सऊदी अरब ने क्यों दिखाया अमेरिका को ठेंगा?

0
190
In this photo released by Saudi Royal Palace, Saudi Crown Prince Mohammed bin Salman, speaks during the Gulf Cooperation Council (GCC) Summit in Riyadh, Saudi Arabia, Tuesday, Dec. 14, 2021. (Bandar Aljaloud/Saudi Royal Palace via AP)

सऊदी अरब के मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी राह बदल ली है! सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान जिन्‍हें लोग एमबीएस के नाम से भी जानते हैं, वर्ल्‍ड लीडर से अलग खुद के लिए एक नई छवि अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बना चुके हैं। 36 साल के प्रिंस को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनकी किस तरह से आलोचना करते हैं। वह घर और घर से बाहर अपने ताकतवर दोस्‍तों के साथ अपनी छवि को मजबूत करने में लगे हुए हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के पहले सऊदी अरब दौरे पर ये बात साबित हो गई कि कैसे वर्ल्‍ड लीडर की उनकी इमेज सऊदी लीडर के सामने कमजोर पड़ चुकी है। बाइडेन,एमबीएस से दोगुनी उम्र के हैं मगर वो सऊदी प्रिंस के सामने हर मामले में कम प्रभावी लगे।

जब तोड़नी पड़ी कसम

बाइडेन ने कसम खाई थी कि वो एमबीएस से नहीं मिलेंगे। लेकिन 15 जुलाई को उनकी कसम टूट गई और जेद्दा के शाही महल में दोनों की मुलाकात हुई। बाइडेन ने पहले तो ‘फिस्‍ट बम्‍प’ के साथ उनका अभिभावदन किया और फिर वो वन-टू-वन मीटिंग में वो एमबीएस के सामने दबाव में नजर आए। बाइडेन और एमबीएस की मीटिंग पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो सऊदी सुल्‍तान ने बाइडेन की तरफ से मिले हर सम्‍मान को ग्रहण किया। उन्‍होंने बाइडेन से बहुत से मुद्दों पर बहुत ज्‍यादा बात नहीं की। न ही उन्‍होंने तेल का उत्‍पादन बढ़ाने पर कोई गारंटी दी और न ही रूस या चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने का मन बनाया। न ही बाइडेन को ये भरोसा दिलाया कि एयरस्‍पेस खोलने के बाद भी सऊदी अरब इजरायल के साथ संबंध सामान्‍य करना चाहता है।

प्रिंस का असाधारण व्‍यक्तित्‍व

जो लोग एमबीएस को जानते हैं, वो ये मान चुके हैं कि उनके इस बर्ताव से किसी को हैरान नहीं होना चाहिए। एमबीएस का कद अपने पिता के सुल्‍तान रहते इतना बढ़ा है। पूर्व अमेरिकी राजदूत तलमीज अहमद की मानें तो एमबीएस एक असाधारण व्‍यक्तित्‍व वाले इंसान हैं। तलमीज एक दशक के अंदर तीन बार अमेरिकी राजदूत के तौर पर सऊदी अरब में पोस्‍टेड रहे हैं। एमबीएस, 86 साल के सऊदी किंग सलमान के सातवें बेटे हैं जो उनकी तीसरी पत्‍नी से जन्‍मे हैं। मगर माना जा रहा है कि वो ही अपने किंग के उत्‍तराधिकारी होंगे।

साल 2015 में सुल्‍तान सलमान ने गद्दी संभाली और साल 2017 में उन्‍होंने एमबीएस को क्राउन प्रिंस डिक्‍लेयर किया था। उनका फैसला चौंकाने वाला था क्‍योंकि मुकरिन बिन अब्‍दुलअजीज और मोहम्‍मद बिन नैफ को अगला क्राउन प्रिंस माना जा रहा था। एमबीएस क्राउन प्रिंस बनने के अलावा देश के रक्षा मंत्री बने और रॉयल कोर्ट के मुखिया भी और इसके साथ ही उनके पास दोहरी जिम्‍मेदारी भी आई। किंग सलमान ने अपने इस फैसले पर कहा, ‘ये मेरा इकलौता बेटा है जो बेदर्द है। उसकी यही खासियत इस राज को नियंत्रित करने के लिए काफी है।’

एमबीएस के पास न तो कोई मिलिट्री ट्रेनिंग है और न ही विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री। लेकिन इन सबके बाद भी वो आगे बढ़ते गए। अपनी छवि से अलग एमबीएस ने देश में कई सुधार किए हैं। उनकी लोकप्रियता कई वजहों से यहां के युवाओं में बढ़ी है। ‘विजन 2030’ प्रोग्राम के जरिए उन्‍होंने देश के युवाओं को नए भविष्‍य का वाद किया है। तेल से होने वाली आय का बड़ा हिस्‍सा शिक्षा और नौकरी के अवसरों पर खर्च किया जाएगा। साथ ही एमबीएस ने 500 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार हाई-टेक सिटी का प्रोजेक्‍ट लॉन्‍च किया है। रेगिस्‍तान में बनने वाले इस शहर का नाम ‘नियोम’ होगा।

सामाजिक स्‍तर पर भी इस देश में बदलाव शुरू हो गए हैं। यहां पर अब महिलाओं को पूरी तरह से बुर्का नहीं पहनना पड़ता है और न ही उन्‍हें अभिभावकों के साथ कहीं जाने वाला सख्‍त नियम मानना पड़ रहा है। वो कार ड्राइव कर सकती हैं और कहीं भी आजादी से घूमफिर सकती हैं। एमबीएस के ही आदेश पर सऊदी अरब में इस साल 81 लोगों को आतंकवाद और चरमपंथी विचाराधारा के चलते फांसी दी गई थी। हालांकि कई लोगों ने उन पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप भी लगाया है। एमबीएस पर रैफ बदावी और बाकी महिलाओं को शोषण करने का आरोप लगा है।