हमारे वैदिक विज्ञान में कई पौधों को औषधियों का रूप दिया गया है! दुनिया भर में पता नहीं कितने प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं जिसके बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है। संसार में जब एलोपैथिक चिकित्सका का प्रचलन भी नहीं था, उससे पहले से आयुर्वेद उपायों द्वारा लोगों की बीमारी को ठीक किया जा रहा है। भारत की जंगलों या पहाड़ियों पर भी अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं जिनसे लोगों के रोगों का उपचार किया जाता है। सदियों से आयुर्वेदाचार्यों द्वारा इन जड़ी-बूटी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी ही एक बहुउपयोगी जड़ी-बूटी बुरांश है। बुरांश का इस्तेमाल भी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। वास्तव में बुरांश एक ऐसा पौधा है जो गुणों से भरपूर है और आप बुरांश का उपयोग कई बीमारियों में कर सकते हैं।आयुर्वेद में बुरांसल के बारे में कई अच्छी बातें बताई गई हैं। अगर आप भी बुरांस के बारे में जानना चाहते हैं और रोगों की रोकथाम या इलाज के लिए बुरांस का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए हैं। यहां बुरांश के फायदे के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही ताकि आप स्वास्थ्य लाभ के लिए बुरांस का उपयोग कर सकें।
बुरांश एक लाल रंग का फूल है जो उत्तरांखड राज्य का राष्ट्रीय वृक्ष है। बुरांश का फूल का नेपाल का राष्ट्रीय फूल है। जब गर्मी का मौसम आता है तो बुरांश के वृक्ष में फूल आते हैं।
इसके फूलों का इस्तेमाल दवाओं के रूप में किया जाता है। हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में इसके फूलों का प्रयोग शर्बत बनाने के लिए भी किया जाता है। बुरांस के फूल से बनी शर्बत ठंडक और ताजगी प्रदान करती है।
इसकी दो प्रजातियों का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।
(वरांश)
यह लगभग 10 मीटर ऊंचा वृक्ष होता है जो छोटा हमेशा सदाहरित रहता है। इसके पत्ते शाखाओं के अंत पर गुच्छों में लगे हुए होते हैं। यह 5-15 सेमी लम्बे, चमड़ के रंग के, भालाकार होते हैंं। इसके फूल मखमली और लाल रंग के होते हैं।
(मदगन्धा वरांश)
यह लगभग 1-4.5 मी ऊंचा और झाड़ीदार वृक्ष होता है। यह भी हमेशा सदाहरित रहता है। यह हिमालय तथा कश्मीर के उच्च पर्वतीय शिखरों में पाया जाता है। इसके पत्ते चमकीले, चिकने होते हैं। इसके फूल सफेद और गुलाबी वर्ण के होते हैं। इसकी फूल की कलियां पशुओं के लिए जहरीली होती हैं।
कई लोगों को प्रायः सिर दर्द की शिकायत रहती है। ऐसे में बार-बार एलोपैथिक दवाओं से नुकसान पहुंच सकता है। आप सिर दर्द से राहत पाने के लिए बुरांश का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बुरांश के पत्तों को पीसकर सिर पर लगाएँ। इससे सिर दर्द से आराम मिलता है।
इसके साथ ही बुरांश के पत्ते का चूर्ण बनाकर नाक के रास्ते से लेने पर भी सिर दर्द से राहत मिलती है।
सांसों से संबंधित बीमारी में भी बुरांश का उपयोग करना लाभ पहुंचाता है। इसके सूखे पत्तों को तम्बाकू के साथ मिलाएं और इसके धूम का सेवन करें। इससे श्वसनतंत्र संबंधित विकार में लाभ होता है।
इसके साथ ही बुरांश के पत्ते का चूर्ण बनाकर नाक के रास्ते लेने से भी सांसों के रोग में लाभ होता है।
आप दाद रोग में भी बुरांश का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए बुरांश के नए पत्तों को पीस लें। इसे दाद पर लगाएं। दाद में फायदा होता है।
बहुत सारे लोगों या महिलाओं को शरीर में जलन की परेशानी रहती है। इस बीमारी में भी बुरांश का उपयोग लाभ पहुंचाता है। बुरांश के फूलों का शर्बत बनाकर पीने से पूरे शरीर में होने वाली जलन शांत हो जाती है।
खांसी की परेशान में बुरांश का इस्तेमाल कर सकते हैं। बुरांश के पत्ते का चूर्ण बना लें और इसे नाक द्वारा लें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।
इसी तरह इसके सूखे पत्तों को तम्बाकू के साथ मिलाकर धूम के रूप में लेने से भी खांसी की बीमारी में लाभ होता है।
आप अपने मन से बुरांस का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें। एक औषधि के रूप में बुरांश के जूस या अन्य किसी तरह से बुरांश का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।यह लगभग 10 मीटर ऊंचा वृक्ष होता है जो छोटा हमेशा सदाहरित रहता है। इसके पत्ते शाखाओं के अंत पर गुच्छों में लगे हुए होते हैं। यह 5-15 सेमी लम्बे, चमड़ के रंग के, भालाकार होते हैंं। इसके फूल मखमली और लाल रंग के होते हैं।
(मदगन्धा वरांश)
यह लगभग 1-4.5 मी ऊंचा और झाड़ीदार वृक्ष होता है। यह भी हमेशा सदाहरित रहता है। यह हिमालय तथा कश्मीर के उच्च पर्वतीय शिखरों में पाया जाता है। इसके पत्ते चमकीले, चिकने होते हैं। इसके फूल सफेद और गुलाबी वर्ण के होते हैं। इसकी फूल की कलियां पशुओं के लिए जहरीली होती हैं।
कई लोगों को प्रायः सिर दर्द की शिकायत रहती है। ऐसे में बार-बार एलोपैथिक दवाओं से नुकसान पहुंच सकता है। आप सिर दर्द से राहत पाने के लिए बुरांश का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बुरांश के पत्तों को पीसकर सिर पर लगाएँ। इससे सिर दर्द से आराम मिलता है।
इसके साथ ही बुरांश के पत्ते का चूर्ण बनाकर नाक के रास्ते से लेने पर भी सिर दर्द से राहत मिलती है।