सुसाइड बॉम्बर की मानसिकता पता लगाना बहुत मुश्किल होता है! तमिलनाडु के कोयंबटूर में दिवाली से एक रात पहले संगमेश्वर मंदिर के पास धमाका हुआ था। यह आत्मघाती हमला था। इसमें आत्मघाती हमलावर मारा गया था। यह सुसाइड बॉम्बर कार में बैठा था। इसका नाम था जमीशा मुबीन। वह 29 साल का था। उसको बम संभालने का अनुभव नहीं था। इसके चलते कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। मुबीन वैसे ही आत्मघाती हमलावर बनकर पहुंचा था जैसे इस्लामिक स्टेट आतंकियों को सुसाइड बॉम्बर बनाकर भेजता है। जांच में पता चला है कि उसने अपने सिर से लेकर पैर तक पूरे शरीर के बाल शेव किए थे। इसके पहले भी देखने को मिला है कि सुसाइड बॉम्बर मिशन से पहले सिर से पैर तक के बाल मुंडवाते हैं।
लगभग हर सुसाइड बॉम्बिंग से पहले शरीर के बालों को शेव करने का एक पैटर्न मिला है। इसके पीछे एक वजह यह मानी जाती है कि सुसाइड बॉम्बर को पता होता है कि उसे इसमें मरना ही मरना है। लिहाजा, वह जन्नत में साफ-सुथरा होकर पहुंचने की कोशिश के तहत ऐसा करता है। पारंपरिक रूप से मुस्लिमों को दफन करने से पहले शरीर को नहलाया जाता है। उनके बगल और जांघ के बाल शेव किए जाते हैं। नाखूनों को भी धुला जाता है। यह शुद्धीकरण की एक प्रक्रिया होती है। आत्मघाती हमलावर जानते हैं कि मिशन को अंजाम देने में उनका अंतिम संस्कार वैसा नहीं होगा जैसा सामान्य तौर पर होता है। शायद उनके शरीर के अवशेष भी नहीं मिलें। इसे देखते हुए वे खुद ही शरीर के बाल शेव करते हैं।
कुछ मुस्लिम स्कॉलर मानते हैं कि आत्मघाती हमलावरों का बॉम्बिंग से पहले ऐसा करने का ट्रेंड अफगानिस्तान से आया है। पश्तून आदिवासी जंग में जाने से पहले अपने शरीर के बालों को मुंडवाते हैं। यह एक पुरानी परंपरा है।लगभग हर सुसाइड बॉम्बिंग से पहले शरीर के बालों को शेव करने का एक पैटर्न मिला है। इसके पीछे एक वजह यह मानी जाती है कि सुसाइड बॉम्बर को पता होता है कि उसे इसमें मरना ही मरना है। लिहाजा, वह जन्नत में साफ-सुथरा होकर पहुंचने की कोशिश के तहत ऐसा करता है। पारंपरिक रूप से मुस्लिमों को दफन करने से पहले शरीर को नहलाया जाता है। उनके बगल और जांघ के बाल शेव किए जाते हैं। नाखूनों को भी धुला जाता है। यह शुद्धीकरण की एक प्रक्रिया होती है। आत्मघाती हमलावर जानते हैं कि मिशन को अंजाम देने में उनका अंतिम संस्कार वैसा नहीं होगा जैसा सामान्य तौर पर होता है। शायद उनके शरीर के अवशेष भी नहीं मिलें। इसे देखते हुए वे खुद ही शरीर के बाल शेव करते हैं। स्कॉलर्स मानते हैं कि आतंकी भी अपने मिशन को जंग की तरह देखते हैं। लिहाजा, आत्मघाती हमला करने से पहले अपने शरीर के बालों को शेव करते हैं।
अमेरिका में जब आत्मघाती हमलावरों ने ट्विन टावर को निशाना बनाया था तब भी यह बात सामने आई थी। 9/11 हमलों के बाद जांच में अधिकारियों को आतंकियों के बैग से 4 पेज का डॉक्यूमेंट मिला था। इसमें हमले से एक दिन उन्हें शरीर के बाल शेव करने के लिए कहा गया था। मुबीन के विस्फोट से पहले के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं। दो एलपीजी सिलिंडर वाली कार में बैठने से पहले वह फुटेज में नजर आता है। 23 अक्टूबर की फुटेज में दिख रहा है कि वह शर्ट और पैंट पहने है। जांच टीम ने वह ट्रिमर भी बरामद किया है, जिससे उसने शरीर के बाल साफ किए थे। मुबीन ने एक कागज के टुकड़े पर जिहाद के आह्वान के बारे में भी लिखा था। उसने लिखा था कि एक पवित्र युद्ध छेड़ना युवाओं की जिम्मेदारी है। बच्चों और बुजुर्गों की नहीं। उसने मनुष्यों को दो श्रेणियों मुसलमान और काफिर के रूप में बांटा। उसने लिखा ‘वाल येन्थु’, मतलब तलवार चलाना है। धमाके की जांच कर रही एनआईए के अनुसार, कार में दो एलपीजी सिलेंडर थे। इनमें से एक फटा था। अगर दूसरा भी फट जाता तो मंदिर की ओर जाने वाली सड़क के किनारे के मकान भी क्षतिग्रस्त हो सकते थे। सूत्रों ने बताया था कि घटनास्थल से विस्फोटक सामग्री के अवशेषों के अलावा छर्रे और कीलें भी मिली थीं। शायद इन्हें गैस सिलेंडर में भरकर विस्फोट के लिए तैयार किया गया था। मुबीन ने आईएस स्टाइल में इस मिशन को अंजाम देने की कोशिश की थी।