नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर बड़ी खबर आई है. यहां सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 20 हजार अभ्यर्थियों का यूपीटीईटी 2021 का रिजल्ट रोक दिया है. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश पर इन सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल किया गया था. 8 अप्रैल 2022 को जारी रिजल्ट को लेकर सचिव परीक्षा नियामक अनिल भूषण ने बताया कि 6.60 लाख अभ्यर्थी पास हुए हैं. प्राइमरी लेवल पर 38 फीसदी, अपर प्राइमरी में 28 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए हैं. प्राथमिक स्तर पर 4 लाख 43 हजार 598 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित हुए हैं. इसके अलावा उच्च प्राथमिक स्तर पर 2 लाख 16 हजार 994 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इन सभी अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान यानी से डीएलएड परीक्षा पास की है, जिन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. हालांकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने जा रहे हैं. यूपीटीईटी परीक्षा में शामिल इन 20 हजार अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर कोर्ट केस लिखकर आ रहा है। हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने एनआईओएस से डीएलडी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा में शामिल कर तो लिया, लेकिन उनका रिजल्ट घोषित करने की जगह विभाग एकलपीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने जा रहा है। इस विषय में शासन से अनुमति मांगी गई है
बता देंबता दें कि यूपीटीईटी 2021 परीक्षा प्राथमिक स्तर पर 4 लाख 43 हजार 598 परीक्षार्थी और उच्च प्राथमिक स्तर पर 2 लाख 16 हजार 994 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। यूपी में करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड कोर्स किया है. पटना हाईकोर्ट के जनवरी 2020 में एक फैसले के बाद एनसीटीई ने इसे मान्य किया था. केंद्र सरकार ने निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए एनआईओएस की ओर से डीईएल प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी. एनसीटीई ने भी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (एनआईओएस) से 18 महीने के डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन कोर्स को देशभर में मान्य करार दिया था दरअसल, निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले अप्रशिक्षित छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की पहल पर डीएलएड प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी. इधर, पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद एनआईओएस ने प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों को टीईटी और शिक्षक भर्ती के लिए मान्य माना था, जिसके बाद ये छात्र यूपीटीईटी की परीक्षा में बैठे, लेकिन जब रिजल्ट आया तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इनके रिजल्ट पर कोर्ट केस लिया दिया. विभाग अब कोर्ट के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने जा रहा है