Sunday, December 22, 2024
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किस हद तक जाएगा दिल्ली का प्रदूषण?

दिल्ली का प्रदूषण हदों को पार कर चुका है! दिल्‍ली-एनसीआर की हवा में ‘जहर’ बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे सर्दियां करीब आ रही हैं, सुबह में स्‍मॉग की मोटी चादर छाई दिखती है। प्रदूषणकारी कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि आंखें जलने लगी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड CPCB के अनुसार, सुबह 11 बजे आनंद विहार का एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 454 था जो ‘गंभीर’ स्थिति दर्शाता है। यहां PM2.5 और PM10 जैसे कण हवा में जहर घोल रहे हैं। SAFAR के अनुसार, दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का AQI 355 है, मथुरा रोड का AQI 340 और नोएडा का AQI 392 तक पहुंच गया है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, इतनी खराब हवा शरीर को खासा नुकसान पहुंचा सकती है। त्‍वचा को भी नुकसान हो सकता है। संभव हो तो घर से बाहर न निकलें। अगर निकलें तो मास्‍क जरूर लगाएं।

जहरीली हवा से दिल्‍ली-एनसीआर बेहाल हैं। शनिवार को पिछले दिनों के मुकाबले कहीं ज्‍यादा स्‍मॉग दिखा। आसमान में काली धुंध की मोटी परत छाई थी। दिल्‍ली के कई इलाकों का AQI 400 के पार दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्‍टर 62 का AQI 392 रहा। गुरुग्राम का AQI 330 और गाजियाबाद में AQI 376 दर्ज किया गया। IITM, पुणे के मुताबिक नवंबर तक प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी प्रदूषण का स्‍तर और बढ़ेगा।

मौजूदा समय में प्रदूषण के कई कारक हैं। मौसम ठंडा होने के कारण हवा भारी हो जाती है और ऊपर नहीं जा पाती। इससे प्रदूषण नीचे ही बना रहता है। प्रदूषण के चलते हवा में पीएम-2.5 और पीएम-10 बढ़ने लगते हैं। प्रदूषण के चलते लोगों को साइनोसाइटिस और ब्रोंकाइटिस की समस्या होने लगती है, लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से अधिक होने पर ऐसी हवा में सांस लेना मानो 33 सिगरेट पीने के बराबर है। एक सिगरेट जीवन के 11 मिनट हमसे छीन लेती है। डॉ. त्यागी बताते हैं प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क लगाना काफी कारगर साबित हो सकता है। यदि मल्टी लेयर गीले कपड़े का मास्क लगाया जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

सेहत के लिहाज से प्रदूषण की स्थिति अच्छी नहीं है! डॉ का कहना है कि हवा की गुणवत्ता खराब है, ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। सुबह सात बजे से पहले और शाम को आठ बजे के बाद बाहर निकलने से बचें। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन समेत कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गुनगुना पानी पिएं, कोई तकलीफ होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।घर के अंदर की हवा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नागफनी, ऐलोवेरा व रबर के पौधे घर में लगाएं। प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि बाहर जाना ज्यादा जरूरी नहीं तो घर में ही रहें। डॉ. त्यागी ने कहा कि प्रदूषण के असर को कम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं। पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि डालकर पी सकते हैं। कीवी, अनार, बादाम, पाइन एप्पल व गुड़ आदि भी खा सकते हैं। इनमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

सफर के अनुसार, प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर है। जमीनी सतह पर हवाओं की गति 6 से 8 किलोमीटर तक बनी हुई है। अगले तीन दिन हवाएं इसी तरह की रहेंगी। राजधानी में अगले एक दो दिनों में हवाएं पराली का धुआं लेकर भी आ सकती है। इससे पीएम 2.5 के स्तर में इजाफा होगा।प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि बाहर जाना ज्यादा जरूरी नहीं तो घर में ही रहें। डॉ. त्यागी ने कहा कि प्रदूषण के असर को कम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं। पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि डालकर पी सकते हैं। कीवी, अनार, बादाम, पाइन एप्पल व गुड़ आदि भी खा सकते हैं। इनमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। तीन दिनों तक प्रदूषण बढ़ेगा लेकिन इसका स्तर बेहद खराब ही बना रहेगा। आईआईटीएम पुणे के अनुसार, प्रदूषण का स्तर 29 से 31 अक्टूबर तक बेहद खराब ही रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक यह खराब से बेहद खराब रह सकता है। शनिवार को हवाएं दक्षिण और उत्तर पूर्वी दिशा से आएंगी। सुबह के समय कोहरा रह सकता है।

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