महाराष्ट्र के नासिक से एक अफगानी सूफी उपदेशक ख्वाजा यद चिश्ती की हत्या का मामला सामने आया है। अब तक इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। अब तक की जांच में पुलिस को लग रहा है कि यह हत्या जमीन के विवाद जे की गई है। नासिक के वेवला क्षेत्र में जारिफ चिस्ती के नाम से मशहूर स्वाजा जारिफ बाबा सैयद जारिफ चिस्ती की मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे नासिक के निकट येवला के जंगल में गोली मार कर हत्या कर ही गड़ी पांच लोग उसे एक कार में बैठाकर पूजा करवाने के बहाने येवला के जंगल में ले गए थे
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने प्रेस वार्ता में बताया कि संदिग्धों की तलाश की जा रही है.पाटिल ने बताया कि वह चार साल पहले अफगानिस्तान से भारत आए थे और उन्हें शरणार्थी का दर्जा मिल गया था. वह सिन्नर तहसील के वावी इलाके में एक महिला के साथ रहते थे और माना जाता है कि महिला भी अफगानिस्तान की नागरिक हैं शुरुआती जांच के मुताबिक, वह अपने तीन-चार अनुयायियों के साथ मंगलवार दोपहर को येवला गए थे और वहां कोई धार्मिक रस्म की पुलिस के अधिकारी के मुताबिक, इसके बाद वे ‘भूमिपूजन’ के लिए रवाना हुए और चिनचोली एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) इलाके में पहुंचे. एसपी ने बताया कि रस्म के बाद शाम में जब चिश्ती अपनी कार में बैठे तो उनके चालक ने पिस्तौल से उनके सिर में कथित रूप से गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.पुलिस ने हत्या को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हुए आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है.पाटिल ने बताया कि कुछ लोगों को वह खून से लथपथ पड़े मिले तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया. एसपी के मुताबिक, चिश्ती को येवला के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है, जबकि चालक समेत तीन अन्य फरार हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हत्या का कारण जमीन या पैसों से संबंधित विवाद है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चिश्ती ने हाल में अपने एक दोस्त के नाम पर वावी में 15 एकड़ जमीन खरीदी थी. अधिकारी ने बताया कि वह शरणार्थी होने की वजह से भारत में संपत्ति नहीं खरीद सकते थे, लिहाजा वह अपने जानकारों के नाम पर संपत्ति खरीदते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का दावा है कि मामले में कथित तौर पर पांच संदिग्धों की पहचान की गई है. चिश्ती, जिसे ‘सूफी बाबा’ के नाम से जाना जाता थे, एक अफगान शरणार्थी थे, जो कथित तौर पर अब सत्ताधारी तालिबान के हाथों फांसी के डर से देश छोड़कर भाग गए थे. माना जाता है कि सरकार द्वारा शरणार्थी का दर्जा दिए जाने के बाद से वह पिछले चार वर्षों से भारत में रह रहे हैं. वह इससे पहले कर्नाटक और दिल्ली में रह चुके थे और फिलहाल नासिक में रह रहे थे lअफगानिस्तान के रहने वाले सूफी ख्वाजा सैयद जरीब चिश्ती को मंगलवार करीब शाम 4 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार मृतक ख्वाजा सैयद चिश्ती को सिर में गोली मारी गई थी। घटना की जानाकारी मिलते ही येवला सिटी पुलिस थाने से भगवान माथुरे समेत अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरु को जख्मी हालत में सरकारी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसपी नासिक ग्रामीण सचिन पाटिल ने बताया कि घटना मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे की है। उस वक्त जरीफ मुंबई से 200 किलोमीटर दूर येवला के चिंचोड़ी में MIDC इलाके के एक प्लॉट पर धार्मिक रस्म कर रहे थे। मौके पर उनका ड्राइवर और तीन अन्य लोग मौजूद थे। जैसे ही यह रस्म पूरी हुई ड्राइवर ने बाबा के सिर पर गोली मार दी, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद हमलावर बाबा की SUV गाड़ी लेकर फरार हो गए। शुरुआती जांच से अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्या प्रॉपर्टी विवाद में की गई। पुलिस ने सूफी बाबा की SUV बरामद कर ली है। बताया जा रहा है कि बाबा जरीफ को तालिबान से जान का खतरा था। ऐसे में उन्होंने भारत से शरण ली थी। वे अफगानिस्तान से आने के बाद कर्नाटक और दिल्ली में रहे। वे डेढ़ साल पहले ही महाराष्ट्र की सिन्नर तहसील के मीरगांव में आए। कुछ महीने पहले ही वे चिचोड़ी गांव में आकर रहने लगे थे।
महाराष्ट्र के नासिक में सूफी बाबा की हत्या की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है. पुलिस को आर्थिक विवाद के चलते हत्या की आशंका जता रही है. प्रारंभिक जानकारी है कि सूफी ख्वाजा सैयद जरीब चिश्ती एक अफगान मौलवी है. पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है. हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस हत्यारों की तलाश में छानबीन कर रही है