नई दिल्ली :: कांग्रेस को आने वाले दिनों में नया अध्यक्ष मिल सकता है जिसके लिए चुनाव अगले एक महीने के भीतर होने हैं. कांग्रेस का आगला अध्यक्ष कौन होगा ? इस सवाल का जवाब कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा, कांग्रेस की विरोधी पार्टियां भी जानना चाहतीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगते आया है और भाजपा हमेशा से यह कहती आयी है कि गांधी परिवार के अलावा, इस पद पर कोई आसीन नहीं होगा. इधर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले पार्टी नेताओं के बयान लगातार आ रहे हैं.कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए अभी तक राहुल गांधी की तरफ से कोई रूचि नहीं दिखाई दे रही है लेकिन पार्टी के ज्यादातर नेता राहुल को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं और इस कशमकश में पार्टी के भीतर नए अध्यक्ष को लेकर काफी माथापच्ची चल रही है. इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए माहौल तैयार करना शुरू कर दिया है.जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस में अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता एक राय होकर यह चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें. गहलोत ने राहुल गांधी से भी मांग की है कि वे अध्यक्ष का पद स्वीकार करें. अशोक गहलोत ने कहा कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो कांग्रेस में निराशा छा जाएगी और कई नेता घर बैठ जाएंगे.
राहुल गांधी 2017 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे और 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था. वहीं इसके बाद से लगातार सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं और अब 20 सितंबर कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इससे देश में कांग्रेस में निराशा छा जाएगी. कई लोग घर बैठ जाएंगे और हम लोगों को तकलीफ होगी. राहुल गांधी को पूरे देश के, आम कांग्रेसजनों की भावना समझना चाहिए और अध्यक्ष पद को स्वीकार कर लेना चाहिए. गहलोत ने कहा कि पार्टी के भीतर भी एक राय राहुल गांधी को नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैगहलोत ने कहा कि पार्टी के भीतर भी एक राय है कि राहुल गांधी को नया अध्यक्ष बनना चाहिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीते 32 साल में इस परिवार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बना. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि 75 साल में कुछ नहीं हुआ देश में. अगर ऐसा है तो सब लोग कांग्रेस पर ही हमला क्यों करते हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी और देश का डीएनए एक है. कांग्रेस सभी धर्मों और वर्गों को साथ लेकर चलती है.’
गहलोत ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में 250 नेता बैठे हैं। सब यही चाहते हैं कि राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस की कमान संभाले। एआईसीसी के नेताओं के 6 ग्रुप बने हुए हैं। पिछले दिनों सभी नेताओं ने एक-एक से वन टू वन बातें कर ली। सब एक राय और एक तरफा हैं। गहलोत ने कहा कि हम सब की भावना है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष बनें। राहुल गांधी को हमारी भावनाओं का ख्याल रखते हुए अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने बीते 75 साल में देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा है जिसकी बदौलत ही आज मोदी देश के प्रधानमंत्री व केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा, “कांग्रेस कहीं जाने वाली नहीं है. इस प्रकार की बातें कर उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह किया है. 75 साल में देश में कुछ नहीं हुआ, 75 साल में कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा इसलिए इस देश में आज प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री का नाम अरविंद केजरीवाल है. अगर लोकतंत्र नहीं होता तो ये प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कैसे बनते. यह देश को कांग्रेस की देन है.”
पिछले दिनों दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा था कि वे कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उन्होंने कहा कि वे राजस्थान में रहकर ही जनता की सेवा करना चाहते हैं। उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने से जुड़ी चर्चाओं को भी गहलोत ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना बनता ही नहीं है। मीडिया द्वारा पूछा जा रहा यह सवाल ही गलत है।