Saturday, March 15, 2025
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BA.5 से क्‍यों बढ़ी टेंशन?

कोरोनावायरस का नया वेरिएंट एक बार फिर भारत में दस्तक दे चुका है! कोरोना ने दुनिया को चक्‍कर में डाल दिया है। जैसे ही लगता है कि यह मंद पड़ा है, वैसे ही यह फन उठाता है। एक के बाद एक कोरोना के नए-नए वेरिएंट ने साइंसदानों की नाक में दम कर दिया है। अब BA.5 मुसीबत बन गया है। अमेरिका और यूरोप में ओमीक्रोन के इस नए वेरिएंट ने हड़कंप मचा दिया है। यह तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसके मामले सामने आए हैं। ऐसे में एहतियात जरूरी है। BA.5 बेहद चकमेबाज है। अमेरिका सहित कई देशों में कुछ ही समय में इसने अन्‍य सभी वेरिएंट को खिसका दिया है। यानी कोरोना के ज्‍यादातर मामलों में BA.5 देखने को मिल रहा है। इसके साथ एक बड़ी समस्‍या है। इन्‍फेक्‍शन के बाद BA.5 कुछ हफ्तों के अंदर दोबारा संक्रमित कर सकता है। इस तरह संक्रमित होने पर लोग एक ही महीने में फिर बीमार पड़ सकते हैं।

एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि वायरस के बारे में अब तक हुए अध्‍ययन से एक धारणा बनी थी। वह यह थी कि वैक्‍सीनेशन या कुछ हद तक नैचुरल इम्‍युनिटी से दोबारा संक्रमण से बचाव होता है। हालांकि, यह बात हाल में सामने आए ज्‍यादातर वेरिएंट पर लागू नहीं होती है। इनमें BA.5 भी शामिल है।

दुनिया भर में कोरोना पर अध्‍ययन जारी हैं। ऑस्‍ट्रेलियाई एक्‍सपर्ट्स ने बताया है कि BA.2 वेरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। चार हफ्तों के भीतर इनमें से कई दोबारा संक्रमित हुए हैं। आशंका है कि छह से आठ हफ्तों में वे दूसरे वेरिएंट से संक्रमित हो जाते हैं। इसके पीछे BA.4 या BA.5 वेरिएंट हो सकते हैं। कुछ एक्‍सपर्ट्स इन स्‍ट्रेन को फैलने की सबसे ज्‍यादा क्षमता रखने वाला बता रहे हैं। एनबीसी न्‍यूज के साथ एक इंटरव्‍यू में हाल में ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड मॉन्‍टेफियोरी ने कहा था कि ये वेरिएंट पिछले किस्‍मों की जगह ले रहे हैं। ऐसे में ओमीक्रोन के पिछले वेरिएंट से ये ज्‍यादा संक्रामण की ताकत रखने वाले हैं।

महामारी का अगला अध्‍याय क्या?

BA.4 या BA.5 को दुनिया में कई साइंटिस्‍ट पहले ही महामारी का अगला अध्‍याय कहने लगे हैं। र‍िसर्च जर्नल नेचर में छपी एक स्‍टडी काफी डराने वाली है। इसमें आशंका जताई गई है कि BA.4 और BA.5 वैक्‍सीन से उत्‍पन्‍न होने वाली एंटीबॉडीज के खिलाफ BA.2 के मुकाबले चार गुना ज्‍यादा प्रतिरोधक क्षमता रखता है। इस तरह इम्‍युनिटी और वैक्‍सीनेशन को ये चकमा देने में ज्‍यादा प्रभावी हैं। हाल में कई और अध्‍ययनों में भी यह बात सामने आई है। इनमें पता चला है कि नए सब-वेरिएंट वैक्‍सीनेशन और नैचुरल इम्‍युनिटी को धता बताने में ज्‍यादा असरदार हैं। साइंटिस्‍टों की चिंता की यही बड़ी वजह है।ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि मौजूदा वैक्‍सीन का फिर क्‍या फायदा है। एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि वैक्‍सीन इम्‍युनिटी अब भी फायदेमंद है। यह BA4 और BA5 से होने वाली गंभीर बीमारी से सुरक्षा देती है। ऐसे में वैक्‍सीन तो हर हाल में ले लेनी चाहिए। अगर बूस्‍टर डोज के लिए एलिजिबल हो गए हों तो उसे लेने में भी देर नहीं करनी चाहिए।

अमेरिका के दवा नियामक फेडरल ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (एडीए) ने अपने यहां कोरोना वैक्‍सीन बनाने वाली कंपनियों को सुझाव दिया था। उसने कहा था कि वे बूस्‍टर डोज को इस तरह बनाएं जो BA.4 और BA.5 को ज्‍यादा सटीक तरह से टारगेट करती हों। इसकी वजह यह है कि वैक्‍सीन और पिछले कोरोना इन्‍फेक्‍शन से उत्‍पन्‍न एंटीबॉडी BA.5 के खिलाफ सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसे बूस्‍टर डोज जल्‍द उपलब्‍ध होने के आसार हैं। ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट्स की एकराय है कि यह खतरनाक वायरस है। इसकी गंभीरता का अनुमान लगा पाना मुश्किल है।

तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

भारत में भी कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हुए हैं। रविवार को एक दिन में कोविड-19 के 18,257 नए मामले सामने आए। इसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,36,22,651 हो गई। इस दौरान 42 लोगों की मौत हुई। देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।

कोरोना को लेकर एहतियात में कमी आई है। तमाम तरह की बंदिशें हटा दी गई हैं। एयर ट्रैवल करीब-करीब कोरोना के पहले के स्‍तर पर पहुंच चुका है। राजनेता अब कोरोना वायरस के बारे में बहुत ज्‍यादा बात नहीं कर रहे हैं। कह सकते हैं कि यह अब मसला नहीं रह गया है। लोगों ने भी मास्‍क लगाना और सोशल डिस्‍टेंसिंग को फॉलो करना छोड़ दिया है। यह रवैया खतरनाक है। पहले कोरोना के तांडव को देखा जा चुका है। यह वायरस तेजी से फैल सकता है। ऐसे में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।

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