Friday, March 29, 2024
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पिता ही बन बैठा मासूम बच्चे का कातिल?

माता पिता और बच्चे कि प्यार को तार-तार कर देने वाली यह खबर सामने आई है। जहां एक पिता ही अपने 11 महीने के मासूम बच्चे का कातिल बन गया। भला पिता भी जा कर सकता था बेरोजगारी के आगे मजबूर था। यह घटना राजस्थान के जालौर की है। राजस्थान के जालोर में आर्थिक तंगी से परेशान एक पिता ने अपने ही 11 महीने के बेटे को नर्मदा नहर में फेंक कर मार डाला। आरोपी ने ठीक 2 वर्ष पहले लव मैरिज की थी। आरोपी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पैसे कमाने का कोई साधन नहीं था। काम करने के लिए कोई काम नहीं था जिसके कारण घर चला पाना असंभव सा हो रहा था। खाने पीने के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में आरोपी ने बच्चे को मारने का प्लान बनाया बच्चे को दादा-दादी के पास छोड़ने के बहाने वह बच्चे और अपनी पत्नी के साथ गुजरात से राजस्थान मे आ गया था।
यह पूरी वारदात जालोर के सांचौर की है। लगभग 24 घंटे के बाद पुलिस ने मासूम का शव नर्मदा नदी से बरामद किया। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मुकेश बनासकांठा के वाव थाना क्षेत्र के नलोधर गांव का रहने वाला है।
संजू थाने के एएसआई राजू सिंह ने बताया कि अपनी 11 महीने की बेटे के मर्डर से पहले आरोपी गुरुवार को सांचौर गांव में रामदेवरा यात्रियों के लिए लगाए गए राम रसोई में खाना खाया था। इसके बाद अपनी पत्नी से कहा था कि हमारी लव मैरिज के चलते घर वाले नाराज हैं। इसलिए मैं अकेले जाकर बच्चे को उसके दादा-दादी के पास छोड़ आता हूं। पुलिस के मुताबिक उसने पत्नी को वहीं पर रोका और 200 मीटर दूर जाकर बेटे को नहर में फेंक दिया। वापस आकर उसने पत्नी को बताया कि बच्चे को घर के बाहर छोड़ कर आया हूं घरवालों को फोन करके बता दूंगा।

आरोपी पिता की प्रतिक्रिया-

आरोपी पिता अर्थात मुकेश ने पुलिस को यह बताया कि करीब 2 साल पहले उसने बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली लड़की से लव मैरिज की थी और शादी के बाद से वे पत्नी के साथ अहमदाबाद में रहने लगा था। जहां पर वह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। मैनेजर सिक्योरिटी गार्ड बदलते रहते थे इसलिए करीब 7 महीने पहले उसकी नौकरी छूट गई साथ ही उसने यह भी बताया कि उसने अपने परिवार को चलाने के लिए भीख तक मांगी परंतु उससे भी कुछ हासिल नहीं हो पाया। बेरोजगारी इतना मजबूर कर रही थी कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने अपने पूरे परिवार के साथ कंकरिया तलाब में कूदकर सुसाइड करने का प्लान बनाया था। लेकिन वहां लोगों की आवाजाही बहुत ज्यादा अधिक है जिसके कारण ऐसा कर पाने में समर्थ नहीं हो पाया था।

20 किलोमीटर दूर मिला बच्चे का शव

आर्थिक तंगी से परेशान होकर पिता ने अपने ही मासूम बच्चे की जान ले ली। राम रसोड़े में पुलिस मित्र कानाराम ने पति पत्नी को पहले बच्चे के साथ देखा था लेकिन थोड़ी देर बाद है अहसास किया कि उनके पास बच्चा नहीं था। यह शक होने पर उन्होने सांचौर पुलिस को इस घटना की सूचना दी पुलिस ने हिरासत में लेकर आरोपी से पूछताछ की। पूछताछ करने के बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल लिया जिसमें आरोपी ने यह बताया कि बेरोजगारी के कारण मेरे पास बच्चे को खिलाने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए मैंने अपने ही बच्चे को नहर में फेंक दिया। आरोपी का गुनाह कबूल ने के बाद पुलिस ने शुक्रवार शाम करीब 5:00 बजे सिद्धेश्वर से 20 किलोमीटर दूर पेट्रोल में नहर से बच्चे का शव बरामद कर लिया और पोस्टमार्टम के बाद नगरपालिका के सहयोग से मासूम का अंतिम संस्कार करा दिया।

बच्चे की मां ने बताया कि मुकेश बोल रहे थी भूख से मर रहे हैं। रोड पर घूम रहे हैं अच्छा नहीं लग रहा 5 दिन पहले अहमदाबाद में मरने के लिए गए थे। फिर वह बोले चलो मरते नहीं है बच्चे को मम्मी पापा के पास छोड़ देते हैं। दोनों मिलकर नौकरी करेंगे और अपनी आर्थिक तंगी को खत्म करेंगे। सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। लेकिन मैंनेजर सिक्योरिटी गार्डों को बदलते रहते थे। इसलिए नौकरी चली गई थी और भूख से मर रहे थे। मैं अपने घर वापस भी नहीं जा सकती थी घरवालों ने कहा था कि तूने जो कदम उठाया है ना लौट कर वापस मत आना।

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