समूचे उत्तर भारत को गर्मी ने परेशान कर रखा है! देश के कई हिस्सों में मानसून ने जोरदार दस्तक दे दी है। कई प्रदेशों में झमाझम बरसात से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। जबकि दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्य अभी भी मानसून की बारिश का ब्रेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उत्तर भारत में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद एक बार फिर तापमान बढ़ गया है। चिपचिपी और उमस भरी गर्मी ने लोगों के होश उड़ा रखे हैं। इसके बाद उमस भरी गर्मी से परेशान लोग बारिश की आस में एक बार फिर आसमान की ओर झांक रहे हैं कि कब बदरा बरसेंगे। हालांकि इस बीच बादलों ने भी अपना डेरा डाला, लेकिन गर्मी से कोई राहत न मिल सकी। वहीं, मौसम विभाग ने एक बार फिर उत्तर भारत में अगले 24 घंटे में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की है।
मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र गुजरात और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और यह ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। मानसून की अक्षीय रेखा अब गुजरात पर बने हुए निम्न दबाव, इंदौर, पेंड्रा रोड, गोपालपुर से गुजरते हुए-पूर्व की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर रही है। अपतटीय ट्रफ रेखा गुजरात तट से महाराष्ट्र तट तक फैली हुई है और एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।
गुजरात, दक्षिणी राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के क्षेत्रो में अच्छी बारिश हो रही है। जब तक मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर में नहीं आएगी, तब तक उत्तर भारत मे अच्छी बरसात शुरू नहीं होगी। इस दौरान केवल हल्की बूंदाबांदी होने के आसार जरूर रहेंगे।
उन्होंने बताया कि नौ और दस जुलाई के बाद बारिश आने की संभावना रहेगी। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में बरसात हो सकती है। इसके बाद जब कम दबाव का क्षेत्र जब मध्य भारत से हट जाएगा और मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर भारत की तरफ आएगी तब बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी। इसलिए इन क्षेत्र में ज्यादा बारिश 12 जुलाई के बाद होगी। हालांकि अगले आठ दस दिनों तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश नहीं होगी। लेकिन पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में बारिश आएगी। बारिश के दौरान उत्तर भारत समेत दिल्ली का तापमान 31 से 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। लेकिन जब बारिश नहीं होगी तब यही तापमान 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं जाएगा। हालांकि लोगों को गर्मी और उमस से राहत सितंबर के बाद ही मिलने के आसार नजर आ रहे हैं।
अगले 24 घंटों के दौरान, कोंकण और गोवा तटीय कर्नाटक और गुजरात के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रह सकती है। मध्यप्रदेश, विदर्भ, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, गुजरात के शेष हिस्सों, दक्षिण राजस्थान, केरल के कुछ हिस्सों और ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, जम्मू कश्मीर और पंजाब और हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और राजस्थान के शेष हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में भारी बारिश और बाढ़ के कारण एक पुल पर पानी जमा होने से कम से कम 12 गांव कट गए हैं। लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से उसगांव और वसई तालुका को जोड़ने वाला पंडारतारा पुल जलमग्न हो गया। क्षेत्र के कम से कम 12 गांव कट गए हैं और आने वाले दिनों में पानी निकलने तक स्थिति ऐसी ही रहेगी। ठाणे जिले में भी बारिश से संबंधित घटनाएं सामने आई। आरडीएमसी के अध्यक्ष अविनाश सावंत ने कहा कि ठाणे शहर के वागले एस्टेट क्षेत्र में दोपहर एक बजे ईएसआईएस अस्पताल की तीसरी मंजिल की एक दीवार का हिस्सा गिर गया जिससे 73 वर्षीय एक महिला घायल हो गई। उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में मुंब्रा बाईपास रोड पर दोपहर के बजे पत्थर गिर गए जिसमें कोई घायल नहीं हुआ।गुजरात, दक्षिणी राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के क्षेत्रो में अच्छी बारिश हो रही है। जब तक मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर में नहीं आएगी, तब तक उत्तर भारत मे अच्छी बरसात शुरू नहीं होगी। इस दौरान केवल हल्की बूंदाबांदी होने के आसार जरूर रहेंगे।