नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि में अधिकांश लोग व्रत रखते हैं और फलाहार का सेवन करते हैं, जिसमें मुख्यत कुट्टू के आटे का सेवन किया जाता है।शनिवार को नवरात्र का पहला व्रत तोड़ने के बाद कई लोग ने कुट्टू के आटे का सेवन किया, जिससे श्यामपुर क्षेत्र में ही करीब 21 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। आनन-फानन में परिजन उन्हें कांगड़ी स्थित निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने छह की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहां उनकी हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है। वहीं अन्य का कांगड़ी स्थित अस्पताल में इलाज चल रहा है। देर रात से लेकर रविवार करीब 11 बजे तक भी फूड प्वाइजनिंग के मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी था। चिकित्सा अधिकारी कुमार खगेन्द्र सिंह ने बताया कि सभी मरीजों ने शनिवार रात्रि में व्रत खोलने के दौरान कुट्टू के आटे का सेवन किया था। सेवन करने के बाद आटे के सिम्टम्स इनके शरीर में फैलने लगे और मरीजों को पेट में दर्द, उल्टी-दस्त और बीपी कम यह सभी शिकायतें होने लगी, जिसके बाद से ही रविवार सुबह 5 बजे से ही मरीज जिला अस्पताल आने शुरू हो गए।
चैत्र नवरात्र के व्रत में कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी-पूड़ी खाने से हरिद्वार जिले में 125 व्यक्ति बीमार पड़ गए। उल्टी-दस्त, पेट दर्द, चक्कर आने की शिकायत पर उन्हें जिले के विभिन्न छह अस्पतालों में भर्ती कराया गया। फूड प्वाइजनिंग के शिकार सभी मरीजों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। खाद्य विभाग ने कुट्टू के आटे के सैंपल ले लिए हैं। सूचना मिलने के बाद श्यामपुर पुलिस भी उन दुकानदारों से पूछताछ कर रही है जहां से कुट्टू का आटा खरीदा गया था. हरिद्वार में हुई घटना के बाद अब अधिकारियों पर एक्शन लेने की मांग उठ रही है। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक कुट्टू का आटा खाने से बीमार हुए मरीजों से मिलने पहुंचे। इसके साथ ही साधु संतों ने भी कुट्टू का आटा खाने से बीमार हुए मरीजों से बात की। साधु संतों ने तो इसे साजिश तक करार दे दिया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया की लगभग 130 मरीज अलग-अलग जगह भर्ती कराए गए, जिसमें 75 मरीज जिला अस्पताल व मेला अस्पताल में भर्ती हैं। लगभग 20 मरीज कनखल बंगाली अस्पताल में भर्ती हैं। 15 मरीज जीवन अस्पताल श्यामपुर में भर्ती हैं और 20 मरीज हरिद्वार के भूमानंद अस्पताल में भर्ती हैं। अभी सभी के हालत सामान्य है।