Tuesday, March 19, 2024
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संसद भवन के उद्घाटन पर क्या बोल गए पीएम मोदी?

हाल ही में संसद भवन के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने एक बयान दिया था! नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधीनम महंतों का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्‍होंने सेंगोल के जरिये कांग्रेस का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जि‍म्मेदारी है। वह कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा। अच्‍छा होता कि आजादी के बाद इस पवित्र सेंगोल को पर्याप्‍त स्‍थान दिया जाता। लेकिन, उस सेंगोल को प्रयागराज में वॉकिंग स्टिक बताकर म्‍यूजियम में देखने के लिए रख दिया गया था। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान नए परिसर में सेंगोल को स्‍थापित किया जाएगा। इसे स्‍थापित करने से पहले सेंगोल स्‍वीकारते हुए पीएम ने अधीनम महंतों का आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु के संतों के बीच उन्‍होंने इसके महत्‍व को बताया। साथ ही इसके जरिये विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा कि पूज्‍य सेंगोल को म्‍यूजियम में रख दिया गया था। सरकार अब उस सेंगोल को प्रयागराज के आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आजादी के उस पहले पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। सेंगोल को वॉकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था।

सेंगोल के महत्‍व का उल्‍लेख करते हुए पीएम ने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक होता था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है।सेंगोल के महत्‍व का उल्‍लेख करते हुए पीएम ने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। स्‍थापित करने से पहले सेंगोल स्‍वीकारते हुए पीएम ने अधीनम महंतों का आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु के संतों के बीच उन्‍होंने इसके महत्‍व को बताया। साथ ही इसके जरिये विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा कि पूज्‍य सेंगोल को म्‍यूजियम में रख दिया गया था। सरकार अब उस सेंगोल को प्रयागराज के आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आजादी के उस पहले पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। सेंगोल को वॉकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था।सेंगोल इस बात का प्रतीक होता था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है। वह कभी कर्तव्य के रास्‍ते से भटकेगा नहीं। इसे वॉकिंग स्टिक कहकर म्‍यूजियम में रखना इसका अपमान था।वह कभी कर्तव्य के रास्‍ते से भटकेगा नहीं। इसे वॉकिंग स्टिक कहकर म्‍यूजियम में रखना इसका अपमान था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।स्‍थापित करने से पहले सेंगोल स्‍वीकारते हुए पीएम ने अधीनम महंतों का आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु के संतों के बीच उन्‍होंने इसके महत्‍व को बताया। साथ ही इसके जरिये विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा कि पूज्‍य सेंगोल को म्‍यूजियम में रख दिया गया था। सरकार अब उस सेंगोल को प्रयागराज के आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आजादी के उस पहले पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। सेंगोल को वॉकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था। भारत की आजादी में तमिलों के योगदान को वह महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। अब बीजेपी ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है।

तमिलनाडु के 25 अधीनमों तमिल संतों ने कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने प्रधानमंत्री को बधाई दी।स्‍थापित करने से पहले सेंगोल स्‍वीकारते हुए पीएम ने अधीनम महंतों का आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु के संतों के बीच उन्‍होंने इसके महत्‍व को बताया। साथ ही इसके जरिये विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा कि पूज्‍य सेंगोल को म्‍यूजियम में रख दिया गया था। सरकार अब उस सेंगोल को प्रयागराज के आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आजादी के उस पहले पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। सेंगोल को वॉकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था। अलग-अलग मठों का प्रसाद दिया। पीएम मोदी को स्मृतिचिन्ह भी दिया गया। आजादी के समय तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिए गए सेंगोल की प्राण प्रतिष्ठा करके रविवार को सेंट्रल हॉल में रखा जाएगा। बीजेपी ने सेंगोल के जरिये तमिलों के मर्म को छुआ है। वह साउथ में अपने रास्‍ते खोलने में जुटी हुई है।

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