आज का युग आधुनिकता का युग है। आधुनिकीकरण के चलते हमने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी काफी विकास किया है जैसे कि अब भारत में भी जापान की बुलेट ट्रेन लाई जाएगी। ठीक इसी तरह प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक और बदलाव किया जा रहा है जिसके कारण लोगों की परेशानियां हल हो जाएंगी। हमारे दैनिक जीवन में हमको इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल करते हैं और वह हमारी जरूरत का हिस्सा है। या यूं कहे कि हमारी जीविका के लिए भी जरूरी है। स्मार्टफोंस टैबलेट लैपटॉप का चार्ज खत्म होने के बाद उसको चार्ज करने के लिए चार्जरो को ढूंढने लगते हैं जिसके कारण हमारे काम भी रुक जाते हैं और अलग-अलग चार्जर्स को रखने से काफी परेशानियां भी होती है। उन सभी डिवाइसेज को चार्ज करने के लिए हमें अलग-अलग चार्जरो की आवश्यकता पड़ती है। स्मार्टफोंस के लिए अलग, टेबलेट के लिए अलग और लैपटॉप के लिए अलग-अलग चार्जर का इस्तेमाल करना पड़ता है। यदि हम कहीं ट्रैवल भी करते हैं तो हमें अलग अलग चारजर को अपने साथ रखना पड़ता है। परंतु अब इस समस्या का भी निजात हमें आसानी से मिल जाएगा। क्योंकि भारत सरकार के द्वारा देश में वन नेशन वन चार्जर या कॉमन चार्जर की पॉलिसी लाई जा रही है।भारत सरकार द्वारा देश में भी अन्य विदेशी देशों द्वारा मांग की गई वन नेशन वन चार्जर की पॉलिसी को भारत में भी लागू किया जा सकता है। इस रणनीति के तहत अब आपको अलग-अलग डिवाइसेज को चार्ज करने के लिए अलग-अलग चार्जर्स की आवश्यकता नहीं पड़ेगी सिर्फ एक ही चार्जर से आप विभिन्न तरीके डिवाइस को चार्ज कर सकते हैं।
क्या है वन नेशन वन चार्जर पॉलिसी?
सरकार आम चार्जर नीति को लागू करने की योजना बना रही है, जिसे चार्जर की रणनीति होने पर एक राष्ट्र भी कहा जा रहा है इस नीति के अनुसार वे सभी उपकरण जिनका हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप टैबलेट और अन्य वायरेबल डिवाइस में एक मानक या सार्वभौमिक चार्जर होगा। मोबाइल फोन और अन्य पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए यूनिवर्सल चार्जरस को एक्सप्लोर करने को सरकार एक्सपर्ट कमेटियां बना रही है। इस पॉलिसी के हिसाब से डेली नीड वाले डिवाइस स्मार्टफोंस लैपटॉप टेबलेट और अन्य वियरेबल एक सिंगल यूनिवर्सल चार्जर से चार्ज होंगे। वन नेशन वन चारजर स्ट्रेटजी के इंप्लीमेंटिंग से पहले सरकार ने इंडियन मोबाइल इंडस्ट्री के सभी मेजर स्टेकहोल्डर्स के साथ कई मीटिंग की है।
यदि यह पॉलिसी पूरी तरह से भारत में लागू हो जाती है तो इससे बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इससे होने वाले कचरे का खात्मा हो जाएगा और उसके मामले भी अत्यधिक घट जाएंगे। बल्कि यही नहीं इसके कारण यूजर्स को भी बहुत फायदा रहेगा उन्हें विभिन्न तरह के चार्जर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी सिर्फ एक चार्जर से ही उनका काम चल जाएगा। इसलिए यह उम्मीद जताई जा रही है कि पंचायत पाली से पूरी तरह से अप्रूव्ड हो सकती है। परंतु इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यदि वन चार्जर पॉलिसी अप्रूव्ड हो जाती है तो ओरिजिनल डिवाइस मैन्युफैक्चर्स जो चार्जरस या चार्जिंग कोड्स प्रोवाइड करवाएंगे वह महंगे हो सकते हैं। परंतु फिर भी लोकल सर्कल सर्वे के मुताबिक 10 में से नौ कस्टमर ऐसे हैं जो सरकार से स्मार्टफोन व टेबलेट के लिए चार्जिंग केबल को स्टैंडर्डाइज करवाना चाहते हैं।
विदेशों में भी अपनाई गई है पॉलिसी
हाल ही में यूरोपियन यूनियन ने साल 2024 तक के स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए यूएसबी सी पोर्ट कॉमन चार्जिंग स्टैंडर्ड्स के अडॉप्टेशन की घोषणा की थी। साथ ही अमेरिका में भी ऐसी डिमांड की गई। विदेशों में उठाए जा रहे इस कदम को देखते हुए भारत में भी इस बारे में चर्चाएं अधिक हो गई हैं आर्य आर्य लगाई जा रही है कि जल्द ही देश में भी कॉमेंट जर्जर पॉलिसी लागू हो जाएगी।
क्या है वन नेशन वन चार्जर का उद्देश्य
वन नेशन वन चार्जर अर्थात हर डिवाइस के लिए सिर्फ एक ही चार्जर का उद्देश्य यही है कि दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से होने वाले कचरे को खत्म करना है। चार्जर्स का उपयोग करने के बाद उसे जमीन में गाड़ दिया जाता है जिस से निकलने वाला रसायन प्रकृति के लिए बेहद ही खतरनाक होता है और साथ ही हमारे जीवन के लिए भी। यह सिर्फ प्रकृति के लिए ही सही नहीं है बल्कि यूजर्स के लिए भी काफी फायदेमंद होगा।