Friday, February 7, 2025
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क्या है ध्रुपद संस्थान का काला सच?

मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित ध्रुपद संस्थान के बारे में कौन नहीं जानता! कभी जिस संस्थान की गुरु-शिष्य परंपरा की मिसालें दी जाती थीं, उस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। 12 विदेशी महिलाओं ने गुंडेचा बंधुओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में कार्रवाई की मांग करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि प्रसिद्ध गुंडेचा बंधुओं- दिवंगत रमाकांत गुंडेचा, उमाकांत गुंडेचा और पखवाज की भूमिका निभाने वाले अखिलेश गुंडेचा ने उनका यौन उत्पीड़न किया।

हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में हस्तक्षेप आवेदन (आईए) दायर करने वाली सभी महिलाएं ध्रुपद संस्थान की छात्राएं रह चुकी हैं। वे अब अमेरिका, स्वीडन, कनाडा, पोलैंड, स्पेन, ऑस्ट्रिया और जर्मनी में रह रही हैं। उन्होंने यह याचिका एक आंतरिक शिकायत समिति की जांच रिपोर्ट के समर्थन में दायर किया गया है। आंतरिक शिकायत समिति ने 2020 में एक विदेशी महिला द्वारा गुंडेचा बंधुओं पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की थी। रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद गुंडेचा ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 28 जून को सुनवाई होनी है।

गुंडेचा बंधुओं पर यौन उत्पीड़न का आरोप पहली बार सितंबर, 2020 में सामने आया था, जब फेसबुक पोस्ट के जरिये कुछ छात्राओं ने रमाकांत और अखिलेश गुंडेचा पर उनके शारीरिक शोषण की बात कही थी। गुंडेचा बंधुओं पर अश्लील व्हाट्सएप मैसेज भेजने से लेकर रेप करने तक के आरोप लगे हैं। पद्मश्री से सम्मानित रमाकांत और उमाकांत गुंडेचा को आंतरिक शिकायत समिति ने दोषी करार दिया, लेकिन वे इसे मानने को तैयार नहीं हुए। पीड़ित महिलाएं पहले कानून की मदद नहीं लेना चाहती थीं, लेकिन जब आरोपियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की तो उन्होंने इसका प्रतिवाद करने का फैसला किया।

संस्थान की एक छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा था कि संस्थान में प्रवेश के बाद पहले सप्ताह में ही उसके साथ रमाकांत गुंडेचा ने गलत हरकतें शुरू कर दी थीं। वे उसे व्हाट्सएप पर गंदे मैसेज भेजने लगे। कुछ दिन बाद एक शाम को वे उसे अपने साथ कार में बिठाकर एक पार्किंग में ले गए। वहां अंधेरे का फायदा उठाकर उन्होंने उसके कपड़े उतारने की कोशिश की। पीड़ित छात्रा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो वे उसे वापस संस्थान लेकर आ गए, लेकिन तीन महीने बाद अचानक उसके कमरे में घुस आए और रेप किया। एक अन्य पीड़ित छात्रा ने बताया कि वह संस्थान पहुंचने के ठीक बाद बीमार हो गई और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अखिलेश गुंडेचा उसे वापस लेने आए, लेकिन कार में उसके साथ अश्लील हरकत करते लगे। उसका हाथ पकड़ लिया और गलत तरीके से छूने की कोशिश की। तीसरी पीड़ित छात्रा ने बताया कि रमाकांत गुंडेचा एक रात उसे अपने साथ संस्थान के बाहर सुनसान स्थान पर ले गए। वहां उन्होंने उसके कपड़े उतार दिए और प्राइवेट पार्ट्स को छूने लगे। छात्रा ने उन्हें झिड़क दिया तो वे सुनसान जगह पर उसे अकेली छोड़कर चले आए।

गुरु शिष्य परंपरा का मर्म यही होता है कि शिष्य खुद को गुरु के प्रति पूरी तरह समर्पित कर देता है। एक तरह से गुरु अपने शिष्य के जीवन को पूरी तरह नियंत्रित करने लगता है। भारत में वैदिक काल से ही शिक्षा की यह पद्धति प्रचलित है, लेकिन इसका संबंध केवल ज्ञान से है। इसमें शारीरिक सुख के लिए कोई स्थान नहीं होता। लेकिन ध्रुपद संस्थान में इसका विकृत स्वरूप सामने आया है।

कब हुई स्थापना

ध्रुपद संस्थान की स्थापना मध्य प्रदेश सरकार ने साल 1981 में की थी। इसका लक्ष्य गुरु-शिष्य परंपरा के तहत ध्रुपद गायकों को प्रशिक्षण देना था। संस्थान की स्थापना में उस समय प्रदेश के संस्कृति सचिव रहे अशोक वाजपेयी और फिल्मकार मणि कौल ने अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों ने डागर घराने के मशहूर ध्रुपद गायक जिया फरीउद्दीन डागर को मनाकर इसका पहला डायरेक्टर बनाया था। डागर उस समय भारत छोड़ विदेश में बस गए थे। वाजपेयी और कौल के अनुरोध पर वे देश लौट कर आए और ध्रुपद संस्थान की जिम्मेदारी संभाली।

ध्रुपद संस्थान में शुरुआत से ही प्रशिक्षण के लिए अलग तरीका अपनाया गया। ध्रुपद गायकी की परंपरागत शैली में तकनीकी पहलुओं पर ज्यादा जोर दिया जाता है। कई वर्षों तक तकनीकी प्रशिक्षण के बाद छात्रों को अलाप और इंप्रोवाइजेशन आदि के बारे में बताया जाता है। डागर ने तकनीकी प्रशिक्षण का समय कम कर दिया। डागर ने इसकी जगह शुरुआत से ही संगीत के पहलुओं की जानकारी देने का तरीका अपनाया। गुरु की देखरेख में छात्र अलाप और सुरों की लगातार प्रैक्टिस करते जिससे उनकी गलतियों को तत्काल सुधारा जा सके।

संस्थान से प्रशिक्षण हासिल कर कई छात्र आज देश और विदेश में मशहूर हैं। इनमें उदय भवालकर, उमाकांत और रमाकांत गुंडेचा, आशीष सांस्कृत्यायन, सोमबाला कुमार, सुलेखा कांबले, पल्लब दास, लखनलाल साहू, अमित शर्मा बांधवी, निर्मल्या डे और अभिजीत सुखदाने शामिल हैं। ये सभी देश-विदेश में होने वाले ध्रुपद कॉन्सर्ट्स में परफॉर्म करते हैं।

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