Saturday, April 20, 2024
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जानिए ₹2000 के नोट की उदय और अस्त की कहानी!

आज हम आपको ₹2000 के नोट की उदय और अस्त की कहानी सुनाने जा रहे हैं! ATM से नोट निकलते वक्त लोग टकटकी लगाए रहते हैं कि कब वो बाहर आए और उसे पकड़ लें। यह बात सही है लेकिन कुछ समय पहले ऐसा भी था जब किसी एक खास नोट के न निकलने की लोग कामना करने लगे। जी हां बात हो रही 2000 के नोट की। एक दौर ऐसा आया जब इस नोट को रखने के लिए एटीएम में खास बदलाव किए गए लेकिन पिछले कुछ समय से 2 हजार के नोट एटीएम से निकलने बंद हो गए। लेकिन जब तक गुलाबी नोटों की एटीएम में मौजूदगी थी तब लोग ऐसे तिकड़म लगाने लगे कि यह नोट उन्हें न मिले। अब 2 हजार के नोटों की हमेशा के लिए विदाई होने जा रही है लेकिन जब भी 2 हजार के नोट की चर्चा होगी तब यह भी ख्याल आएगा कि आखिर इसके लिए क्या-क्या तिकड़म लगाए। 2 हजार के नोटों की छपाई वैसे तो कुछ समय बाद ही बंद हो गई थी और 90 फीसदी के करीब नोट मार्च 2017 के पहले ही जारी किए गए थे। जब पहली बार यह नोट मार्केट में आए तब इन गुलाबी नोटों को लेकर काफी चर्चा थी। लेकिन जल्द ही इन गुलाबी नोटों से लोगों ने दूरी बनानी शुरू कर दी। किसी भी व्यापारी या छोटे दुकानदार को यह नोट दो तब वह एक अलग ही नजर से देखता था। धीरे-धीरे दुकानदारों ने इन नोटों को लेने में आनाकानी शुरू कर दी। कभी सब्जी लेने के बाद 2 हजार का नोट पकड़ा दो तब सब्जीवाला यही कहता क्या मजाक है। यही वजह थी कि लोग चाहते थे कि यह नोट एटीएम से बाहर न आए।

ATM से गुलाबी नोटों के निकलते ही लोगों का चेहरा लाल हो जाता था। यदि कोई दस हजार रुपये निकालता या कई बार सिर्फ 2 हजार रुपये एटीएम से निकालता था तो 2 हजार का नोट ही बाहर आ जाए। कई बार 2 हजार निकालते वक्त एक ही गुलाबी नोट बाहर निकल आता और फिर मुंह लटक जाता था। इस पर नोट निकालने का कोई अधिकार या ऑप्शन नहीं था कि वह नोट न निकले इसका चयन कर सके। फिर धीरे-धीरे लोगों ने तिकड़म लगाना शुरू कर दिया और किसी को 2 हजार की जरूरत रहती तो वह 1800 रुपये का चयन करता सिर्फ इसलिए कि 2 हजार का नोट बाहर न आए।

शुरुआत में अधिकांश एटीएम से 2 हजार से अधिक रुपये निकालने पर एक नोट जरूर 2 हजार का निकलता। और यहीं से शुरू हो जाती थी टेंशन। कई बार 2 हजार निकालते वक्त एक ही गुलाबी नोट बाहर निकल आता और फिर मुंह लटक जाता था। इस पर नोट निकालने का कोई अधिकार या ऑप्शन नहीं था कि वह नोट न निकले इसका चयन कर सके। फिर धीरे-धीरे लोगों ने तिकड़म लगाना शुरू कर दिया और किसी को 2 हजार की जरूरत रहती तो वह 1800 रुपये का चयन करता सिर्फ इसलिए कि 2 हजार का नोट बाहर न आए।अब सब्जी लेना हो या राशन की दुकान से कुछ छोटा-मोटा सामान, इसको लेने के लिए कोई तैयार नहीं होता था। कुछ समय बाद लोग यह पता करना भी शुरू कर दिए कि किस एटीएम से यह नोट नहीं वहीं जाकर नोट निकालेंगे। यह कहानी है उस गुलाबी नोट की जिससे अधिक रकम का कोई नोट बाजार में नहीं। खैर अब इन गुलाबी नोटों की अंतिम विदाई का भी वक्त सरकार ने तय कर दिया है।

नोटबंदी के बाद चलन में आए 2000 रुपये के नोट के भविष्य को लेकर चर्चा कुछ समय बाद ही शुरू हो गई थी। समय-समय पर यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या 2 हजार के नोट बंद होंगे। इसको लेकर संसद में भी सवाल पूछे गए। नवंबर 2016 में मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी के बाद 2017 की शुरुआत में 2000 रुपये के नोट चलाए गए थे।नोटबंदी के बाद चलन में आए 2000 रुपये के नोट के भविष्य को लेकर चर्चा कुछ समय बाद ही शुरू हो गई थी। समय-समय पर यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या 2 हजार के नोट बंद होंगे। इसको लेकर संसद में भी सवाल पूछे गए। नवंबर 2016 में मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी के बाद 2017 की शुरुआत में 2000 रुपये के नोट चलाए गए थे। कहा जा रहा था कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग कथित रूप से काला धन जमा करने और काले धन को सफेद बनाने में किया जा रहा था।कहा जा रहा था कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग कथित रूप से काला धन जमा करने और काले धन को सफेद बनाने में किया जा रहा था।

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