हाल ही के दिनों में कानपुर की मर्डर मिस्ट्री ने सभी को हिला कर रख दिया है! रविवार का दिन है, हर कोई मौज-मस्ती के मूड में है। कानपुर शहर का बेहद पॉश इलाका, पति-पत्नी पीयूष और ज्योति भी अपने संडे को खूबसूरत बनाने का प्लान करते हैं। दोनों अपनी हॉन्डा अकोर्ड से निकलते हैं और सीधा पहुंचते हैं बेहद स्टायलिश रेस्टोरेंट ‘कार्निवल’ में। दोनों रेस्टोरेंट के बाहर कार पार्क करके अंदर जाते हैं। वेटर पीयूष और ज्योति के पास आता और बैठने के लिए पास वाली सीट की तरफ इशारा करता है। दोनों पति-पत्नी रेस्टोरेंट में बैठते हैं। खाना ऑर्डर करते हैं। कुछ वक्त बिताते हैं और फिर वहां से निकल जाते हैं।
कार में म्यूजिक बज रहा है। ज्योति, पीयूष को लॉन्ग ड्राइव पर चलने के लिए कहती है। पीयूष, पत्नी की इस फरमाइश के लिए हामी नहीं भरता है। लेकिन ज्योति जिद ठान लेती है। फिर भी पीयूष नहीं मानता है। रेस्टोरेंट से निकलने के बाद दोनों आखिरकार अपने घर की तरफ रवाना होने लगते हैं। हॉन्डा अकॉर्ड कार कंपनी बाग चौराहे से रावत पुर रोड की तरफ बढ़ती है। ज्योति का मूड खराब हो जाता है, वो संडे के दिन मस्ती करना चाहती थी, लेकिन पीयूष उसकी बात नहीं मानता। कानपुर के बेहद अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष और ज्योति की शादी दो साल पहले हुई थी। खैर ज्योति और पीयूष कौन है, इनके परिवार में इनके अलावा और कौन कौन है ये हम आपको बताएंगे, फिलहाल बात अभी की। दोपहर के 12 बज चुके हैं। दोनों कार में है लेकिन अब दोनों में कोई बात नहीं हो रही। गाड़ी घर की तरफ बढ़ रही है लेकिन अब अगले ही पल जो इनके साथ होने वाला है, ये दोनों सोच भी नहीं सकते।
अचानक गाड़ी के सामने कुछ बाइक सवार आ जाते हैं और पीयूष की गाड़ी को रोक देते हैं। बाइक सवार पीयूष के साथ मारपीट करते हैं। ज्योति चीखती है, चिल्लाती है, लेकिन वो लोग ज्योति का भी मुंह बंद कर देते हैं। उसके बाद वो पीयूष को सड़क पर छोड़कर, कार वहां से उठाकर फरार हो जाते हैं। वो ज्योति को भी अगवा कर ले जाते हैं। पीयूष कार के पीछे दौड़ता है, लेकिन कार थोड़ी ही देर में, आंखों के सामने से ओझल हो जाती है। वो ज्योति के फोन पर फोन लगाता है, बेल बजती है, ज्योति फोन उठाती भी है लेकिन वो रो रही होती है। बचाओ… बचाओ… मुझे बचाओ लेकिन तभी किडनैपर उसे जान से मारने की धमकी देते हैं और फोन काट देते हैं। पीयूष फिर फोन लगाता है लेकिन अब कोई फोन नहीं उठाता। पीयूष रोता है, पागलों की तरह इधर उधर मदद के लिए दौड़ता है लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता। काफी देर बाद एक बाइक सवार उसकी मदद करता है। वो बाइक सवार को रावतपुर पुलिस स्टेशन चलने के लिए कहता है।
ज्योति की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजी जाती है। ये खबर पूरे कानपुर में फैल जाती है। जैसा हमने आपको बताया था कि पीयूष कानपुर के एक बड़े बिजनेस घराने से ताल्लुक रखता है। पीयूष, ओम प्रकाश दसानी जो कानपुर के गिनचुने बड़े कारोबारियों में शुमार होते हैं, उनका छोटा बेटा है। 2012 में पीयूष की शादी ज्योति से हुई थी। ज्योति भी बिजनेस घराने से ही थी। ज्योति के पिता का जबलपुर में प्लास्टिक का बड़ा बिजनेस है। अब जबकि ज्योति की मौत हो गई है, तो ये पूरे कानपुर शहर के लिए चर्चा का विषय बन जाता है। ‘अरबपति बिजनेसमैन की बहु का कत्ल’ ये खबर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचती है।
मामला बड़े खानदान से है तो पुलिस भी और ज्यादा सतर्क हो जाती है। तमाम बड़े ऑफिसर मामले पर अपनी नज़र रखते हैं। कत्ल हुआ है ये तो साफ है लेकिन किसने किया और क्यों किया ये अब तक साफ नहीं था। पोस्टमार्टम चल रहा है, पीयूष भी अपने परिवार के साथ अस्पताल जाता है। उसके अलावा ज्योति के परिवारवाले भी जबलपुर से कानपुर आ जाते हैं। पुलिस जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाना चाहती है लेकिन कैसे। सिर्फ पीयूष के बयान के अलावा उनके पास और कुछ नहीं। कार में भी कोई सबूत नहीं मिलते। मामला बेहद पेचीदा लगता है।
ज्योति का मर्डर हुए दो दिन हो चुके थे। पीयूष के घर में बड़े-बड़े लोगों का आना जाना लगा हुआ था। ज्योति का परिवार भी कानपुर में ही था। पूरा माहौल बेहद गमगीन था। करीब दो साल पहले ही तो, धूमधाम से दोनों की शादी हुई थी और अब ज्योति सबको छोड़कर जा चुकी थी। कौन था ज्योति का दुश्मन, अब तक भी ये साफ नहीं हुआ था लेकिन शक अब पीयूष पर था। पुलिस ने पीयूष के कॉल रिकार्ड निकलवाए। पता चला कि हत्या वाले दिन पीयूष ने एक नंबर पर 150 मैसेज भेजे हैं। इसके अलावा एक और नंबर पर भी पीयूष की लगातार बात होती रही है। कॉल डीटेल से ये भी पता चला कि इस एक नंबर पर ही, पीयूष अक्सर लंबी-लंबी बातें करता था। तो आखिर किसका नंबर था ये और पीयूष का इससे क्या कनेक्शन था।
अब जान लीजिए उस दिन हकीकत में हुआ क्या, क्योंकि अब तक जो बताया गया था, वो पीयूष की बनाई गई कहानी थी। दरअसल जब पीयूष और ज्योति घर के लिए निकले, उनके साथ ड्राइवर अवधेश और हाउस हेल्पर रेणु भी थे। रेस्टोरेंट से जब खाना खाकर वो लौटने लगे तो, पीयूष और ज्योति पीछे बैठे थे। अवधेश गाड़ी चला रहा था और बगल वाली सीट में बैठी थी रेणु। कार रेस्टोरेंट से घर की तरफ बढ़ी, तभी थोड़ा आगे चलकर अवधेश ने गाड़ी रोक दी और ज्योति पर चाकू से वार कर दिया। ज्योति घायल हो गई, उसके बाद वो एक के बाद एक, तब तक वार करता रहा जब तक ज्योति की मौत नहीं हो गई और फिर ज्योति की लाश को कार में ही छोड़कर, तीनों फरार हो गए। इसके बाद जो कहानी पीयूष ने बनाई, वो तो आपके सामने है ही।
चार दिन में ही कानपुर के हाइप्रोफाल मर्डर केस को पुलिस सुलझा चुकी थी। पीयूष, मनीषा, अवधेश और रेणु को गिरफ्तार कर लिया गया। हर कोई हैरान था। इसी दौरान पुलिस को ज्योति की एक डायरी भी मिली जिसमें ज्योति ने कई जगह ये जिक्र किया था कि पीयूष और उसके बीच रिश्ते, शादी के दिन से ही अच्छे नहीं हैं। ज्योति को पीयूष के एक्सट्रा मैरिटल अफेयर का भी पता था और उसने पीयूष के माता-पिता से इस बारे में बात भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। किसी ने ये नहीं सोचा था कि पीयूष, प्यार में अंधा होकर इतना बड़ा कदम उठा लेगा।