राष्ट्रपति चुनाव की जैसे-जैसे उल्टी गिनती शुरू हो रही है तो वहीं एनडीए उम्मीदवार द्रोपति मुर्मू को समर्थन देने वाली पार्टियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि प्रॉपर्टी मुर्मू अभी समर्थन जुटाने के लिए पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में जाकर अपना समर्थन जुटाने में लगी हुई है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जीतने की उम्मीदें ना के बराबर होती जा रही है। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू के पास पहले 48 प्रतिशत वोट थे। तो वही किसी भी राष्ट्रपति को राष्ट्रपति बनने के लिए 51 प्रतिशत वोटों की जरूरत होती है उड़ीसा में सरकार के समर्थन के बाद और वहीं अब आखिर में महाराष्ट्र के समर्थन के बाद राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में द्रौपदी मुर्मू ही भारत की अगली महामहिम होगी इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है गौरतलब है कि भारत सरकार ने द्रौपदी मुरमू को जेड प्लस सिक्योरिटी दे दी है जो कि किसी भी भारतीय विशेष व्यक्ति को दी जाती है। जिसमें राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री गृह मंत्री रक्षा मंत्री आदि जैसे संवैधानिक पद शामिल होते हैं। आपको बता दें कि एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदि मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से आती है जिससे उन्हें झारखंड,छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जैसे राज्यों का समर्थन मिल सकता है। हालांकि छत्तीसगढ़ में अभी ऐसा कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है क्योंकि छत्तीसगढ़ अभी कांग्रेस शासित राज्य है। हालांकि झारखंड सरकार और उड़ीसा सरकार पहले ही द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर चुकी है बीते सप्ताह बीते सप्ताह राष्ट्रपति उम्मीदवार ने बिहार का दौरा किया था वहां पर जाकर एनडीए समर्थित की सरकार ने डीयू ने राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का आश्वासन दिया है और इसका आधिकारिक ऐलान किया है इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जो पति मुर्मू महाराष्ट्र में भी अपने समर्थन जुटाने के लिए गई वहां उन्होंने बीजेपी आलाकमान के नेताओं और शिवसेना से भी समर्थन मांगा। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बाद अब उद्धव ठाकरे को भी आखिरकार अपने नेताओं के सुननी पड़ी और उन्होंने आखिरकार एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया। जिससे ना केवल बीजेपी का पल्लाडा एक तरफ हो गया बल्कि इससे आने वाले दिनों में कांग्रेसी उम्मीदवार जयंत सिन्हा की जीत की संभावना है बिल्कुल खत्म हो गई है।
कांग्रेस के घटक दल नहीं देंगे मुर्मू को समर्थन।
बात अगर कांग्रेस और उसके घटक दलों की करें तो अभी तक किसी भी ऐसे दल ने जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रहा है उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है। वहीं कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतार कर द्रौपदी मुर्मू को टक्कर देने के लिए बात कही है।
काम आई बी जे पी की सोशल इंजीनियरिंग।
आपको शायद याद होगा इससे पहले मौजूदा भारत के महामहिम श्री रामनाथ कोविंद को बीजेपी ने इससे पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया था। तब भी एनडीए ने अपनी सोशल इंजीनियरिंग का एक अच्छा उदाहरण दिया था।
आइए जाने क्या है सोशल इंजीनियरिंग?
सोशल इंजीनियरिंग का अर्थ है कि समाज में ऐसी व्यवस्था बनाना जिससे समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर उनका समर्थन पाया जा सके। जैसा की अभी एनडीए के द्वारा किया गया है आप देखेंगे कि राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने से पहले एनडीए के जीत की संभावनाओं का प्रतिशत के मात्र 48 था। तो वहीं एनडीए उम्मीदवार घोषित होने के बाद उनकी जीत का प्रतिशत 51% से भी ज्यादा हो गया है। यह सब बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग का ही कमाल है कि बहुमत ना होते हुए भी उन्होंने अपनी जीत को सुनिश्चित कर लिया है। ठीक उसी प्रकार एनडीए ने इस बार द्रोपदि मुर्मू को चेहरा बनाकर एक नया तरीका लोगों के सामने रखा। इससे ना केवल विपक्ष कमजोर हुआ बल्कि विपक्ष की जीत की संभावनाएं खत्म होती दिखाई दे रही है।
आइए जाने कौन है द्रोपदी मुर्मू।
NDA के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपति मुर्मू का जन्म उड़ीसा के मयूरभंज जिले में बैदापोसी एक गांव में हुआ। गौरतलब है कि उड़ीसा में भी आदिवासी जनजातियां पाई जाती है इन्हीं आदिवासी जनजातियों में से एक संथाल जनजाति से आती है एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू ना केवल पूरे भारत में संथाल जाती बल्कि आदिवासी लोगों के लिए भी एक मिसाल बनी है। साथ ही उनका राष्ट्रपति बनना महिला सशक्तिकरण की और भी भारत सरकार का रुख स्पष्ट करता है। भारत की एकमात्र महामहिम जो आदिवासी समुदाय से आयेगी।
इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल हमारे देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुई थी उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया और भारत की विकास यात्रा में अपना योगदान भी दिया। श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन सकती है