जम्मू-कश्मीर में कहां से घुसे इतने पाकिस्तानी आतंकी?

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जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी कई बार घुसपैठ करते रहते हैं! सेना एवं दूसरे सुरक्षा बलों का दावा है कि हाल-फिलहाल कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हुई है। इसके बावजूद वहां पर लोकल दहशतगर्दों के मुकाबले, विदेशी आतंकियों की संख्या (पाकिस्तानी) ज्यादा होना, कई बड़े सवाल खड़े करता है। इसके बावजूद वहां पर लोकल दहशतगर्दों के मुकाबले, विदेशी आतंकियों की संख्या (पाकिस्तानी) ज्यादा होना, कई बड़े सवाल खड़े करता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस एवं सुरक्षा बल, लोकल आतंकियों का सरेंडर कराने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। हालांकि इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी है। आतंकियों द्वारा सरेंडर करने के मामले देखें तो पता चलता है कि 2018 में एक, 2019 में कोई नहीं, 2020 में 8, 2021 में 2 और 2022 में केवल दो आतंकियों ने सरेंडर किया है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि वहां पर जब कोई युवा गायब हो जाता है तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जाती है। जम्मू कश्मीर पुलिस, लापता हुए युवक का पता लगाने का प्रयास करती है। दो तीन सप्ताह बाद असल खेल शुरु होता है। एक तरफ गुमशुदा युवक के परिजन और पुलिस उसे खोज रही होती है और दूसरी ओर तभी उस युवक की तस्वीर सोशल मीडिया पर आ जाती है। तस्वीर में वह युवक किसी आतंकी संगठन के सदस्य के तौर पर हथियार लहराता हुआ नजर आता है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उसे सक्रिय आतंकी मान लिया जाता है।

अधिकारी के मुताबिक, आतंकी संगठनों को यह बात अच्छे से मालूम होती है कि पुलिस और परिजन, लापता युवक की खोजबीन में लगे हैं। घाटी में कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें कई युवा कुछ समय बाद ही हथियार छोड़कर दोबारा से मुख्यधारा में शामिल हो गए। आतंकी संगठन, गुमराह युवक का ब्रेनवॉश कर देते हैं। इसके बाद जब उन्हें लगता है कि वह युवक अभी भी पूरी तरह से आतंक की राह पर चलने को तैयार नहीं है और वह मुख्यधारा में लौटना चाहता है तो वे उस युवक का आतंकी संगठन के साथ फोटो वायरल कर देते हैं। इसके बाद वह युवक अधर में फंस जाता है। हथियार के साथ जैसे ही उसका फोटो सार्वजनिक होता है तो पुलिस उसका नाम, सक्रिय आतंकियों की सूची में डाल देती है। ऐसे में वह युवक, चाह कर भी मुख्यधारा में वापसी नहीं कर पाता। पिछले चार साल में महज दर्जनभर आतंकियों का सरेंडर, आतंकी संगठनों की इस कहानी पर मुहर लगाता है।

मई में कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा था कि सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से आतंकी संगठनों में लोकल युवाओं की भर्ती रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन लोगों का पता लगाया जा रहा है जो युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। कुलगाम में बुधवार को एक मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। वे हाल ही में लश्कर फ्रंट-टीआरएफ समूह में भर्ती हुए थे। सरेंडर के लिए सुरक्षाबलों ने दोनों युवाओं के माता-पिता से भी मदद ली। नए भर्ती हुए आतंकवादियों में नदीम अब्बास भट निवासी रेशीपुरा कैमोह और कफील मीर, निवासी मीरपुरा कैमोह शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, इन युवाओं का ब्रेनवॉश किया गया था। कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा, अगर सभी माता-पिता अपने बच्चों से हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर करने की अपील करें तो अनेक लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। अब दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है तो उनका भी जीवन बच गया।

घाटी में इस समय लश्कर ए तैयबा के करीब 83 आतंकी मौजूद होने की बात सामने आ रही है. वहीं कश्मीर घाटी में इस समय जैश ए मोहम्मद के 30 आतंकी और हिजबुल मुजाहिदीन के 38 आतंकियों के मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं पिछले कुछ दिनों में सुरक्षाबलों की ओर से कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाए का अभियान लगातार चलाया जा रहा है. वहीं खुफिया रिपोर्ट के अनुसार उरी और कश्मीर के पास आतंकियों के लॉन्च पैड में गतिविधियां भी बढ़ी हैं! कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से प्रशिक्षण ले चुके लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ को तैयार बैठे हैं. वहीं अगले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है. इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं. घाटी में आतंकी हमलों की आशंका और आतंकवादियों की मौजूदगी की वजह से इस इस बार सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं!

इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर आशंका जताई गई है कि आतंकी तीर्थयात्रियों पर हमला करने के लिए स्टिकी बम का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं इस बार आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए यात्रियों के लिए इस बार त्रिस्तरीय सुरक्षा होगी.अमरनाथ यात्रा पर आने वाले हर यात्री को इस बार आरएफआईडी दी जाएगी. इसी के जरिये उनकी सुरक्षा दुरुस्त की जाएगी!