हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74 बार जन्मदिन गुजरा है, 1950 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ! नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया। 26 मई 2014 को वह देश के 15वें प्रधानमंत्री बने। देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें शपथ दिलाई थी। पांच साल बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोदी की अगुआई में फिर चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। एक साधारण परिवार में जन्मे मोदी का सत्ता के शिखर पर पहुंचना असाधारण था। यह इस बात का सबूत है कि अगर इंसान में जज्बा हो तो सब कुछ मुमकिन है। मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी आसान बनाया जा सकता है। उनका स्वयंसेवक से प्रधानसेवक बनने तक का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री का जन्म गुजरात के वड़नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदार दास मूलचंद मोदी था। उनकी मां का नाम हीराबेन है। अपने 5 भाई-बहनों में प्रधानमंत्री दूसरे नंबर पर आते हैं। मोदी के पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। प्रधानमंत्री खुद बता चुके हैं कि कभी वह चाय बेचा करते थे। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होने स्टेशन से गुजरने वाले सैनिकों को चाय पिलाई थी। वह वड़नगर में भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में पढ़ते थे। वह एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में काफी आगे थे। उन्हें एक्टिंग, डिबेट, नाटकों में हिस्सा लेना बहुत पसंद था। वह एनसीसी में भी शामिल हुए। एक दिन मोदी पास के तालाब से घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर ले आए थे। मां के समझाने-बुझाने पर वह उसे तालाब में दोबारा छोड़कर आए थे।
नरेंद्र मोदी 1970 के शुरुआती दशक से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। मोदी बहुत मेहनती और कर्मठ थे। धीरे-धीरे उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारियां दी जाने लगीं। लोगों को उनमें कुशल प्रबंधकर्ता दिखता था। तमाम आरएसएस नेताओं के ट्रेन और बस के रिजर्वेशन की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाल दी गई। इस तरह संगठन के भीतर उनका कद बढ़ता गया।
नरेंद्र मोदी शुरू से दाढ़ी रखते हैं। 1975 में जब इमरजेंसी लगी तो उन्होंने सरदार का वेश रखकर ढाई साल पुलिस को छकाया था। मोदी अपने ज्यादातर काम खुद ही कर लेते हैं। कपड़ों को धुलने में ज्यादा परेशानी नहीं हो तो वह कुर्ते की बांह को काटवाकर पहनने लगे। बाद में यही उनका स्टाइल बन गया।
मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से जुड़ा तीन महीने का कोर्स किया है। शुरू से वह घूमने फिरने के शौकीन रहे हैं। 90 के दशक में वह पहली बार अपने दोस्तों के साथ अमेरिका गए थे। उन्होंने वाइट हाउस के बाहर तस्वीर भी खिंचवाई थी।26 जनवरी 1992 को गणतंत्र दिवस के मौके पर बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुआई में कश्मीर के लाल चौक पर बीजेपी ने तिरंगा झंडा फहराया था। उस वक्त नरेंद्र मोदी भी साथ थे। वहां तक पहुंचने का सफर कन्याकुमारी से शुरू हुआ था। यात्रा के प्रबंधन का पूरा काम नरेंद्र मोदी के हाथों में ही था। उन्होंने बहुत कुशलता के साथ यह काम किया था।
जब बीजेपी ने ‘एकता यात्रा’ की शुरुआत की थी। इसकी शुरुआत कन्याकुमारी से दिसंबर 1991 में हुई थी। यात्रा का अंतिम पड़ाव कश्मीर था। इस दौरान मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी की साथ ली गई तस्वीर।
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री (2001-2014) रह चुके हैं। 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार उन्होंने गुजरात के सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बीजेपी सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने वडोदरा और वाराणसी दोनों लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था।
दोनों ही सीटों से उन्हें भारी मतों से सफलता मिली थी। हालांकि, बाद में उन्होंने वडोदरा सीट छोड़ दी थी।पांच साल बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोदी की अगुआई में फिर चुनाव जीता।जब बीजेपी ने ‘एकता यात्रा’ की शुरुआत की थी। इसकी शुरुआत कन्याकुमारी से दिसंबर 1991 में हुई थी। यात्रा का अंतिम पड़ाव कश्मीर था। इस दौरान मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी की साथ ली गई तस्वीर। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की।यात्रा का अंतिम पड़ाव कश्मीर था। इस दौरान मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी की साथ ली गई तस्वीर। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की।