Sunday, March 16, 2025
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पॉलिटिक्स में अचानक हुई रेवड़ी की एंट्री से विपक्ष क्यों घबरा रहा है?

आप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक संबोधन जरूर सुना होगा, जिसमें उन्होंने रेवड़ी पॉलिटिक्स की बात की थी! रेवड़ी गुड़ की हो या शक्कर वाली, खाते जाइए पता ही नहीं चलता है। सर्दी में लोहड़ी पर बोनफायर के पास बातचीत करते समय आप एक-एक कर कितनी रेवड़ी खा जाते होंगे। मकर संक्रांति पर तिल की स्पेशल रेवड़ी से ही त्योहार वाली फीलिंग आती है। बच्चे जेब में भरकर खेलते-खेलते खाते जाते हैं। सफर में रेवड़ी भूख भी मिटाती है। रेट की बात करें तो यह 250 से 500 रुपये किलो तक यह मिलती है। खैर, यहां हम ‘मुफ्त की रेवड़ी’ की बात करने वाले हैं। जी हां, 24 घंटे से मीठे स्वाद वाली रेवड़ी की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है। सियासत चीज ही कुछ ऐसी है कि अगली सुबह के साथ कुछ नए की एंट्री हो जाती है और पूरी बहस उस ओर घूम जाती है। यूपी में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है।

पीएम का सीधे तौर पर निशाना उन नेताओं की तरफ था, जो फ्री पानी-बिजली जैसी स्कीम ऑफर करते हैं। कुछ ही देर में विपक्षी नेता तिलमिला उठे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाकायदे लाइव आकर दिल्ली सरकार के काम गिना डाले। अखिलेश यादव ने तंज कसा कि रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं? सोशल मीडिया पर मीम्स बनने लगे। भाजपा नेताओं के भी फ्री घोषणा करने वाले बयान तैरने लगे।

जनता को मुफ्त की रेवड़ी

दरअसल, प्रधानमंत्री शनिवार को यूपी के जालौन में थे। यहां 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने एक रैली की। यहां विपक्ष पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है। यह कहकर पीएम ने भाजपा को बाकी दलों से अलग और विकास पर फोकस करने वाली पार्टी के तौर पर बताने की कोशिश की। खासबात यह है कि पिछले यूपी चुनाव में सपा और आम आदमी पार्टी दोनों ने कई फ्रीबीज की घोषणा की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

थोड़ी ही देर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कैमरे के सामने आए। उन्होंने पीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ़्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ़्त इलाज करवाना – इसे मुफ़्त की रेवड़ी बांटना नहीं कहते। हम एक विकसित और गौरवशाली भारत की नींव रख रहे हैं। ये काम 75 साल पहले हो जाना चाहिए था।

केजरीवाल ने पूरे जोश के साथ कहा कि मैं बताता हूं आपको कि फ्री की रेवड़ी क्या होती हैं और इस देश में फ्री की रेवड़ी कौन बांट रहा है। उन्होंने कहा कि एक कंपनी है बहुत बड़ी, उस कंपनी ने बैंकों से लोन लिया था, खा गए वो लोन, बैंक दिवालिया हो गए और उस कंपनी ने एक राजनीतिक पार्टी को चंदा दे दिया कुछ करोड़ रुपये का और उस कंपनी के खिलाफ सरकार ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। ये फ्री की रेवड़ी है। जब आप अपने दोस्तों के हजारों-हजारों करोड़ रुपये के लोन माफ कर देते हैं, ये फ्री की रेवड़ी है। जब आप विदेश की यात्रा पर जाते हैं और विदेश यात्रा के बहाने आप अपने चंद दोस्तों के लिए वहां ठेके लेते हैं विदेशी सरकारों से, ये फ्री की रेवड़ी है।

एक-कर कर दिल्ली सरकार के कामकाज को सामने रखते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली एकमात्र शहर है जहां 2 करोड़ लोगों का इलाज बिल्कुल मुफ़्त होता है। ‘फ़रिश्ते स्कीम’ में हम 13,000 से ज़्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उन लोगों के परिवारों से पूछिए कि केजरीवाल फ़्री की रेवड़ियां बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है? हम दिल्ली में महिलाओं को बस में फ़्री यात्रा की सुविधा दे रहे हैं। इस पर जो लोग मुझे गालियां दे रहे हैं उन्होंने जनता के पैसे से हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च कर अपने लिए प्राइवेट प्लेन खरीदे हैं।

यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पीएम पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, ‘रेवड़ी बांटकर थैंक्यू का अभियान चलवाने वाले सत्ताधारी अगर युवाओं को रोजगार दें तो वे ‘दोषारोपण संस्कृति’ से बच सकते हैं। रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं?’ सोशल मीडिया पर भी बीजेपी के आलोचक कई वीडियो लेकर आ गए जिसमें भाजपा शासित राज्यों में मुफ्त सेवा वाली घोषणाओं की बातें की जा रही थीं। कुछ लोग तो भाजपा नेताओं के फ्री में सिलेंडर, स्कूटी, टैबलेट, फोन देने की घोषणा करते हुए वीडियो ले आए। वैसे रेवड़ी को लखनऊ की शान कहा जाता है। कभी लखनऊ जाना हो तो टेस्ट जरूर लीजिएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही रेवड़ी सियासत में भी मिठास घोलेगी।

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