सरकार कैसे बनाएगी विकसित भारत? जानिए!

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15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के मंत्रों को जनता को बता दिया है! लालकिले की प्राचीर से आज पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को अगले 25 वर्षों का टारगेट दे दिया। उन्होंने न पाकिस्तान की बात की, न चीन की, भारत के स्वतंत्रता दिवस पर उनका पूरा भाषण देश की आन बान और शान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने देशवासियों को उस वक्त के लिए आगे बढ़ने की बात कही जब देश 2047 में आजादी के 100 साल का जश्न मना रहा होगा। पीएम ने कहा कि अब हमें बड़ा लक्ष्य लेकर चलना होगा। विकसित राष्ट्र बनाने का सपना और इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं। उन्होंने एकता, अनुसंधान, आत्मनिर्भरता, नई शिक्षा प्रणाली जैसे कई महत्वपूर्ण प्रयासों की बात की जिस पर चलकर देश विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने क्या कहा? 

PM मोदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का भी आह्वान कर दिया। उनकी इस घोषणा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पीएम ने संकेत दे दिया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ेगी और हाल के दिनों की तरह आगे भी ताबड़तोड़ ऐक्शन देखने को मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, पीएम ने इसे अपनी सांविधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी बताते हुए इस जंग में देशवासियों का साथ मांगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दोनों विकृतियों का समय रहते समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद… परिवारवाद। भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है… दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है… यह स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।

उन्होंने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट करके भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा, ‘कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है… हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े… वह स्थिति हम पैदा करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वे अब बच नहीं पाएंगे…इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है व इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर ही जाना है। उन्होंने कहा, ‘मेरे 130 करोड़ देशवासी आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए।’

भाई भतीजावाद और परिवारवाद पर प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्था में परिवारवाद कुपोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और उसके कारण मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। देश के सामर्थ्य को नुकसान होता है…भ्रष्टाचार का एक कारण परिवारवाद भी बन जाता है।’ उन्होंने कहा कि जब तक इसके खिलाफ नफरत पैदा नहीं होगी तब इन संस्थाओं को नहीं बचा पाएंगे। उन्होंने आह्वान किया, ‘हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी… इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी। योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर हमें बढ़ना होगा। यह अनिवार्यता है।’

प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है और वह अब समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विश्व का यह बदलाव, सोच में यह परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारे पास वह विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है। मोदी ने कहा कि उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के जरिए भारत, दुनिया का विनिर्माण ‘पावरहाउस’ बन रहा है और लोग ‘मेक इन इंडिया’ के लिए भारत आ रहे हैं।

मोदी ने भारत को अगले 25 साल में विकसित देश बनाने का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि देश दुनिया के लिए विनिर्माण कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 साल की यात्रा देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस ‘अमृत काल’ में विकसित भारत के साथ गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘पांच प्रण’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों, छोटे कामगारों और कारोबारियों का सामर्थ्यवान होना सक्षम भारत की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि यह भारत को नई शक्ति देगी और हरित रोजगार सृजन के साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों, रेहड़ी-पटरी वालों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों को मजबूत बनाने पर जोर दिया और कहा कि इससे औद्योगिक वृद्धि को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री कहा कि सेमीकंडक्टर के उत्पादन, 5जी और आप्टिक फाइबर से शिक्षा, स्वास्थ्य को गति मिली है और आम लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘5जी, चिप विनिर्माण के साथ हम डिजिटिल इंडिया के जरिये जमीनी स्तर पर व्यापक बदलाव ला रहे हैं।’