वर्तमान में उत्तर प्रदेश में माफियाओं का दौर खत्म हो चुका है! उत्तर प्रदेश में एक वक्त ऐसा भी जब माफियाओं का डंका बोलता था। अपने खौफ से पूरे राज्य दहशत फैलाई हुई थी यूपी के माफियाओं ने। राजनीतिक संरक्षण में यूपी के माफिया फल-फूल रहे थे, लेकिन अब तस्वीर एकदम बदल चुकी है और इसका उदहारण है मुख्तार अंसारी। कभी मूछों को ताव देने वाले यूपी के इस माफिया की बॉडी लैंग्वेज पूरी तरह से बदल चुकी है। बात-बात लोगों पर बंदूक तान देने वाले मुख्तार के तेवर अब वैसे नहीं रहे जैसे हुआ करते थे। फर्जी एंबुलेंस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार की सुनवाई चल रही है। 20 अगस्त के दिन इस सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा। सुनवाई के दौरान उसकी हालत बेहद खस्ता नजर आ रही थी। कई और गवाह भी इस मामले में गवाही पेश करने वाले थे, लेकिन घबराया हुआ मुख्तार अंसारी जज साहब के सामने बार-बार गिड़गिड़ा के यही कह रहा था कि ऐसा नहीं है, ये मामला फर्जी है, मैं तो जेल में बंद था। जिरह किसी और से चल रही थी, लेकिन ये माफिया इतना घबराया हुआ था कि लगातार एक ही बात को बार-बार बता रहा था। मुख्तार चिल्लाता रहा और गवाही होती रही। हालांकि इस मामले में उस दिन सुनवाई पूरी नहीं हो पाई इसलिए आज की तारीख तय की गई।
दरअसल मुख्तार अंसारी 7 मामलों में सजा पा चुका है, अभी कई और मामलों में फैसला आना बाकी है और उन्हीं में से एक है ये फर्जी एंबुलेंस मामला। अब आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि जो शख्स 7 मामलों में दोषी साबित हो चुका है उसने सालों तक यूपी में क्या किया होगा। मुख्तार अंसारी और उसके परिवार में करीब 100 मामले दर्ज हैं। जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, लूटपाट, किडनैपिंग, फिरौती मांगना, वसूली जैसे कई मामले हैं। मुख्तार के ऐसे कई किस्से है जब ये सरकारी अधिकारियों पर ही बंदूक तान देता था।
पुलिस को ये माफिया अपनी जेब में रखकर चलता था और जो पुलिस अधिकारी इसके दबाव में नहीं आता उसे ये अपनी बंदूक से डराने की कोशिश करता था। जेलर एस के अवस्थी की जेल में मुख्तार बंद था, लेकिन राजनीतिक संरक्षण की वजह से इसने जेल अवस्थी पर पिस्टल तान दी थी, लेकिन वही मुख्तार अंसारी पर पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से राज्य से माफियाओं के अंत की कसम खाई है तब से राज्य में हालात बदल चुके हैं।
सभी माफियाओं के अंदर खौफ है। मुख्तार अंसारी के चेहरे पर भी ये खौफ साफ नजर आता है। मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी जेल में बंद हैं, जबकि पत्नी अफशां अंसारी फरार हो चुकी है। अफशां पर पुलिस ने इनाम भी रखा हुआ है, लुक आउट नोटिस भी जारी किया हुआ है, लेकिन अफशां का कोई पता नहीं है। इस माफिया की सारी अवैध प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया गया है। माफिया और उसके परिवार से जुड़े तमाम मामलों पर जांच भी जारी है। बस यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में योगी राज आते ही इस माफिया के तेवर बदल चुके हैं। अपने सामने बड़े-बड़े अधिकारियों को भी कुछ न समझने वाला मुख्तार अब ये समझ चुका है कि उसकी माफियागिरी अब हमेशा के लिए खत्म हो चुकी है।
आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी पर विधायक निधि का दुरुपयोग को लेकर थाना सराय लखंसी में मुकदमा दर्ज किया गया था। मऊ के सदर विधानसभा सीट से विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी ने अपनी विधायक निधि से विद्यालय निर्माण के लिए प्रबंधक को 25 लाख रुपए दिए थे। आरोप है कि विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया।इसके पहले मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ के डीएम को स्कूल के भौतिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था। साथ ही मुख्तार की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया था । इसी के साथ नगर के थाना दक्षिण टोला में दर्ज 3 मामलों में सुनवाई होनी है। मुख्तार अंसारी ने विधायक रहते अपने लेटर पैड पर 6 लोगों को शस्त्र लाइसेंस के लिए संस्तुति की थी। बाद में जांच के दौरान सभी के पते फर्जी पाए गए। इस मामले की FIR दक्षिण टोला थाने में दर्ज कराई गई थी। इससे पहले 24 मई को मऊ कोर्ट में सुनवाई हुई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी कराई गई थी।