बिग बॉस 16 में एक बार फिर सिद्धार्थ शुक्ला जैसा व्यक्ति दिखाई दे रहा है! देश के सबसे बड़े रिएलिटी शो कहे जाने वाले ‘बिग बॉस’ के 13वें सीजन को कोई कभी नहीं भुला सकता। वजह? वजह है इसके कंटेस्टेंट्स। चाहे शहनाज गिल हों या फिर आसिम रियाज, हर कोई इस शो में जितने दिन रहा, रियल रहा। इसी कारण इस सीजन को इतना ज्यादा पसंद किया गया। और इसे पसंद करने की सबसे बड़ी वजह थे- सिद्धार्थ शुक्ला। एक ऐसा एक्टर, एक ऐसा इंसान, जिसने न सिर्फ इस शो की तस्वीर बदल दी, बल्कि ऑडियंस को भी न जाने कितनी बातें सिखा गया। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़ी एक-एक चीज लोगों के जहन में ताजा हैं।
सिद्धार्थ शुक्ला सिर्फ स्ट्रॉन्ग कंटेस्टेंट ही नहीं थे, एक मजबूत पर्सनैलिटी भी थे। सही के लिए स्टैंड लेना, दोस्तों के सपोर्ट में खड़े रहना, दोस्त गलत हो तो उसे सही राय देना, लॉजिकल बातें करना, जिंदगी जीने का नजरिया देना, पॉजिटिव राय रखना… उनके हर अंदाज पर फैंस जान छिड़कते थे। वो जब शहनाज के साथ बचकानी हरकतें भी करते थे तो उसमें भी प्योरिटी होती थी। सिद्धार्थ की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शो के पहले ही दिन उन्हें माहिरा शर्मा से लेकर रश्मि देसाई तक ने अपने साथ होने के लिए चुना था। खैर। अब बिग बॉस 16 शुरू हो चुका है। शुरुआत में ही बिग बॉस ने बोल दिया था कि यहां कोई सिद्धार्थ बनने आया है तो कोई कुछ और…। यानी बिग बॉस भी सिद्धार्थ के रुतबे से अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन उन्होंने ये बात एकदम सही बोली। इस सीजन में कोई है, जो सिद्धार्थ शुक्ला बनने की पुरजोर कोशिश कर रहा है, लेकिन कोई उनसे कह दे कि सिर्फ लंबा-चौड़ा होने से, वैसे ही कपड़े पहनने से और वैसी ही हरकतें करने से कोई सिद्धार्थ शुक्ला नहीं बनता!
बिग बॉस 16 में सिद्धार्थ शुक्ला बनने की कोशिश करने वाले कंटेस्टेंट कोई और नहीं, बल्कि टीवी एक्टर शालीन भनोट हैं। इन दिनों उनकी ‘नौटंकी’ बहुत ज्यादा बढ़ गई है। लोग उनसे इरिटेट होने लगे हैं। ट्विटर पर हर दिन #ShalinBhanot ट्रेंड हो रहा है और उन्हें लगभग हर दिन बुरा-भला कहा जा रहा है। लेकिन शालीन हैं कि बाज नहीं आ रहे हैं। आइये आपको बताते हैं कि शालीन कैसे सिद्धार्थ बनने की कोशिश कर रहे हैं।
पहले बात करते हैं पहनाने और तौर तरीकों की। सिद्धार्थ शुक्ला की कद-काठी बहुत लंबी-चौड़ी थी। वैसे ही शालीन भी लंबे-चौड़े हैं। ये तो चलो बात हो गई कि कद-काठी पर किसी का बस नहीं है, लेकिन पहनावे और तौर तरीकों पर तो है ना? शालीन लगभग वैसे ही कपड़े पहनते हैं, जैसे बिग बॉस 13 में सिद्धार्थ शुक्ला पहनते थे। यही नहीं, सिद्धार्थ जैसे चलते थे, जैसे बैठते थे, शालीन हुबहू वैसे ही करते हैं। यानी सिद्धार्थ को कॉपी करते हैं।
अब बात करते हैं पर्सनैलिटी की। सिद्धार्थ और शालीन की पर्सनैलिटी में जमीन-आसमान का फर्क है। लेकिन ये बात शालीन को कौन समझाए! सिद्धार्थ जो भी थे, जैसे भी थे, वो रियल थे। वो उनका नेचर था। उसमें कहीं भी फेकनेस नहीं थी, लेकिन शालीन… शालीन दिखाने की कोशिश करते हैं कि वो बहुत स्ट्रॉन्ग हैं, जबकि ऐसा है नहीं। साजिद खान और एमसी स्टैन वाली लड़ाई में वो रजाई में दुबक गए थे। डर के मारे उनकी तबीयत खराब हो गई थी।
सिद्धार्थ शुक्ला जब भी कोई टास्क खेलते थे, उसमें अपनी जी-जान लगा देते थे। वो अपनी टीम को भी साथ लेकर चलते थे। बिना चीटिंग किए उस टास्क को जीत भी जाते थे। अब शालीन की बात करें तो घर में कैप्टन बनने को लेकर एक टास्क हुआ था। इसमें शालीन को सिर पर एक टब रखना था, जिसमें सामान था। लेकिन शिव ठाकरे ने चंद सेकेंड में ही उनके ‘मजबूत बनने के दिखावे’ को चकनाचूर कर दिया। वो सामान का भार सहन ही नहीं कर पाए और सारा सामान पटक दिया। बाद में बहाना बनाया कि उनका सर्वाइकल टूट जाता!
सिद्धार्थ शुक्ला ने कभी लड़कियों का फेवरेट बनने की कोशिश नहीं की, उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी ऐसी बनाई थी कि हर लड़की उनसे बात करना चाहती थी। चाहे रश्मि देसाई हों या देवोलीना भट्टाचार्जी या माहिरा शर्मा, सभी ने शुरुआत में सिद्धार्थ से भले ही लड़ाई की थी, लेकिन शो खत्म होते-होते उन्हें अहसास हो गया कि सिद्धार्थ कैसे इंसान थे। बाद में सभी उनकी तारीफों के पुल बांधती नजर आईं। शालीन तो शो के अंदर लड़कियों के इमोशंस से खेल रहे हैं। कभी सुम्बुल तौकीर को अपनी बातों में फंसाते हैं तो कभी टीना दत्ता से फ्लर्ट करते हैं। सौंदर्य शर्मा से Kiss करवाते हैं। इससे ये साबित नहीं होता है कि आप लड़कियों के फेवरेट हैं, बल्कि ये दिखता है कि आप उनके साथ खेल रहे हैं। कंटेस्टेंट मान्या सिंह ने भी शुरुआत में कहा था कि शालीन और सुम्बुल, सिद्धार्थ और शहनाज बनने की कोशिश कर रहे हैं।
शालीन भनोट को पहले वीकेंड का वार में होस्ट सलमान खान ने झिड़क दिया था। उन्होंने शालीन से कहा था कि अपने कुछ वहम दूर कर लो- पहला कि तुम घर चला रहे हो। दूसरा कि तुम अच्छे एडवाइजर हो। हम भी शालीन को यही सलाह देते हैं कि कॉन्फिडेंस होना अच्छी बात है, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंस आपको कहीं का नहीं छोड़ेगा।