ट्विन टावर के बारे में तो आपने सुना ही होगा! सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया। अपने आप में शायद पहली तरह का। इस आदेश के अनुसार, सुपरटेक के Apex और Ceyane को गिराया जाएगा। दोनों नोएडा में हैं। ट्विन टावर के नाम से मशहूर। Apex की ऊंचाई 100 मीटर और Ceyane की 97 मीटर है। कोर्ट ने पाया था कि इन टावरों को बनाने में कानून का उल्लंघन हुआ। परियोजना को मंजूरी देने के लिए कोर्ट ने नोएडा विकास प्राधिकरण को फटकार भी लगाई थी। सुपरटेक ट्विन टावर्स का कंस्ट्रक्शन नोएडा के सेक्टर 93ए में किया गया था। यह एमराल्ड कोर्ट नाम की एक बिल्डिंग प्रोजेक्ट का हिस्सा था। एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमोलिशन को इन हाई राइज को गिराने का ठेका मिला है। ये टेस्ट ब्लास्ट कर चुके हैं। ये सभी बातें तो हो चुकी हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर मजदूर लगाकर तोड़ने के बजाय ट्विन टावरों को उड़ाने की क्या जरूरत है? भारत में कौन-कौन सी कंपनियां इस काम को करती हैं? इसके लिए किस तरह के बारूद का इस्तेमाल होता है? कंस्ट्रक्शन सेक्टर में डिमोलिशन को काफी जोखिम वाला काम माना जाता है। इसमें विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है। ये खास तरह के एक्सप्लोसिव होते हैं। हाई राइज बिल्डिंग गिराने के तरीके को ‘इम्प्लोजन’ कहते हैं। इसका फायदा यह होता है कि काम तेजी से होता है और इसमें पैसा कम लगता है। बिल्डिंग गिराने के लिए खास तरीका अपनाया जाता है। इसमें टाइम का भी बहुत बड़ा महत्व होता है।
एक्सप्लोसिव का होता है इस्तेमाल?
बिल्डिंग गिराने के लिए नाइट्रोग्लिसरीन, डायनामाइट या अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है। स्टील सपोर्ट को अलग करने के लिए लीनियर शेप के चार्जेज का उपयोग होता है। इन विस्फोटकों को पूरी इमारत में फिट किया जाता है। निचली मंजिलों पर विस्फोटक को लगाकर कंट्रोल्ड तरीके से ब्लास्ट की शुरुआत की जाती है।
डिमोलिशन में एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं। पहला, इससे डिमोलिशन में लगने वाला समय कम हो जाता है। डिमोलिशन के दूसरे तरीकों में आसपास रहने वालों को लंबे समय तक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके उलट एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करने से इस तरह की परेशानी कुछ दिन की ही रहती है। इसका तीसरा सबसे बड़ा फायदा सेफ्टी है। इस तरीके में काफी साइंटिफिक तरीके से इमारत को ध्वस्त किया जाता है।
एक्सप्लोसिव डिमोलिशन के कई तरीके होते हैं। इनमें टेलीस्कोपिंग, टॉपलिंग, इम्प्लोजन और प्रोग्रेसिव कोलैप्स शामिल हैं। टेलीस्कोपिंग का इस्तेमाल का कूलिंग टावरों को गिराने के लिए होता है। टॉपलिंग की मदद से चिमनियां गिराई जाती हैं। इम्प्लोजन में हाई राइज बिल्डिंगों को ध्वस्त किया जाता है। प्रोग्रेसिव कोलैप्स का इस्तेमाल वहां होता है जहां अक्सर बड़ा फ्लोर एरिया होता है।
इसमें दो तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। पहला है बोरहोल चार्जेज। इसमें बिल्डिंग में छेद बनाए जाते हैं। इनमें विस्फोटक भर दिया जाता है। यह विस्फोटक खास जगहों पर भरा जाता है। कंक्रीट की बिल्डिंगों को कंट्रोल्ड तरीके से गिराने का यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है। दूसरे तरीके को कहते हैं किकिंग चार्जेज। इसे पहले से कमजोर बिल्डिंग को गिराने में इस्तेमाल किया जाता है।
कंस्ट्रक्शन डिमोलिशन में कई तरह के एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल होता है। इनमें स्लरी एक्सप्लोसिव, इमलसन एक्सप्लोसिव, नाइट्रोग्सिराइड बेस्ड एक्सप्लोसिव, अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रामीन बेस्ड एक्सप्लोसिव शामिल हैं। स्लरी एक्सप्लोसिव अमोनियम नाइट्रेट और अन्य नाइट्र्रेट का सॉल्यूशन होता है। इसका इस्तेमाल नमी वाली जगहों पर होता है। इमलसन एक्सप्लोसिव में इमलसन में ग्लास, प्लास्टिक या रेजिन को मिलाया जाता है। ये एजेंट की तरह काम करते हैं।
डिमोलिशन इंडस्ट्री ठीकठाक फायदे वाली है। इसमें ठेकेदार को करीब 10 फीसदी का मुनाफा होता है। अमेरिका में यह इंडस्ट्री 7.5 अरब डॉलर की है। सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने का ठेका Edifice Engineering और Jet Demolitions को मिला है। देश में सेक्टर की अन्य कंपनियों में वीआरवीआर कंस्ट्रक्शन, साईं एंटरप्राइज, सागा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, नोवा ब्लास्ट शामिल हैं।
कंस्ट्रक्शन डिमोलिशन में कई तरह के एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल होता है। इनमें स्लरी एक्सप्लोसिव, इमलसन एक्सप्लोसिव, नाइट्रोग्सिराइड बेस्ड एक्सप्लोसिव, अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रामीन बेस्ड एक्सप्लोसिव शामिल हैं। स्लरी एक्सप्लोसिव अमोनियम नाइट्रेट और अन्य नाइट्र्रेट का सॉल्यूशन होता है। इसका इस्तेमाल नमी वाली जगहों पर होता है। इमलसन एक्सप्लोसिव में इमलसन में ग्लास, प्लास्टिक या रेजिन को मिलाया जाता है। ये एजेंट की तरह काम करते हैं।डिमोलिशन इंडस्ट्री ठीकठाक फायदे वाली है। इसमें ठेकेदार को करीब 10 फीसदी का मुनाफा होता है। अमेरिका में यह इंडस्ट्री 7.5 अरब डॉलर की है। सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने का ठेका Edifice Engineering और Jet Demolitions को मिला है। देश में सेक्टर की अन्य कंपनियों में वीआरवीआर कंस्ट्रक्शन, साईं एंटरप्राइज, सागा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, नोवा ब्लास्ट शामिल हैं।