Tuesday, December 5, 2023
HomeIndian Newsआखिर कब बाहर आएंगे उत्तराखंड की गुफा में फंसे श्रमिक?

आखिर कब बाहर आएंगे उत्तराखंड की गुफा में फंसे श्रमिक?

उत्तराखंड की गुफा में फंसे श्रमिक अब बाहर आने की तैयारी में है! यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई भारी अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से ‘एस्केप टनल’ तैयार की जा रही है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया, लेकिन शाम तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखने के कारण पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। सुरंग में करीब 60 से 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेस्क्यू कार्य में एक से दो दिन का समय और लग सकता है।

वहीं मंगलवार देर रात सुरंग के अंदर एक मजदूर की तबीयत खराब होने लगी। मजदूर को चक्कर आने और उल्टी होने की सूचना मिलने से बाकी मजदूर घबरा गए। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर मजदूर को पाइप के जरिये दवा भेजी गई। कुछ मजदूरों में बुखार, बदन दर्द और घबराहट की शिकायतें हैं। उनके लिए भी दवाएं और उनको कैसे लेना है इसके लिए एक पर्चा साथ में भेजा गया। मजदूरों की हालत बिगड़ने की सूचना पर उनके साथियों ने हंगामा भी किया। सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पांच दिनों से फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। दिल्ली से लाई गई अमेरिकी ऑगर मशीन से गुरुवार को ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। ड्रिलिंग के बाद स्टील के बड़े व्यास वाले पाइपों से एक एस्केप टनल तैयार की जाएगी ताकि मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। सुरक्षाकर्मियों ने सुरंग के 200 मीटर क्षेत्र को आम लोगों और मीडिया की आवाजाही के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। मजदूरों को सुरंग में फंसे हुए 100 से अधिक घंटे हो गए हैं।

कुछ मजदूरों की तबीयत खराब होने की भी खबर है। हालांकि मजदूरों को हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्हें बॉक्सिजन, बिजली, दवाएं और पानी भी पाइप के जरिए लगातार पहुंचाया जा रहा है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रति घंटे पांच से सात मीटर भेदन क्षमता वाली मशीन जल्दी ही सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा करने का फैसला लिया है।

सिलक्यारा पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत हो रही है। सुरंग में फंसे झारखंड निवासी 22 साल के महादेव ने अपने मामा से बातचीत की। महादेव ने कहा कि वह और उसके सभी साथी सुरक्षित हैं। सुरंग में फंसे महादेव का अपने मामा से बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है। चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था। तब से 40 मजदूर उसके अंदर फंसे हुए हैं।

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से एयरफोर्स के विमानों से एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ भेजी गई। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के अनुरोध पर पीएमओ के आदेश पर सेना की अति आधुनिक ऑगर मशीन उपलब्ध कराई गई है। इन मशीनों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। बताया गया कि ऑगर मशीन के हिस्सों की पहली खेप सिलक्यारा सुरंग पर पहुंच गई है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है। सुरंग में मंगलवार रात को ताजा भूस्खलन के चलते एस्केप टनल बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए लाई गई ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव काम बाधित हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि नई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करने से पहले सिलक्यारा सुरंग के बाहर पूजा भी की गई । केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल सेवानिवृत्त वी के सिंह ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान का निरीक्षण किया। इससे पहले मंगलवार देर रात मलबे की ड्रिलिंग के दौरान भूस्खलन होने व मिट्टी गिरने से काम को बीच में रोकना पड़ा था। बाद में ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी। इसके बाद भारतीय वायु सेना के सी 130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी, अत्याधुनिक, बड़ी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments