पाकिस्तान में इमरान खान के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लग गया है! पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने तोशाखाना केस में इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया है। उन पर विदेशों से मिले उपहारों को चुराने और उन्हें बाजार में बेचने का आरोप है। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा कि इमरान खान के खिलाफ फौजदारी मामला भी चलाया जा सकता है। ऐसे में आशंका है कि अगर दोष साबित होता है तो इमरान खान जेल भी जाना पड़ेगा। वहीं, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ऐलान किया है कि वो इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग के फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वो सरकार के खिलाफ अवाम के बीच जाएंगे। चुनाव आयोग के फैसले पर सत्तारूढ़ पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज ने कहा है कि इमरान खान अब सर्टिफाइड चोर साबित हो गए हैं। एक दिन पहले ही पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान के आजादी मार्च पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर वो कौन-कौन से उपहार थे, जिसे इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने तोशाखाना में जमा कराने की जगह निजी इस्तेमाल के लिए लिए थे।
इमरान खान पाकिस्तान की सत्ता में नया पाकिस्तान का नारा देकर आए थे। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में शरीफ और जरदारी परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का राग अलापा। प्रधानमंत्री की कुर्सी छिनने के बाद भी उन्होंने शहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को चोर, बूट पॉलिश करने वाला करार दिया था। अब चुनाव ने भी साबित किया है कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान उपहारों की हेराफेरी की। जब भी इमरान खान सरकार से उनको विदेशों से मिले उपहार को लेकर सवाल पूछे गए तो कोर्ट में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर जानकारी देने से इनकार कर दिया गया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी दावा किया था कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान जबरदस्त भ्रष्टाचार किए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद कहा था कि इमरान खान ने बतौर प्रधानमंत्री विदेशों से मिले उपहारों को बेचकर पैसे कमाए।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने पाकिस्तान सरकार के कोषागार (तोशाखाना) से 14.2 करोड़ रुपये के 112 उपहारों को मात्र 4 करोड़ रुपये देकर हड़प लिया था। इसमें दुनिया के अलग-अलग देशों ने इमरान खान को मिलीं रोलेक्स की सात घड़ियों के साथ दूसरी मंहगी घड़ियां, सोने और हीरे के गहने, महंगे पेन, सोने की कफ लिंक, अंगूठी, लाखों रुपये के डिनर सेट से लेकर इत्र सहित कई उपहार थे। इमरान खान ने इन उपहारों को सरकारी तोशाखाना में जमा कराने की जगह खुद के पास रख लिया था। इसमें सबसे महंगा उपहार रोलेक्स की एक गोल्डन घड़ी थी। पाकिस्तान सरकार ने इसकी कीमत 8 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी थी। इस घड़ी को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने 18 सितंबर 2018 को इमरान खान को दिया था। इमरान खान ने इस घड़ी को लेने के लिए पाकिस्तानी तोशाखान में सिर्फ 1 करोड़ 70 लाख रुपये ही जमा करवाए। यह किसी पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष को दिया गया अब तक का सबसे महंगा विदेशी उपहार है। इसके अलावा यह किसी प्रधानमंत्री के खुद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला भी सबसे महंगा उपहार है।
सऊदी क्राउन प्रिंस ने इमरान खान को एक गोल्ड प्लेटेड कलाश्निकोव (एके-47) भी उपहार में दिया था। इस एके-47 को जनवरी 2019 में पाकिस्तान के दौरे पर आए सऊदी अरब के प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने इमरान खान को दिया था। इस रायफल का कुछ पता ही नहीं चल सका। पाकिस्तानी सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, तोशाखाना में इस रायफल की एंट्री नहीं है। ऐसे में करोड़ों रुपये के इस रायफल को इमरान खान ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए रख लिया था। इस रायफल की कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। मार्च 2022 में बताया गया था कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए इन उपहारों की जानकारी टैक्स अधिकारियों से छिपाई थी। इमरान खान ने तो सऊदी से मिली सोने की घड़ी की जानकारी तीन साल तक छिपाने के बाद 2020-21 के टैक्स रिटर्न में सार्वजनिक की थी।
पाकिस्तान में कोई भी राष्ट्राध्यक्ष, नेता या फिर सार्वजनिक पद पर बैठा अधिकारी 10000 रुपये से अधिक मूल्य के उपहारों को अपने पास नहीं रख सकता है। पाकिस्तान के सरकारी गिफ्ट डिपॉजिटरी नियमों के अनुसार, विदेशी उपहारों को सरकारी तोशाखाना में जमा करवाना अनिवार्य है। वहां से से उपहारों को खुली नीलामी में रखा जाता है। तब तक के लिए वह उपहार देश की संपत्ति बना रहता है। अगर किसी नेता को 10000 से अधिक कीमत के उपहारों को अपने पास रखना होता है तो उसे आंकी गई कीमत को तोशाखाना में जमा करवाने का नियम है। इमरान खान ने इसी नियमों का फायदा उठाते हुए कम पैसा देकर अधिक मूल्य के उपहारों को अपने पास रख लिया था।