Thursday, March 28, 2024
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मुलायम सिंह यादव कैसे बने विधायक?

मुलायम सिंह यादव अपने जीवन में कई बार विधायक बने! मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा के सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में ली। इसके बाद वह इटावा के केके कॉलेज में पढ़ाई करने पहुंच गए और यही से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मुलायम सोशलिस्ट पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर छात्र राजनीति में कूद पड़े। यही नहीं उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीतकर अध्यक्ष भी बने। अपने छात्र राजनीति में ही मुलायम सिंह यादव राम मनोहर लोहिया, नत्थू सिंह और कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया जैसे बड़े नेताओं के खास बन गए।

अध्यक्ष रहते हुए मुलायम सिंह यादव छात्रों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश करते रहे और दूर भी की। छात्र हित के लिए किसी भी आंदोलन से नहीं चूके। दोस्त के किसी भी काम को मुलायम अपने राजनीतिक संपर्क से करवा लेते थे, फिर वह काम चाहे कॉलेज के अंदर का हो या फिर बाहर रहा हो। उनके इसी मददगार स्वभाव के कारण दोस्त उन्हें एमएलए साहब कहकर बुलाने लगे।

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एक बार मुलायम सिंह यादव सिंचाई कीमत में बढ़ोतरी के विरोध में धरने पर बैठे गए थे। अपने इसी स्वभाव के कारण उनके दोस्त, छात्र और जानकार उन्हें एमएलए साहब कहकर बुलाने लगे। इसका जिक्र देशबंधु वशिष्ठ ने मुलायम सिंह यादव पर लिखी किताब ‘मुलायम सिंह यादव और समाजवाद’ में किया है।

आखिर में वह दिन भी आ गया, जिसका मुलायम सिंह यादव को इंतजार था। 1967 का वो दिन जब मुलायम सिंह सही में एमएलए बन गए। जसवंतनगर सीट से मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद फिर मुलायम सिंह यादव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुलायम सिंह यादव यूपी के तीन बार सीएम और देश के रक्षामंत्री भी रह चुके हैं। इस समय समाजवादी पार्टी की बागडोर मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश संभाल रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद आज मेदांता अस्‍पताल में निधन हो गया। क्या आपको पता है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक समय बिना चुनाव लड़े ही एमएलए बन गए थे। चौंकिए नहीं, ये बात सत्य है, लेकिन कुछ अटपटी है। बात उस समय कि है, जब मुलायम सिंह यादव कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, उसी समय से उनके साथी उन्हें एमएलए बुलाने लगे थे।

समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद आज मेदांता अस्‍पताल में निधन हो गया। क्या आपको पता है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक समय बिना चुनाव लड़े ही एमएलए बन गए थे।आखिर में वह दिन भी आ गया, जिसका मुलायम सिंह यादव को इंतजार था। 1967 का वो दिन जब मुलायम सिंह सही में एमएलए बन गए। जसवंतनगर सीट से मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद फिर मुलायम सिंह यादव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।आखिर में वह दिन भी आ गया, जिसका मुलायम सिंह यादव को इंतजार था।

1967 का वो दिन जब मुलायम सिंह सही में एमएलए बन गए। जसवंतनगर सीट से मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद फिर मुलायम सिंह यादव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुलायम सिंह यादव यूपी के तीन बार सीएम और देश के रक्षामंत्री भी रह चुके हैं।समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद आज मेदांता अस्‍पताल में निधन हो गया। क्या आपको पता है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक समय बिना चुनाव लड़े ही एमएलए बन गए थे। चौंकिए नहीं, ये बात सत्य है, लेकिन कुछ अटपटी है। बात उस समय कि है, जब मुलायम सिंह यादव कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, उसी समय से उनके साथी उन्हें एमएलए बुलाने लगे थे।

इस समय समाजवादी पार्टी की बागडोर मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश संभाल रहे हैं। मुलायम सिंह यादव यूपी के तीन बार सीएम और देश के रक्षामंत्री भी रह चुके हैं।जसवंतनगर सीट से मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद फिर मुलायम सिंह यादव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।आखिर में वह दिन भी आ गया, जिसका मुलायम सिंह यादव को इंतजार था। इस समय समाजवादी पार्टी की बागडोर मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश संभाल रहे हैं। चौंकिए नहीं, ये बात सत्य है, लेकिन कुछ अटपटी है। बात उस समय कि है, जब मुलायम सिंह यादव कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, उसी समय से उनके साथी उन्हें एमएलए बुलाने लगे थे।

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