Thursday, April 25, 2024
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जब खुल गई पाकिस्तान की दो मुंही चाल!

पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आए और पाकिस्तान की दो मुंही चाल खुल गई! पाकिस्तान बाज नहीं आने वाला। उसकी हिमाकत देखिए, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी में हैं। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बिलावल की मौजूदगी में शंघाई सहयोग संगठन की हुी मीटिंग में आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया। जयशंकर ने एससीओ मेंबर्स को याद दिलाया कि आतंकवाद से मुकाबला एससीओ के कुछ मूल मुद्दों में एक है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद को उसके हर रूप में परास्त करना होगा जिनमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है। जयशंकर जब बोल रहे थे, तभी जम्मू-कश्मीर में हमारे पांच जवान आतंकवाद की भेंट चढ़ गए। जम्मू में राजौरी के कंडी जंगल में आतंकवादियों ने ब्लास्ट से सेना के जवानों को निशाना बनाया। इस हमले में दो जवानों को मौके पर ही वीरगति मिल गई जबकि घटना में घायल चार अन्य जवानों में तीन की जान इलाज के दौरान चली गई। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के भारत दौरे पर आतंकवादियों का बिल से निकलना कोई संयोग नहीं है। निश्चित रूप से इसका पाकिस्तान से सीधा कनेक्शन है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान आतंकवाद से कब मुंह मोड़ेगा? पाकिस्तान की मंशा इस बात से भी स्पष्ट होती है कि वहां के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बिलावल को उकासाया था। उन्होंने कहा कि बिलावल भुट्टो भारत में हैं। ऐसे में उनके पास मौका है कुछ मुद्दे उठाने का और उम्मीद है कि वो इस मौके को चूकेंगे नहीं। दुनिया को पता है कि पाकिस्तान हर मंच पर भारत को लेकर कौन से मुद्दे उठाता है। मौके और दस्तूर की परवाह किए बिना पाकिस्तान हर जगह कश्मीर का राग अलापता रहता है। बिलावल जब भारत में हैं तो निश्चित रूप से पाकिस्तान यह बताने की कोशिश में जुटा होगा कि कश्मीर शांत नहीं है और वहां भारत के खिलाफ माहौल है। एससीओ देशों के प्रतिनिधियों के सामने यही जताने के लिए पाकिस्तान ने अपने भाड़े के टट्टुओं को बिल से निकलकर हरकतें करने का इशारा दिया है। पाकिस्तान इस आतंकवाद का असर दिखाने में तो कामयाब रहा, लेकिन उसका यह मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा कि एससीओ देश कश्मीर पर भारत का विरोध करके उसका समर्थन कर दें।

पाकिस्तान ने आतंकवादियों को बिल से निकाल तो दिया, लेकिन अब वह यह भी देख लेगा कि उन भाड़े के टट्टुओं का क्या हाल होता है। बस वक्त की बात है। हमारे वीर जवान आतंकियों की सघन खोजबीन में जुटे हैं। हमला करके वापस बिल में घुसे आतंकियों को ढूंढने में वक्त जो लग जाए, लेकिन उनका सफाया तो निश्चित है। तब दुनिया देखेगी कि भारत की ताकत क्या है और पाकिस्तान भी बिलबिलाएगा। बिलावल के भारत दौरे पर बड़े आतंकी वारदात को अंजाम दिलाकर पाकिस्तान मन ही मन में भले ही खुश होता हो और अपनी पीठ थपथपाया हो, लेकिन दुनिया उसे हिकारत के भाव से ही देखेगी। कश्मीर में भारत को कमजोर दिखाने की यह चाल, एससीओ मेंबर की नजरों में उलटा ही पड़ेगा। निश्चित रूप से एससीओ मेंबर भी यह समझने में देर नहीं करेंगे कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री की मौजूदगी वाली अंतरराष्ट्रीय संगठन की बैठक के दौरान कश्मीर में आतंकवादी हरकतों का क्या मतलब है।

बहरहाल, सेना ने कंडी जंगल में आतंकवादियों के एक गुट को घेर रखा है। उन्हें ठिकाना लगाने के लिए सेना का संयुक्त अभियान त्रिनेत्र चल रहा है। हमारे जवानों पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश के लिए जमीन और आसमान से नजर रखी जा रही है। इस सर्च ऑपरेशन में वायुसेना के विमान जंगल के चक्कर लगा रहे हैं। वक्त जो भी लगे, लेकिन बिल में छिपे आतंकियों को कीमत तो चुकानी ही होगी। पाकिस्तान का दोमुंहापन भी एससीओ सदस्य देशों के सामने फिर से उजागर हो चुका है। एक तरफ मीटिंग के टेबल पर आतंकवाद पर चिंता जताना और दूसरी तरफ आतंकवादियों को पाल-पोषकर मौके पर इस्तेमाल करना, पाकिस्तान की ये नापाक हरकतें किसी से छिपी नहीं रह गई हैं। हैरत की बात है कि भारत उसे वक्त-वक्त पर मुंहतोड़ जवाब देता रहता है, फिर भी कहते हैं- कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं हो सकती। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि दुम ही काट दी जाए। भारत के पास शायद अब यही रास्ता बचा है कि पाकिस्तान नाम के कैंसर की ठीक से सर्जरी की जाए।

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