हाल के दिनों से अमेरिका पाकिस्तान का हितैषी बना हुआ है! शीतयुद्ध के दौर से मित्र रहे पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कई वर्षों के तनाव के बाद एक बार फिर से रिश्ते गर्मजोशी भरे हो गए हैं। अमेरिका तालिबान के साथ पाकिस्तानी सेना के संबंध को लेकर बहुत नाराज था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो पाकिस्तान को दी जाने वाले सैन्य सहायता को ही रोक दिया था लेकिन अब हालात एक बार फिर से पलट गए हैं। अमेरिका ने भारत के विरोध के बाद भी पाकिस्तानी एफ-16 फाइटर जेट के लिए करोड़ों डॉलर का पैकेज दिया है। यही नहीं अब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका के एक सप्ताह के अहम दौरे पर पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि यह बाजवा का आखिरी विदेश दौरा है। वह नवंबर में रिटायर होने जा रहे हैं।
पाकिस्तान में तैनात रह चुके इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी अविनाश मोहानानेय का मानना है कि इससे पीछे पेगासस का खुलासा एक बड़ी वजह है। उनका कहना है कि पाकिस्तान में ऑडियो लीक होने के बाद राजनीति में ध्रुवीकरण और ज्यादा बढ़ गया है। वह भी तब जब पाकिस्तान में इस बात को लेकर सियासत तेज हो गई है कि बाजवा के बाद कौन पाकिस्तानी सेना का प्रमुख बनेगा। बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं और अगले आर्मी चीफ का चुनाव इमरान खान और शरीफ भाइयों के भविष्य के लिए करो या मरो की जंग बन चुका है।
पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक नए आर्मी चीफ का चुनाव प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को करना है। अविनाश का मानना है कि ऐसे समय पर जब पाकिस्तान आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है, आर्मी चीफ को लेकर एक स्वतंत्र फैसला होना मुश्किल है। पाकिस्तान के इस चुनौतिपूर्ण हालात में अमेरिका ने एक बार फिर से एंट्री की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस चुनौतीपूर्ण हालात में एक बड़ा मौका दिख रहा है, अपने धुर विरोधी चीन को किनारे लगाने का। अमेरिका ने हमेशा से ही अपने रणनीतिक और आर्थिक हितों के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ काम करने में आसानी महसूस की है और यही वजह है कि वह इस बार भी वह ऐक्शन में है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका एक बार अपने अनुकूल आर्मी चीफ बनवाने में सफल रहने के बाद हर चीज को अपने पक्ष में करवा लेता है। अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से शासन है या नहीं। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते का एक शानदार उदाहरण पेगासस जासूसी साफ्टवेयर है जिसे इजरायली कंपनी ने बनाया है। पाकिस्तान और इजरायल के बीच राजनयिक रिश्ते नहीं हैं लेकिन वह इस कुख्यात हैकिंग साफ्टवेयर का इस्तेमाल धड़ल्ले से करता है। माना जाता है कि अमेरिका की मदद से पाकिस्तान ने इस साफ्टवेयर को हासिल किया है।
एक हैकर इंडीशेल के मुताबिक पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ने ही इस साफ्टवेयर को इजरायल से लिया है। उसने खुलासा किया कि पीएम ऑफिस को कभी भी जासूसी के दायरे में नहीं लाया गया लेकिन आने वाले समय में पाकिस्तान के हर महत्वपूर्ण व्यक्ति के फोन में पेगासस साफ्टवेयर होगा। यही वजह है कि इमरान खान अपनी सूचनाओं को अपने पसंदीदा आईएसआई जनरल फैज के अलावा किसी और को नहीं देना चाहते थे। आईएसआई प्रमुख के बदलते ही इमरान खान के कई ऑडियो लीक हो गए। आईएसआई चीफ के बदलाव के साथ ही पूरा कंट्रोल इमरान खान के हाथ से निकलकर जनरल बाजवा के हाथ में चला गया।
अविनाश ने कहा कि यह वही बाजवा हैं जिनका आज अमेरिका दिल खोलकर स्वागत कर रहा है। इमरान खान ने सत्ता जाने के बाद अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिससे बाजवा काफी नाराज बताए जा रहे हैं। ताजा ऑडियो लीक विवाद से पहले भी आईएसआई ने इमरान खान की रहस्यमय पत्नी बुशरा बीबी के कई ऑडियो को लीक कर दिया था। इमरान की भी आशंका सच साबित हुई और उनके भी कई ऑडियो बाजार में आ गए हैं। इमरान हों या शहबाज दोनों ही नेताओं की बातचीत को अवैध तरीके से रिकॉर्ड किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इमरान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस पेगासस जासूसी साफ्टवेयर को वह पाकिस्तान ला रहे हैं, वह खुद उनके गले की फांस बन जाएगा। अविनाश मोहानानेय ने कहा कि इमरान खान ने पर्दे के पीछे से अपने करीबी लोगों को अमेरिकी दूतावास भेजकर मनाने की कई कोशिशें की हैं लेकिन अभी भी वह अमेरिका के लिए अस्वीकार्य बने हुए हैं। अब पाकिस्तान में इन ऑडियो के लीक होने से साफ हो गया है कि वहां के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व का असली चरित्र क्या है। पाकिस्तान में स्थिरता के लिहाज से बहुत ही खतरनाक हालात बन गए हैं।