प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में सोमनाथ मंदिर सर्किट हाउस का उद्घाटन किया वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भगवान सोमनाथ की आराधना में हमारे शास्त्रों में कहा कहा है- भक्तिप्रदानाय कृतावतारं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये। यानी, भगवान सोमनाथ की कृपा अवतीर्ण होती है, कृपा के भंडार खुल जाते हैं। जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया और फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं सोमनाथ मंदिर के निर्माण में लगभग पांच साल लगे थे। मंदिर का शिखर करीब 150 फीट ऊंचा है। मंदिर के शिखर पर एक कलश स्थित है जिसका वजन 10 टन है। ये मंदिर पूरे 10 किमी तक फैला हुआ है। इसमें 42 मंदिर और हैं। मुख्य मंदिर के अंदर गर्भगृह, सभामंडपम और नृत्य मंडपम है। मंदिर के दक्षिण ओर समुद्र के किनारे एक स्तंभ है जिसे बाणस्तंभ के नाम से जाना जाता है
इस दौरान पीएम ने कहा, करीब 30 करोड़ रुपए में इसका निर्माण किया गया है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां पर बने कमरों से लोग समंदर को देख सकते हैं। यात्रा के साथ एक बेहतरीन अनुभव जरूरी है। इसलिए इसका निर्माण किया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सर्किट हाउस का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के योगदान की चर्चा होती है लेकिन भारत के तो हर राज्य में ऐसी ही अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप किसी भी राज्य का नाम लीजिए। गुजरात का नाम लेंगे तो सोमनाथ, द्वारका, धोलावीरा जैसे स्थान मन में आते हैं। उत्तर प्रदेश का नाम लेंगे तो अयोध्या, मथुरा, काशी, कुशीनगर, विंध्याचल छा जाते हैं। सामान्य जन का हमेशा मन करता है, इन सब जगह पर जाने का अवसर मिले।पीएम ने कहा कि देश आज पर्यटन को समग्र नजरिए से देख रहा है। देश में पर्यटन बढ़ाने के लिए सरकार स्वच्छता, सुविधा, समय एवं सोच पर जोर दे रही है। सोमनाथ मंदिर के पास बने इस नए सर्किट हाउस में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं तैयार की गई हैं। इस नए सर्किट हाउस में क्रांफ्रेंस रूम, ऑडिटोरियम, वीआईपी डिलक्स कमरे तैयार किए गए हैं। सर्किट हाउस के प्रत्येक कमरे से समुद्र का नजारा देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग जब यहां शांति से अपने कमरे में बैठेंगे, तो उन्हें समुद्र की लहरें भी दिखेंगी और सोमनाथ का शिखर भी नजर आएगा। जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया, और फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं। ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवायाहर साल सोमनाथ मंदिर में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मौजूदा सरकारी सुविधा मंदिर से काफी दूर है, इसीलिए यहां नए सर्किट हाउस की जरूरत महसूस की जा रही थी। नया सर्किट हाउस लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से बना है और ये सोमनाथ मंदिर के पास ही है।