क्या आप जानते है ? इस मौसम में रेहड़ी पर बिकने वाला जामुन कई गुणों की खान है। पर जैसा हम सब जानते ही है चीज चाहे कोई भी हो उसकी अति नुकसान दायक होती है। इसी प्रकार जामुन का ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। पर इसे संतुलित सेवन से जो फ़ायदे होते है उनको जानकर आप चौक जायेंगे। पर अगर इसका अधिक सेवन किया जाता है तो इसके दुष्प्रीणाम देखने को मिलते है गैस, बुखार, सीने का दर्द, कफ वृद्धि एवं इससे उत्पन्न रोग, वात विकारों के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। वही इसके रस को दूध के साथ सेवन करना काफी हानिकारक है। इस समय बाजार में जामुन की बिक्री जोर पर होती है। लोगों ने सेवन भी शुरू कर दिया है। जामुन का फल मीठा, खट्टा, मीठा, रुचिकर, शीतल होता है। औषधीय रूप में जामुन के बीज, पत्ते तथा छाल का ही प्रयोग किया जाता है। जामुन की मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त पाई जाने वाली अन्य प्रजातियां कम गुण वाली होती है। जामुन की पांच प्रजातियां पायी जाती हैं।
मधुमेह की चिकित्सा में विशेषतया जामुन के बीजों का प्रयोग किया जाता है। काठ-जम्बु के तने की छाल से शारीरिक शक्ति बढ़ने के साथ-साथ सेक्सुअल स्टैमिना में भी बढ़ोतरी होती है। भूमि-जम्बु पेट के कीड़ों को खत्म करता है और गठिया में फायदेमंद भी होता है। इसके फल सुगन्धित तथा मीठे होते हैं। सफेद जम्बु के तने की छाल रक्त संबंधी बीमारी, दस्त और कीड़ों को खत्म करने में मदद पहुंचाती है। क्षुद्र-जम्बु, कफ-पित्त दोष को सुधारने, हृदय रोग और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसके फल के सेवन से शरीर की जलन शांत होती है।
आइए जानते है जामुन के कुछ अचूक उपचार जो आपके लिए हो सकते है लाभकारी।
- डायबिटिज के मरीजों के लिए संजीवनी है जामुन। जामून रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है, जामुन का रोजाना सेवन करने से डायबिटिज के मरीजो को बहुत लाभ होता है। इससे शुगर के मरीज को होने वाली समस्याए जैसे बार-बार प्यास लगना और बार-बार यूरिन का आना आदि में भी फायदा पहुचता है। जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है।
- उल्टी-दस्त या हैजा जैसी बीमारी का तुरंत इलाज है जामुन।
एक किलोग्राम जामुन का ताजा रस निकले और उसे ढाई किलोग्राम चीनी मिलाकर शरबत जैसी चाशनी बना लें। इसे एक ढक्कनदार साफ बोतल में भरकर रख लें। जब कभी उल्टी-दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत हो, तब दो चम्मच शरबत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर ले आपको तुरंत राहत मिल जायेगी। - बीपी, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारी से भी बचाता है जामुन। जामून में भरपूर मात्रा में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और विटामिन मौजूद होते है। जामुन में पोटेशियम अधिक मात्रा में होता है जो कि व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि से बचाता है।
- .खून का स्तर बढ़ता है जामुन: जामून में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है जो खून की कमी को पूरा करता है।यदि किसी व्यक्ति में खून की कमी पाई जाती है, तो उसे भी जामुन का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिये, इससे व्यक्ति के शरीर में खून का स्तर बढ़ जाता है।
- कॉलेस्ट्राल को कंट्रोल करता है जामून: एंथोसियानिस, पॉलीफिनॉलिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर जामुन शरीर में कॉलेस्ट्राल लेवल पर कंट्रोल रखता है। पोटेशियम में समृद्ध जामुन का नियमित सेवन हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में सहायक है यदि जामुन का संतुलित सेवन किया जाए तो बॉडी में कॉलेस्ट्राल लेवल कम हो जाता है।
- जामुन के बीज है दांतों और मसूड़ों के लिए वरदान:अगर आप दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्या से परेशान है तो आप इसके लिए जामुन को एक समाधान के रूप में देख सकते है। जामुन दांतों के लिए विशेषतौर पर फायदेमंद होता है। इसके बीज को पीस कर। इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े दोनो स्वस्थ रहते हैं।
- मुँहासे दूर करने में जामुन है कारगर: जामुन के रस का उपयोग पिम्पल्स यानि मुंहासों को कम करने किया जाता है। इसके लिए जामुन या इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से ये अधिक मात्रा में तैल को त्वचा पर आने से रोकता है जिससे पिम्पल्स जैसी समस्याओ में आराम मिलता है जामुन में कषाय गुण होने के कारण त्वचा के विकारो में फायदेमंद होता है जब इसको बाहय रूप से उपयोग किया जाता है।
ये सभी जानकारी भारतीय संस्कृति के ज्ञान पर आधारित है। जो केवल घरेलू उपचार के लिए हो मान्य है किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।