देश के विभिन्न दफ्तरों में 70 फीसदी कर्मचारी नाखुश, 54 फीसदी इस्तीफा देने की सोच रहे, आखिर क्यों?

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संतुष्टि वास्तव में किन कारकों पर निर्भर करती है, कर्मचारी का आराम किस पर निर्भर करता है, इसका कोई निश्चित मानदंड नहीं है। अध्ययन के अनुसार, एक ही उम्र के विभिन्न श्रमिकों का आराम अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है। मैंने सोचा, केवल आप ही काम से नाखुश हैं! क्या कार्यस्थल पर किसी अन्य को आपकी तरह ही समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है? एक अध्ययन में कहा गया है कि यह विचार बिल्कुल भी सही नहीं है। आपके बगल में बैठा सहकर्मी भी यही सोच रहा है. फिर भी, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्होंने मन ही मन इस्तीफा देने का फैसला कर लिया।

कार्यस्थल पर खुशी पर नज़र रखने वाली संस्था हैप्पीएस्ट प्लेसेस टू वर्क ने हाल ही में भारतीय श्रमिकों का एक सर्वेक्षण किया। उस सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अलग-अलग दफ्तरों में काम करने वाले 70 फीसदी कर्मचारी अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं. वहीं 54 फीसदी कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.

यह संतुष्टि कई कारकों पर निर्भर करती है, कर्मचारियों की सुविधा के आधार पर इसका कोई निश्चित मानदंड नहीं है। अध्ययन के अनुसार, एक ही उम्र के विभिन्न श्रमिकों का आराम अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है। कुछ लोग कार्य संस्कृति पर जोर देते हैं, कुछ काम के माहौल पर जोर देते हैं, कुछ सहकर्मियों के साथ काम करने में आसानी पर जोर देते हैं। हालाँकि, पुरुष और महिला श्रमिकों के बीच कार्यस्थल संतुष्टि में कुछ सामान्य रुझान भी देखे गए हैं। उदाहरण के लिए, पूर्वी और मध्य भारत में महिला श्रमिकों में देश के अन्य हिस्सों की महिलाओं की तुलना में नौकरी से संतुष्टि का स्तर अधिक है। फिर, उत्तर भारत में पुरुष श्रमिक देश के अन्य हिस्सों के पुरुषों की तुलना में काम में अधिक खुश हैं। कर्मचारी आमतौर पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कार्यालयों में काम करने में अधिक सहज होते हैं। और श्रमिकों के लिए सबसे असंतुष्ट कार्यस्थल निर्माण उद्योग है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 54 प्रतिशत कर्मचारी जो छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, छोड़ने का मुख्य कारण उन्नति की अधूरी जरूरतें या अपर्याप्त कार्यस्थल समर्थन है।

नौकरी से संतुष्टि का मतलब है कि कोई व्यक्ति अपनी नौकरी से कितना संतुष्ट है। यह विभिन्न कारकों से प्रभावित हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

1. कार्य वातावरण: एक सहायक, सकारात्मक माहौल संतुष्टि को बढ़ा सकता है।

2. नौकरी की भूमिका: अपने कार्यों में आनंद और व्यस्तता महत्वपूर्ण रूप से योगदान देती है।

3. मुआवजा: उचित वेतन और लाभ मूल्य की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

4. कार्य-जीवन संतुलन: लचीलापन और व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिम्मेदारियों को प्रबंधित करने की क्षमता महत्वपूर्ण है।

5. विकास के अवसर: उन्नति और कौशल विकास की संभावनाएँ प्रेरणा बढ़ा सकती हैं।

नौकरी की संतुष्टि को समझना कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्पादकता, प्रतिधारण और समग्र कार्यस्थल मनोबल को प्रभावित कर सकता है। नौकरी की संतुष्टि के किन विशिष्ट पहलुओं में आपकी रुचि है?

ज़रूर! नौकरी की संतुष्टि के कुछ अतिरिक्त पहलू इस प्रकार हैं:

नौकरी की संतुष्टि को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक

1. **प्रबंधन और नेतृत्व**:

– सहायक नेतृत्व विश्वास और प्रेरणा को बढ़ावा देता है।

– प्रबंधन से स्पष्ट संचार कर्मचारियों को सूचित और मूल्यवान महसूस करने में मदद करता है।

2. **मान्यता और प्रशंसा**:

– उपलब्धियों की नियमित स्वीकृति मनोबल को बढ़ाती है।

– पुरस्कार प्रणाली उपलब्धि की भावनाओं को बढ़ा सकती है।

3. **कार्य संबंध**:

– सहकर्मियों के साथ सकारात्मक बातचीत सहयोग और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देती है।

– टीम की गतिशीलता समग्र नौकरी की संतुष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

4. **नौकरी की सुरक्षा**:

– किसी की स्थिति में सुरक्षित महसूस करना तनाव को कम कर सकता है और वफादारी बढ़ा सकता है।

– संगठन में स्थिरता दीर्घकालिक संतुष्टि में योगदान देती है।

5. **कार्यभार और तनाव का स्तर**:

– एक प्रबंधनीय कार्यभार बेहतर कार्य-जीवन संतुलन और कम बर्नआउट की ओर ले जाता है।

– तनावपूर्ण वातावरण संतुष्टि और उत्पादकता को कम कर सकता है।

नौकरी की संतुष्टि को मापना

संगठन अक्सर नौकरी की संतुष्टि का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण और फीडबैक टूल का उपयोग करते हैं। सामान्य तरीकों में शामिल हैं:

– **कर्मचारी जुड़ाव सर्वेक्षण**: समग्र जुड़ाव और संतुष्टि के स्तर को मापें।

– **एक-पर-एक बैठकें**: नौकरी की संतुष्टि के बारे में खुली चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करें।

– **निकास साक्षात्कार**: जाने वाले कर्मचारियों से उनके अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

उच्च नौकरी संतुष्टि के लाभ

1. **बढ़ी हुई उत्पादकता**: संतुष्ट कर्मचारी अक्सर अधिक प्रेरित और कुशल होते हैं।

2. **कम टर्नओवर दरें**: खुश कर्मचारियों के संगठन छोड़ने की संभावना कम होती है, जिससे भर्ती लागत कम होती है।

3. **बढ़ी हुई कंपनी प्रतिष्ठा**: एक सकारात्मक कार्यस्थल प्रतिभा को आकर्षित करता है और वफादारी को बढ़ावा देता है।

4. **बेहतर मानसिक स्वास्थ्य**: नौकरी की संतुष्टि समग्र कल्याण में योगदान देती है और तनाव को कम करती है।

नौकरी की संतुष्टि में सुधार करने की रणनीतियाँ

1. **पेशेवर विकास**: प्रशिक्षण कार्यक्रम और कैरियर उन्नति के अवसर प्रदान करें।

2. **लचीली कार्य व्यवस्था**: दूरस्थ कार्य विकल्प या लचीले घंटे लागू करें।

3. **प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करें**: कर्मचारियों के लिए अपने विचार और सुझाव साझा करने के लिए चैनल बनाएँ।

4. **सकारात्मक संस्कृति को बढ़ावा दें**: टीमवर्क, समावेशिता और स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा दें।

क्या आप किसी विशिष्ट क्षेत्र में गहराई से जाना चाहेंगे या नौकरी की संतुष्टि बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना चाहेंगे?