Home Fashion & Lifestyle एक्सपर्ट्स से जानें अस्थमा के बारें में कुछ जरुरी बातें, और क्या है इसके ट्रिगर्स

एक्सपर्ट्स से जानें अस्थमा के बारें में कुछ जरुरी बातें, और क्या है इसके ट्रिगर्स

एक्सपर्ट्स से जानें अस्थमा के बारें में कुछ जरुरी बातें, और क्या है इसके ट्रिगर्स

नई दिल्ली। अस्थमा या ब्रोन्कियल अस्थमा वायुमार्ग में होने वाली सूजन की बीमारी है, जिसकी वजह से वायुमार्ग में सूजन आ जाती है और वे सिकुड़ भी जाते हैं। इसकी वजह से लगातार खांसी आना, सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और घरघराहट जैसे लक्षण परेशान करने लगते हैं। अस्थमा कई तरह के होते हैं, इसलिए इन्हें ट्रिगर करने की वजह भी अलग-अलग हो सकती हैं। आम तरह के अस्थमा में, एलर्जिक अस्थमा, कफ-वेरिएंट अस्थमा, नॉन-एलर्जिक अस्थमा, नॉकचर्नल अस्थमा और ऑक्यूपेशनल अस्थमा।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में सिगरेट का धुंआ और बाहरी प्रदूषण अस्थमा के सबसे आम ट्रिगर हैं। हर साल विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बारे में जागरुक किया जा सके। इस साल 3 मई को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है, और इस अवसर पर, हमने इस रोग के विभिन्न कारणों पर विशेषज्ञ से बात की।

साइनस संक्रमण, एल्रजीस, पोलन, केमिकल्स को सूंघ लेना और एसिड रीफलक्स अस्थमा अटैक के कुछ ट्रिगर्स हैं। कोविड संक्रमण से रिकवरी भी आप में अस्थमा के जोखिम को बढ़ाती है। कोविड रिकवरी के बाद एलर्जीस का परेशान करना आम बात हो गई है। धुएं, धूल, तेज़ मेहक जैसी चीज़ें जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकती हैं, इनसे दूर रहना चाहिए।

डॉक्टर्स के अनुसार,- “अस्थमा वायुमार्ग की एक बीमारी है, जिसमें उस वक्त सूजन आ जाती है, जब कोई व्यक्ति इस समस्या को ट्रिगर करने वाली किसी चीज़ के संपर्क में आता है। इंफ्लेमेशन वायुमार्ग की परत की सूजन के साथ-साथ वायुमार्ग की मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बनती है जिसे ब्रोंकोस्पज़म कहा जाता है। इससे सांस लेते समय फेफड़ों के अंदर और बाहर वायु प्रवाह में रुकावट आती है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को आमतौर पर सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, खांसी, घरघराहट और कफ में श्लेष्मा बढ़ने की शिकायत होती है।”

अस्थमा को ट्रिगर करने वाले आम कारण:

– मौसम में बदलाव

– एसी वाले कमरे से अचानक धूप में चले जाना

– ठंडा पानी, सीने में जलन

– धूल, पेड़ या फिर घास के पोलन से संपर्क में आना

– पर्फ्यूम और दूसरी तरह की तेज़ महक के संपर्क में आना

– किसी तरह के धुएं या फिर धूल के संपर्क में आना

– एस्प्रिन, NSAIDS, आइबूप्रोफेन, डिक्लोफेनेक, ब्लड प्रेशर की दवा जैसी दवाइयों के संपर्क में आना

– तनाव

– उपचार का पालन न करना

– शराब, सिगरेट या फिर ड्रग्ज़ का सेवन करना

– रोजगार या आय की समस्याएं

– कोरोना वायरस या फ्लू जैसे वायरल संक्रमण

– जिन लोगों को व्यायाम की वजह से अस्थमा होता है, ऐसे लोगों में व्यायाम के दौरान लक्षण बढ़ जाते हैं।

– पुराने फर्नीचर, दीवारों में मोल्ड, घर में नमी, तिलचट्टे और कई अन्य तरह के ट्रिगर्स हो सकते हैं।