ब्रिटेन ने भारत पर 200 साल राज किया है यह तो आपको पता कि है लेकिन क्या जानते हैं आने वाले दिनों में हो सकता है कि कोई भारतवंशी ब्रिटेन का पीएम बन के सामने आए। भारतवंशी ऋषि सुनुक जो ब्रिटेन में पीएम पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं।माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ब्रिटेन सुनूक के तौर पर एक नया पीएम मिल सकता है। यदि सुनूक पीएम बनते हैं,तो कालिदास भारतीय मूल के छठे व्यक्ति होंगे वैसे तो दुनिया में कई देशों में अलग-अलग समय पर भारतीय मूल के व्यक्तियों ने सत्ता संभाली है फिलहाल 4 देशों में भारतीय मूल के पांच व्यक्ति सर्वोच्च पद पर आसीन है एक रिपोर्ट जो इंडियास्पोरा गवर्नमेंट लेटेस्ट लिस्ट 2021 में दुनिया के 15 देश में उच्च पदों पर आसीन तो 200 से ज्यादा भारतीय मूल के लोगों की जानकारी दी गई है।
आईए जानते हैं किन देशों में कितने और कौन कौन भारतीय मूल के राष्ट्राध्यक्ष रहे।
आपको बता दें कि भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश मॉरिशियस में अब तक 9 राष्ट्रपति भारतवंशी रह चुके हैं। इसके साथ-साथ सुरीनाम मैं भी पांच भारतीय मूल के लोग राष्ट्रपति रह चुके हैं। वही गुयाना में भी अब तक चार राष्ट्रधयक्ष भारतीय मूल के रह चुके हैं।
विकसित देश सिंगापुर की कमान भी तीन भारतीय मूल के लोगो द्वारा संभाली जा चुकी है। के साथ-साथ त्रीनाद टोकियो पुर्तगाल मलेशिया फीजी और आयरलैंड जैसे देशों में भी अलग-अलग समय पर भारतीय मूल के लोगों ने अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यनिर्वाहन किया है।
आइए जाने वर्तमान समय में किस-किस देश में राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं भारतीय मूल के लोग।
मोहम्मद इरफान अली राष्ट्रपति गोयाना: भारतीय मूल के मोहम्मद इरफान अली गोयाना के राष्ट्रपति बनने वाले पहले मुस्लिम है। जिन्होंने 2020 में राष्ट्रपति का पद संभाला था। शहर एवं क्षेत्र के विषय में पीएचडी कर चुके हैं मोहम्मद इरफान अली इससे पहले कई सरकारों में हम पद पर रह चुके हैं।
पृथ्वीराज सिंह रूपण राष्ट्रपति मोरिशियस:आपको बता दें कि 2019 में मॉरीशस के राष्ट्रपति बने पृथ्वीराज सिंह रूपण का परिवार आर्य समाज की है 1959 में जन्मे पृथ्वीराज ने 1983 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। रूपण पिछले कई सरकारों में अलग-अलग मंत्रालय को संभाल चुके हैं। इसके बाद अब वह देश के राष्ट्रपति का पदभार संभाल रहे हैं।
एंटोनियो कोस्टा प्रधानमंत्री पुर्तगाल :आपको बता दें कि ओवरसीज सिटीजनशिप रखने वाले कोस्टा ने साल 2015 में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। वह मूल रूप से भारत के गोवा से संबंध रखते हैं। 2017 में उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान से भी नवाजा गया था।
प्रवीण जगन्नाथ प्रधानमन्त्री मॉरिशस :आपको बता दें कि वर्ष 2000 से सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रखने वाले प्रवीण जगरनाथ 2017 में मॉरीशस में प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। गौरतलब है कि उनके पिता अनिरुद्ध जगन्नाथ भी मॉरीशस के राष्ट्रपति का प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
चंद्रिकाप्रसाद संतोखी राष्ट्रपति सुरीनाम: चंद्रिकाप्रसाद संतोखी सूरीनाम के राष्ट्रपति बनने से पहले सूरीनाम में पुलिस डिपार्टमेंट में कई पदों पर तैनात रहे हैं। वह साल 1979 में नेशनल क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष रहे ,वहीं साल 1991 में पुलिसकमिश्नर भी रहे। इसके बाद साल 2020 में संतोंखी सूरीनाम की राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
इन सबके अलावा भी भारतीय मूल के लोगों ने अपनी प्रतिभा के दम पर दुनिया से लोहा मनवाया हैं। आपको बता दें कि आज ना केवल राजनीतिक बल्कि उद्योग जगत में भी बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में कई ऐसे पद हैं जहां भारतीय मूल के लोगों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए इन पदों को हासिल किया है इनमें से कुछ पद प्रमुख हैं।
सुंदर पिचाई- अल्फाबेट
भारतीय मूल के सुंदर पिचई आज गूगल और अल्फाबेट के सीईओ हैं। आईआईटी खड़गपुर से मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग करने वाले पिचई का जन्म मद्रास में हुआ था। उन्होंने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से मटीरियल्स साइंस और इंजीनियरिंग में एमएस की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने वॉटसन स्कूल ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से एमबीए किया हुआ है। उन्होंने 2004 में गूगल को जॉइन किया था। गूगल क्रोम बनाने में उनकी अहम भूमिका है, जिसका लोहा सभी मानते हैं।
सत्या नडेला, माइक्रोसॉफ्ट
सिलिकॉन वैली का एक और बड़ा नाम, सत्या नडेला हैं। हैदराबाद में पैदा हुआ सत्य नडेला 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने। वह माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल ऐप्लिकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस किया और साथ ही ऑफिस सॉफ्टवेयर फ्रेंचाइजी में भी नई जान फूंकी। उनके कार्यकाल के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों की कीमत में सात गुना से अधिक इजाफा हुआ और कंपनी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच गया।
इसके अलावा भी कई ऐसे नाम हैं जो इस इस लिस्ट को काफी बड़ा बना देंगे। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में क्या भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन की कमान संभालते हैं अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा जब कोई भारतवंशी ब्रिटेन पर शासन करेगा।