Thursday, April 25, 2024
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क्या यूपी में आ गया है नया एनकाउंटर स्पेशलिस्ट?

यूपी में अब नया एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आ गया है! उत्तर प्रदेश में एक नाम सुनकर हर किसी के पसीने छूटने लगते हैं और वो नाम है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अमिताभ यश का। उत्तर प्रदेश के इस सुपर कॉप के हाथों में जब बंदूक होती है तो निशाना भी कही न कही लगता ही है। फिलहाल इन दिनों अतीक अहमद के परिवार को अमिताभ यश के नाम का डर खाए जा रहा है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद गैंग उत्तर प्रदेश पुलिस के निशाने पर है और उसके परिवार को किसी से डर है तो वो हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अमिताभ यश। 1996 कैडर के आईपीएस (IPS) ऑफिसर अमिताभ यश उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) के चीफ हैं यानी एडीजी एसटीएफ। अमिताभ को उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा स्ट्रांग पुलिस ऑफिसर माना जाता है। जब भी किसी बड़े एनकाउंटर की बात होती है तो सरकार को सबसे पहले अमिताभ का ही नाम याद आता है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की बहन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अमिताभ यश का नाम लिया था। अतीक की बहन ने कहा था कि उन्हें डर है कि कहीं एसटीएफ चीफ उनके भाइयों का एनकाउंटर न करवा दें। आखिर क्यों अपराधी अमिताभ के नाम से इतना कांपते हैं। कौन हैं अमिताभ यश? बिहार के भोजपुर में पैदा हुए अमिताभ यश का बचपन ही पुलिस के इर्द-गिर्द घूमा। पिता राम यश भी पुलिस अधिकारी थे, तो बचपन से ही अमिताभ के अंदर भी पुलिस की नौकरी का जज्बा था। पटना से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली आ गए। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर आईआईटी कानपुर में उनका सेलेक्शन हो गया। देश के सबके टॉप इंस्टीट्यूट आईआईटी (IIT) से पास आउट होने के बावजूद अमिताभ ने अपनी ख्वाहिश पूरी की और वो थी आईपीएस बनने की।

1996 में वो आईपीएस बन गए और संतकबीर नगर जिले में एसपी के रूप में तैनात हुए। इसके बाद उत्तर प्रदेश के कई अलग-अलग जिलों में एसपी के तौर पर उनकी पोस्टिंग होती रही। साल 2007 में उन्हें पहली बार एसएसपी एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स में तैनात किया गया। बस यहीं से शुरू हुई उनके एनकाउंटर की कहानियां। उस दौरान उत्तर प्रदेश के जंगलों में ददुआ और ठोकिया जैसे डकैतों का काफी आतंक था। ददुआ गैंग की दहशत से लोग परेशान थे। तब अमिताभ यश ने महीनों तक जंगल में अपनी टीम के साथ कैंप डालकर ददुआ और दूसरे डकैतों को मार गिराया था। ठोकिया गैंग का सफाया करने वाले भी अमिताभ यश ही थे।

उत्तर प्रदेश से सिमी और हूजी जैसे आतंकी संगठनों का सफाया करने में भी अमिताभ यश का अहम योगदान है।बचपन से ही अमिताभ के अंदर भी पुलिस की नौकरी का जज्बा था। पटना से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली आ गए। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर आईआईटी कानपुर में उनका सेलेक्शन हो गया। देश के सबके टॉप इंस्टीट्यूट आईआईटी (IIT) से पास आउट होने के बावजूद अमिताभ ने अपनी ख्वाहिश पूरी की और वो थी आईपीएस बनने की। दरअसल मायावती सरकार के दौरान उन्हें एसटीएफ के अलावा उन्हें उत्तर प्रदेश एटीएस की जिम्मेदारी भी दी गई थी। उस दौरान पूरे देश में उत्तर प्रदेश में सिमी के तार लगातार फैलते जा रहा थे। हर आतंकी घटनाओं के साथ सिमी और हुजी का नाम जुड़ रहा था। ऐसे में इस सुपर कॉप ने ही यूपी से सिमी का सफाया किया।

हालांकि बाद में उन्हें एसटीएफ की जिम्मेदारियों से हटाकर नोएडा पुलिस का एसएसपी बना दिया गया था, लेकिन साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार आई तो अमिताभ यश को एक बार फिर एसटीएफ की जिम्मेदारी मिली। उन्हें एसटीएफ का आईजी बनाया गया।बचपन से ही अमिताभ के अंदर भी पुलिस की नौकरी का जज्बा था। पटना से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली आ गए। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर आईआईटी कानपुर में उनका सेलेक्शन हो गया। देश के सबके टॉप इंस्टीट्यूट आईआईटी (IIT) से पास आउट होने के बावजूद अमिताभ ने अपनी ख्वाहिश पूरी की और वो थी आईपीएस बनने की। 2021 में वो आईजी से प्रमोशन होकर एडीजी बना दिए गए हैं और पिछले पांच सालों से एसटीएफ की कमान उन्हीं के हाथ में है। उत्तर प्रदेश के फेमस अपराधी विकास दूबे का एनकाउंटर भी अमिताभ यश ने ही किया था। इसके अलावा ददुआ गैंग, निर्भय गुर्जर गैंग, ठोकिया समेत 150 से ज्यादा अपारिधियों को उन्होंने अपनी गोली से मार गिराया है।

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