Saturday, March 15, 2025
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बिहार में टीचरों के साथ क्या कर रही है राज्य सरकार?

बिहार में टीचरों को बाबू बनाने की कवायद चल रही है! बोर्ड एग्जाम में कभी टॉपर्स को लेकर तो कभी एग्जामिनेशन सेंटर पर नकल कराने की तस्वीरें मीडिया में आने पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं। बिहार की खराब शिक्षा व्यवस्था के बारे में यहां के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से बात करने पर पता चलता है कि राज्य के होनहारों का भविष्य खराब करने में कहीं ना कहीं यहां की सरकार और सिस्टम भी जिम्मेदार है। बिहार के किसी भी जिले के शिक्षक से बात करें तो उन सबका एक ही दर्द होता है कि उन्हें स्कूल के अलावा उनकी ड्यूटी दूसरे सरकारी कार्यों में लगी रहती है। इसका सीधा असर बिहार के नौनिहालों की पढ़ाई होता है। हालांकि बिहार सरकार के मंत्रियों और अफसरों से इस संबंध में बात करें तो वह सीधे मुंह इन बातों को नकार देते हैं। ऐसे में नवभारत टाइम्स.कॉम ने बिहार के मधुबनी जिले में कुछ उन शिक्षकों की पड़ताल की जिनकी ड्यूटी स्कूल में दिखाकर उनसे सरकार कुछ और काम करवा रही है।

भले ही शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव हो या राज्य के मुख्य सचिव सभी ने राज्य सरकार के कार्यालय में शिक्षकों की प्रतिनुक्ति रद्द करने का आदेश देते रहते हैं, लेकिन मधुबनी जिले में इसका खुलेआम उल्लंघन दिखता है। मधुबनी जिले में जिलाधिकारी के कार्यालय से लेकर तमाम अन्य सरकारी कार्यालय में भी अब तक शिक्षकों की प्रतिनुक्ति है।

जिला मुख्यालय से लेकर अनुमंडल, प्रखंड सभी सरकारी क्षेत्रों में लगभग शिक्षकों की प्रतिनुक्ति हैं। मधुबनी जिला मुख्यालय में कार्यरत शिक्षकों की बात करें तो लगभग सभी विभाग में शिक्षकों की तैनाती दिखती है। शिक्षकों का नियोजन तो स्कूलों में है, लेकिन वे पिछले कई साल से मुख्यालय सहित अनुमंडल, प्रखंड में ड्यटी बजा रहे हैं।

केस नंबर-1 :कागज पर शिक्षक अभिषेक कुमार की नियुक्ति मध्य विद्यालय भदुली प्रखंड बेनीपट्टी में है, लेकिन वह पंचायती राज्य विभाग में ड्यूटी करते हैं। अभिषेक कुमार लगभग पिछले 2 सााल से मधुबनी जिला पदाधिकारी के गोपनीय शाखा में तैनात हैं।

केस नंबर-2 :वहीं डीडीसी (D.D.C) कार्यालय में शिक्षक नियोजन विभाग में शिक्षक सुधीर कुमार सहित 5 शिक्षकों की तैनाती है। रेकॉर्ड में सुधीर कुमार की नियोजन उच्य विद्यालय रहिका में है।

केस नंबर- 3 : डीटीओ ऑफिस में शिक्षक लालबाबू लक्ष्मण सहित 4 शिक्षक कार्य कर रहे हैं। शिक्षक लालबाबू लक्ष्मण का नियोजन प्राथमिक विद्यालय खजूरी में है। हिन्दी विषय के शिक्षक भी हैं, लेकिन इनकी प्रतिनुक्ति डीटीओ ऑफिस में हैं।

केस नंबर-4 :शिक्षक संजीव कुमार कर्ण का नियोजन उत्क्रमित मध्य विद्यालय परोल बासोपट्टी में हैं, लेकिन प्रतिनुक्ति के आधार पर वह जिला निर्वाचन में अपनी सेवा दे रहे हैं।

केस-5 :सर्व शिक्षा अभियान भी शिक्षकों की सेवा लेने में अछूता नहीं है। शिक्षक बौया कुमार पंडित सहित 14 शिक्षक सर्व शिक्षा अभियान में काम कर रहे हैं। शिक्षक बौया कुमार की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय झाड़ी टोल राजनगर में है।

स्कूल में कौन ले रहा क्लास?

ऊपर बताए गए 5 केस तो सिर्फ जिला मुख्यालय के कुछ विभाग का आंकड़ा भर है। न जाने और कई शिक्षक सरकारी विभाग के फ़ाइल को देखने मे लगे हुए हैं। आखिर इतने शिक्षकों की कमी स्कूलों में कैसे पूरी हो रही है यह समझ से परे है। साथ ही इन टीचरों के बदले स्कूल में बच्चों की क्लास कौन ले रहा है यह भी बड़ा सवाल है। अधिकतर सरकारी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले ज्यादातर बच्चे हैं। आखिर इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। भले ही सरकारी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई बाधित क्यों न हो, किंतु इन सरकारी बाबुओं को इनसे क्या लेना देना। क्योंकि इनके बच्चे तो महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं।

इसके अलावा बिहार में जिन टीचरों की ड्यूटी स्कूलों में है उन्हें भी राज्य सरकारें साल में कई ऐसे काम देती रहती है जिससे उनका कोई वास्ता नहीं है। बिहार की टीचर बताते हैं कि जनगणना, लोकसभा से लेकर पंचायत चुनाव में वोटिंग और वोटों की गिणती तक में उनकी ड्यूटी लगती है। इसके अलावा अवैध शराब पकड़ने और खुले में शौच करने वालों को रोकने तक की ड्यूटी में टीचरों को लगाया जाता है। इन कार्यों में ड्यूटी लगने से ना केवल टीचरों क्लासरूम से दूर हो जाते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी पठन-पाठन कार्यों से उनका मन हट जाता है। टीचरों का कहना है कि उनका काम पढ़ने-पढ़ाने का लेकिन अगर उनसे दूसरे काम कराए जाएंगे तो भला वह बच्चों को क्या वक्त दे पाएंगे।

इन सवाल के संदर्भ में मधुबनी के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा से नवभारत टाइम्स.कॉम ने बात की तो उन्होंने कहा कि ये मामला हमारे प्रकाश में आया हैं। हमने शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया हैं। जल्द ही सभी शिक्षक अपने नियोजन क्षेत्रों में अपना अपना योगदान देंगे।

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