहार होता है। रमज़ान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद ईद-उल-फितर भाईचारे और अमन का पैगाम लेकर आती है। सऊदी अरब में रविवार को चांद दिखने के कारण 2 मई को ईद मनाई गई थी। वहीं आज देशभर में ईद मनाई जा रही है। जानिए ईद मनाने का कारण और इसका महत्व।
महत्व- मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का पर्व काफी खास होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमज़ान नौवां महीना होता है जिसमें रोजा रखे जाते हैं। वहीं दसवें महीने में शव्वाल होता है। शव्वाल का अर्थ है उपवास तोड़ने का पर्व। इसी कारण इस साल शव्वाल माह के शुरू होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय नमाज अदा करते हैं इसके बाद खजूर खाते हैं और एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। इसके साथ ही आज मीठी सेवइयां के साथ विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। मान्यता है कि आज के दिन जकात यानी दान देना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान देने से कई गुना अधिक सवाब मिलता है।
इतिहास- मान्यता है कि ईद की शुरुआत तब हुई जब पैगंबर मोहम्मद मक्का से मदीना आए थे। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों में ईद-उल-फितर निर्धारित किया। इसी कारण साल में दो बार ईद का पर्व मनाया जाता है। जिसमें पहली ईद-उल-फितर (मीठी ईद) के नाम से जाना जाता है और दूसरी को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के नाम से जाना जाता है। इस बार बकरीद का पर्व 9 जुलाई को पड़ सकता है।
माना जाता है कि इस दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। इसी जीत की शुखी में हर साल ईद के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता 624 ई में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया।