Saturday, March 15, 2025
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क्या आप मोटा होना चाहते हैं, तो करें यह घरेलू उपाय!

सामान्य तौर पर कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जो हद से ज्यादा पतले होते हैं, उन्हें आवश्यकता होती है हेल्थी शरीर की! शरीर जब मोटापे से ग्रस्त हो जाता है तो अनेक बीमारियों से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह बहुत दुबला-पतला शरीर भी अस्वस्थ होने का संकेत होता है। अधिक कमजोर शरीर स्वस्थ शरीर की तुलना में जल्द रोगग्रस्त हो सकता है। प्रायः दुबले-पतले लोग अपना वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए अनेक उपाय करते हैं, लेकिन उन्हें पूरी सफलता नहीं मिलती। आप वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए यहां बताए जा रहे घरेलू उपाय कर सकते हैं।आयुर्वेद में एक-दो नहीं बल्कि कई उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन कर आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

वजन का बढ़ना क्या है?

शरीर के भार में वृद्धि को वजन बढ़ना कहते हैं। जब व्यक्ति द्वारा ग्रहण की गई कैलोरीज की तुलना में उसकी शारीरिक गतिविधि कम होती है, तब वजन बढ़ता है। यह शरीर में वसा या अतिरिक्त तरल पदार्थ के जमा होने से होता है। सामान्य रूप से वजन का बढ़ना कोई समस्या नहीं है।निम्न कारणों से लोगों की वजन में कमी आने लगती हैः-टाइप-1 डायबिटीज– टाइप-1 डायबिटीज  के कारण भी वजन घटता है।

अवसाद या तनाव – अवसाद में व्यक्ति का वजन बढ़ता है, लेकिन कई बार व्यक्ति में चिड़चिड़ापन एवं भूख में कमी आ जाती है, जिस कारण वजन घटता है।हार्मोन संबंधी विकार- हार्मोन संबंधिक विकार में एड्रीनल ग्लैंड्स अपर्याप्त मात्रा में हार्मोन का निर्माण करती है। इसके कारण वजन में कमी आती है। यह सभी उम्र के लोगों में हो सकता है।

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज– इसमें आँतों में सूजन आ जाती है, जिससे पेट में दर्द होता है, और व्यक्ति को भूख नहीं लगती है। इससे धीरे-धीरे वजन घटने लगता है।

छोटी आँत में परेशानी– जब आँत भोजन के जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है तो इस स्थिति को कुअवशोषण कहते हैं। इस कारण भी वजन नहीं बढ़ता है, बल्कि घटने लगता है।

अर्थराइटिस होने पर भी वजन नहीं बढ़ता है, लेकिन घटने जरूर लगता है। यह बीमारी 30-50 वर्ष की महिलाओं में होती है। यह एक सूजनकारी बीमारी है, जिसमें शरीर की ऊर्जा घटती-बढ़ती है।हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉयड ग्रंथी अति सक्रिय हो जाती है। इससे शरीर की चयापचय क्रिया तेज हो जाती है। इसके कारण भी वजन घटने लगता है।

वात दोष– वात की वृद्धि के कारण जठराग्नि तेज हो जाती है जिस कारण व्यक्ति को और भूख लगती है और वह और अधिक भोजन करता है, लेकिन वजन नहीं बढ़ता है।

पेट में अल्सर की समस्या होना -अल्सर होने पर पेट में तेज दर्द होता है और भोजन के प्रति अरूचि हो जाती है। भोजन ना करने के कारण वजन घटता है।

ट्यूबरक्लोसिस– टी.बी. एक संक्रामक रोग होता है, इसमें व्यक्ति की भूख कम हो जाती है, चयापचय क्रिया भी सुस्त पड़ जाती है। इसमें व्यक्ति का वजन तेजी से घटता है।

कैंसर के कारण- कैंसर होने पर शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की जरूरत होती है इसलिए वजन घटने की समस्या हो सकती है।

वजन के बढ़ने का कारण

हार्मोनल असंतुलन के कारण।

शारीरिक गतिविधियों का अभाव।

बार-बार कुछ ना कुछ खाने की आदत।

थायरॉइड से संबंधित समस्या (हाइपोथायरायडिज्म के कारण।

अवसाद। अधिक तनाव में व्यक्ति को अधिक भोजन करने की आदत हो जाती है।

अधिक तैलीय, वसायुक्त एवं बासी भोजन, जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन।

अधिक भोजन करना, लेकिन सुस्त जीवनशैली होना। यदि आप अधिक मात्रा में, या वसायुक्त भोजन ग्रहण करते हैं, लेकिन दिन भर बैठे रहना पड़ता है, तो आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है।

क्या है घरेलू उपचार

दिन में कम से कम तीन से चार केले खाएँ। केला पौष्टिक एवं पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे दूध या दही के साथ खा सकते हैं। यह वजन में वृद्धि करने में मदद करता है।रोज नाश्ते में, और रात में सोने से पहले दूध के साथ शहद का सेवन करें। यह वजन बढ़ाने में मदद करता है। इससे पाचनशक्ति भी ठीक होती है।तीन से चार बादाम, खजूर और अंजीर को कूटकर दूध में डालकर उबालें। अच्छी तरह उबलने के बाद दूध को गुनगुना होने पर रोज सोने से पहले पिएँ।

वसायुक्त दूध को ओट्स के साथ सेवन करें।

वसायुक्त दूध में गेहूँ का दलिया बनाकर खाएँ। इससे वजन में वृद्धि होती है।बराबर मात्रा में छिल्का सहित उत्तम गुणवत्ता के सेब और गाजर लेकर कद्दूकस कर लें। इसे दोपहर भोजन के बाद खाएँ। कुछ ही हफ्तों में इससे लाभ मिलता है।10 ग्राम किशमिश को लगभग चार घण्टे तक दूध में भिगोकर रखें। सोने से पहले इस दूध को उबाल लें। गुनगुना होने पर दूध पीकर किशमिश को खा लें। किशमिश शरीर को पुष्ट करती है, एवं तेजी से वजन बढ़ाती है।आवश्यकतानुसार जौ को भीगोकर कूट-छिल लें। इस जौ का 60 ग्रा. की मात्रा को 500 ग्रा. दूध में मिलाकर खीर बनाएँँ। इसका नाश्ता दो महीने तक करें। दो महीने तक रोज इस खीर का सेवन करने से दुबले या कमजोर व्यक्ति भी मोटे हो जाते हैं। इससे वजन में वृद्धि होती है।

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