Thursday, April 25, 2024
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एक देश, एक भाषा पर क्यों भड़के स्टालिन?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन एक देश एक भाषा पर भड़क गए हैं! तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है। स्टालिन ने शनिवार को कहा कि भाजपा अपने राज्यपालों के माध्यम से समानांतर सरकारें चलाने की कोशिश कर रही है। स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार (BJP government) की इस प्रकार की सोंच और नीतियां जनविरोधी हैं। मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से त्रिशूर में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक भाषा, एक धर्म और एक संस्कृति (one language one culture) को थोपने वाले भारत की एकता के दुश्मन हैं। स्टालिन (M. K. Stalin) ने कहा कि एकरूपता से आप कभी एकता को हासिल नहीं कर सकते। इस दौरान स्टालिन ने डीएमके के सदस्यों सहित 27 सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि भारतीय लोकतंत्र की ऐसी स्थिति है। यहां संसद में भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जो कि राय व्यक्त करने का एक मंच है।

जीएसटी ने राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता को लूटा – स्टालिन 

स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के लिए एक बाधा थी, जीएसटी ने राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता को लूट लिया। एनईईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं ने उत्पीड़ितों को शिक्षा से वंचित कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने राज्यों पर शासन करना है, भले ही हम इन सभी बाधाओं का सामना करते हैं। हमें लोगों की जरूरतों और अपेक्षाओं को भी पूरा करना है। लेकिन मैं अभी भी आशान्वित हूं। उन्होंने कहा कि भारत का लंबा इतिहास और लोगों का भाईचारा निश्चित रूप से देश की रक्षा करें। स्टालिन ने कहा कि भारत को मजबूत बनाने के लिए संघवाद, राज्य स्वायत्तता, धर्मनिरपेक्षता, समानता, बंधुत्व, समाजवाद और सामाजिक न्याय की अवधारणाओं को और मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक विविधता वाले देश में एक राष्ट्रभाषा, धर्म या संस्कृति कभी नहीं हो सकती। भारत को मजबूत, समृद्ध राज्यों से लाभ होगा। मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य भारत की ताकत हैं, इसकी कमजोरी नहीं।

केंद्र सरकार पर संघवाद के सिद्धांत का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए स्टालिन ने कहा कि भारत को अखंड बनाने के प्रयासों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी को आगे आना होगा। सीएम ने कहा कि यह आज भारतीय लोकतंत्र की स्थिति है कि बोलने के अधिकार से सांसदों को स्वयं वंचित किया जाता है। डीएमके के सदस्यों सहित 27 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। संसद में भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जो कि राय व्यक्त करने का एक मंच है।

स्टालिन ने कहा कि संघवाद के विचार, स्वतंत्रता से प्राप्त अधिकारों और सभी प्रकार के विकास के लिए प्रगतिशील विचारों का भारत निर्माण में योगदान है। स्टालिन ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने भारत की विविधता का सम्मान किया, उन्होंने भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण को सराहा था। स्टालिन ने नेहरू जी के इस वक्तव्य को दोहराते हुए कहा कि जब तक गैर-हिंदी भाषी लोग इसे पसंद नहीं करेंगे, तब तक हिंदी नहीं थोपी जाएगी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनके केरल समकक्ष पिनाराई विजयन की तमिलनाडु में बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है, जैसा कि उन्होंने खुद केरल में किया था। पत्रकारों की गिरफ्तारी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं के कथित लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने इसे निरंकुश करार दिया। सीएम ने कहा, “कठिन स्वतंत्रता के बाद संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों को छीनना गलत है। यह स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के साथ विश्वासघात है।”केंद्र सरकार पर संघवाद के सिद्धांत का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए स्टालिन ने कहा कि भारत को अखंड बनाने के प्रयासों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी को आगे आना होगा। सीएम ने कहा कि यह आज भारतीय लोकतंत्र की स्थिति है कि बोलने के अधिकार से सांसदों को स्वयं वंचित किया जाता है। डीएमके के सदस्यों सहित 27 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। संसद में भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जो कि राय व्यक्त करने का एक मंच है।

स्टालिन ने कहा कि संघवाद के विचार, स्वतंत्रता से प्राप्त अधिकारों और सभी प्रकार के विकास के लिए प्रगतिशील विचारों का भारत निर्माण में योगदान है। स्टालिन ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने भारत की विविधता का सम्मान किया, उन्होंने भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण को सराहा था। स्टालिन ने नेहरू जी के इस वक्तव्य को दोहराते हुए कहा कि जब तक गैर-हिंदी भाषी लोग इसे पसंद नहीं करेंगे, तब तक हिंदी नहीं थोपी जाएगी।

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