Thursday, April 25, 2024
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जानिए ! फ़िल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ को देख दर्शक क्यों हुए जज्बाती ?

दर्शक फ़िल्मतू झूठी मैं मक्कारको बेहद पसंद कर रहे हैं. दर्शकों को यह फ़िल्म थोड़ी हटकर लग रही है. जिसके कारण फ़िल्म को दर्शकों से अधिक प्यार मिल रहा है. यह फ़िल्म सेकंड हाफ़ के बाद इमोशनल हो जाती है जिसमें कई ऐसी चीज़ें दिखाती है जो आज के समय में लोग अपने साथ कनेक्ट कर पाते हैं. इस फ़िल्मतू झूठी मैं मक्कारमे रोमांस, फ़ैमिली वैल्यू और दोस्ती से बने इमोशंस को दिखाया गया है. इस फ़िल्म की कहानी की बात करें तो कहानी कुछ इस प्रकार है. फ़िल्मों में रणबीर कपूर (मिकी) का रोल अदा कर रहे है और इस फ़िल्म में उनके फ़ैमिली का बैकग्राउंड साउथ दिल्ली के बिज़नेस क्लास में दिखाया गया है.

रणबीर कपूर (मिकी) के दोस्त अनुभव सिंह बस्सी यानी (डबास) है ये दोनों ही मिलकर इस साइड बिज़नेस चलाते हैं जिस बिज़नेस का नाम कपल्स का ब्रेकअप करवाना होता है. जिसके बाद फ़िल्म कुछ इस तरह के बढ़ती है कि दोनो दोस्त मिकी और डबास एक बैचलर पार्टी में जानते हैं जहाँ उनकी मुलाक़ात श्रद्धा कपूर यानी (टिनी) से होती है और वे उनसे अट्रैक्ट हो जाते हैं दोनों टाइम पास समझ कर इस रिलेशनशिप की शुरुआत करते हैं पर इन्हें कब एक दूसरे से प्यार हो जाता है इस बात से बेख़बर रहते हैं और बात कब बात शादी तक पहुँच जाती है इन्हें पता ही नहीं चलता. इस फ़िल्म में मिकी की फ़ैमिली मॉडर्न फ़ैमिली के तौर पर दिखाई गई है जो टिनी को अपने फ़ैमिली में एक्सेप्ट कर लेते हैं तभी इस कहानी में ट्विस्ट आता है जब टिनी इस रिश्ते को तोड़ना चाहती है. क्या आप जानते हैं कि टिनी नेये फ़ैसला क्यों लिया ? क्या दोनों की शादी होती है ? आख़िर क्या होता है इस फ़िल्मतू झूठी मैं मक्कार में. 

लव रंजन फ़िल्मों में अलग लेवल के नाम से जाना जाते है उनकी सभी फ़िल्में आज के समय की यूथ के दिलों में जगह बना लेती है. फ़िल्म चाहे गर्लफ़्रेंड से परेशान बॉयफ़्रेंड के ऊपर हो या फिर प्यार और दोस्ती में से एक को चुनने जैसा हो ऐसी फ़िल्मों से यंगस्टर्स अपने आपको कनेक्टेड समझते हैं. ऐसा ही कुछ इस फ़िल्म में देखा गया है. जहाँ लड़का लड़की और फ़ैमिली ठीक भी पेंडुलम बना रह गया है और इस फ़िल्मों में खिलाड़ी को इंडिपेंडेंट लाइफ़ जीने की चाहत होती है साथ ही उसे जॉइंट फ़ैमिली में फँसने की कोई तमन्ना नहीं होती. जहाँ इस फ़िल्मों ने कुछ नया रंग दिखाया है. फ़िल्म को पहले तो थोड़ा बोरिंग और खींचा गया है है जिसे देख लोग थोड़ा बहुत होरहे थे और एडिटिंग की कमी भी देखी गई परंतु इंटरवल के बाद फ़िल्म में एक नया मोड़ जाता है जहाँ दर्शक काफ़ी एक्साइटेड और इमोशनल हो जाते हैं. इतना ही नहीं फ़िल्मों में दो और एक्टर्स की धमाकेदार एंट्री होती है जिन्हें दर्शक देख ख़ुश होते हैं

फ़िल्म का मज़बूत हिस्सा इसका टेक्निकल पार्ट है जिसमें सिनेमेटोग्राफ़ी संथाना कृष्णन रविचंद्रन और अयांका बॉस की रही. चाहे वो स्पेन के लोकेशन का हो या फिर सिल्वर स्क्रीन पर फ़िल्म को देखना हो. फ़िल्मों को सिल्वर स्क्रीन पर देखना किसी ट्रीट से कम नहीं लगता. हितेश सोनिक का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के इमोशन के साथ म्यूजिक के वैरिएशन ने उसके सीन्स पर मानो जान सी डाल दी है. प्रीतम के गाने की बात करता तो प्रीतम के गानों ने रिलीज से पहले ही धूम मचा दी थी खासकर गाना तेरे प्यार में, कई बार प्यार होता है, बेदर्दी जैसे गाने लोगों के प्ले लिस्ट में जल्द ही शुमार हो जाएंगे. एडिटिंग में कुछ ख़ास मज़ा नही आया. एडिटिंग में अकीव अली और चेतन सोलंकी की लापरवाही साफ दिखी है. अगर फर्स्ट हाफ के कुछ सीन्स को एडिट कर क्रिस्प कर दिए जाते, तो शायद फिल्म और ब्लॉकबस्टर होती. फ़िल्म में वो हर चीज़ मौजूद है जो किसी भी से सिनेमा से प्यार करने वाले दर्शकों को पसंद होती है. फ़िल्मों में चीज़ दिखाई गई है चाहे वो रोमांस, कॉमिडी, फैमिली ड्रामा, फ्रेंडशिप हो इस फ़िल्मतू झूठी मैं मक्कारमे सब देखने को मिलेगा. रणबीर कपूर के फैंस के लिए यह ट्रीट जैसा है कि लंबे समय बाद उन्होंने रॉमकॉम जॉनर में वापसी की है. वहीं, श्रद्धा कपूर को भी एक लंबे समय के बाद सिल्वर स्क्रीन पर देखकर फैंस निराश नहीं होंगे. लव स्टोरी के साथसाथ फैमिली इमोशन के तड़के ने फिल्म में चार चांद लगा दी है. श्रद्धा और रणबीर की फ्रेश जोड़ी भी इसका एक हुक फैक्टर है. फिल्म एंटरटेनिंग है, दावा है सेकेंड हाफ के आखिर के तीस मिनट आपके हंसतेहंसते गुजरेंगे. फिल्म को एक मौका तो जरूर बनता है.

 

 

 

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