क्या समाज अब तक नहीं उभर पाया है पुरानी सोच से?

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समाज अब तक अपनी पुरानी सोच से उभर नहीं पाया है! कहते हैं एक पिता अपने बेटे से ज्यादा बेटी से प्यार करता है। बेटी पिता का गुरूर होती है और बेटियां भी ज्यादातर अपने पिता के ही करीब होती हैं, लेकिन पिछले दस दिन में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पिता ने ही अपनी लाडली को मौत के घाट उतार दिया। जिसे पाल-पोसकर बढ़ा किया उसी बेटी का बेरहमी से कत्ल कर दिया। आखिर क्यों एक पिता, या भाई या परिवारवाले अपनी ही औलाद को मौत की सजा सुनाते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो किसी लड़के से प्यार करती है। क्यों आज भी समाज में लड़के-लड़की के प्यार के रिश्ते को स्वीकार नहीं किया जाता। क्या समाज के डर की वजह से परिवार वाले अपने ही कलेजे के टुकड़े को मारने पर मजबूर हो जाते हैं या फिर गुस्सा इस कदर हावी हो जाता है कि वो अपनों को ही ऐसी सजा देते हैं जिसे सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएं। वैसे तो पूरे देश में ही इस तरह की घटनाएं होती है, लेकिन फिलहाल बिहार में ऑनर किलिंग के ज्यातातर मामले दर्ज हुए हैं।

भैय्या दूज के दिन मुझे क्यों मार रहे हो’… ये शब्द थे उस बहन के जिसे भाई दूज के दिन उसके सगे भाई ने मौत के घाट उतार दिया। वजह थी बहन की अपनी पसंद से शादी करना। शिवानी सोलंकी ने कुछ दिन पहले दूसरी जाति के लड़के से अपनी पसंद से शादी कर ली थी जिससे उसका भाई नाराज़ था। शिवानी राजपूत जाति से है जबकि उसने ब्राह्मण लड़के से शादी की थी। शादी के बाद वो अपने ससुराल में ही रह रही थी, लेकिन दिवाली के पहले शिवानी के भाई ने उसे घर आने के लिए फोन किया। शिवानी अपने भाई के झांसे में आ गई और फिर भाई दूज के दिन उसी भाई ने उसका कत्ल कर दिया।

19 साल की रूबी नयागांव लच्छू टोला में अपने परिवार के साथ रहती थी। वो गांव के ही एक लड़के से प्यार करने लगी। दोनों अक्सर छुपकर मिलते थे। कुछ दिन पहले रूबी और उसके बॉयफ्रेंड को रूबी के भाई ने दख लिया। बस फिर क्या था रूबी के परिवार तक ये बात पहुंच गई। रूबी को समझाया गया, डराया गया कि वो उस लड़के से दूर रहे, लेकिन जब रूबी न मानी तो उसके भाई, पिता और चाचा ने मिलकर रूबी का कत्ल कर दिया और लाश को गांव के तालाब में फेंक दिया। रूबी के अपने परिवार वालों ने उसे पीट-पीटकर बेरहमी से मार डाला।

रेलवे ट्रैक पर दो लाशें मिलती हैं। एक लड़का और एक लड़की। जांच शुरू होती है तो पता चलता है कि लाश रुपम नाम की अट्ठारह साल की एक लड़की की है जबकि दूसरी लाश उसके ड्राइवर नुनुबाबा की है। रूपम और नुनुबाबा में कुछ समय से अफेयर चल रहा था। इस बात की खबर रूपम के पिता को लग गई और फिर उन्होंने गुस्से में अपनी ही लाडली को मौत के घाट उतार दिया और साथ ही ड्राइवर का भी कत्ल कर दिया।

पुलिस को रेलवे ट्रैक के पास करीब 18 साल की एक लड़की का शव मिलता है। लड़की के कपड़े खराब हालात में होते हैं। पुलिस रेप का मामला मानकर जांच करती है, लेकिन इसी दौरान दो शख्स बाइक में सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचते हैं। वो दूर से देखते हैं कि पुलिस क्या कर रही है। पुलिस को वो दोनों संदिग्ध लगते हैं, जैसे ही पुलिस पूछताछ के लिए उनकी तरफ बढ़ती है वो भागने लगते हैं। बस यहीं से पुलिस को शक हो जाता है और सामने आती है हत्या की असली कहानी। दरअसल बाइक में सवार शख्स उस लड़की का पिता था जिसकी लाश रेलवे ट्रैक पर थी और खुदा पिता ने गला घोंटकर अपनी बेटी का कत्ल किया था। कत्ल के बाद पिता ने ही अपनी बेटी की लाश को रेलवे ट्रैक पर फेंका। कत्ल की वजह थी लड़की का किसी लड़के से प्यार करना। लड़की के पिता के मुताबिक लड़की दो बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ भागने की भी कोशिश कर चुकी थी और इसलिए पिता ने उसे मार डाला।

समस्तीपुर के चकीहबा गांव में भी एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया। इस गांव में पंचायत ने एक लड़के की पहले तो जमकर पिटाई की और फिर पांच बार उसे थूक चांटने की सजा सुनाई। वजह थी दूसरे धर्म की लड़की से प्यार करना। लड़का दूसरे गांव का था और अपनी गर्लफ्रेंड को बाइक में छोड़ने उसके गांव आया था। जैसे ही गांव के लोगों ने बाइक में उस लड़के को लड़की के साथ देखा तो उसकी जमकर पिटाई की गई। उसके बाद सजा के तौर पर उसे जमीन पर पांच बार थूक को चाटने के आदेश दिए गए।

लोहरदगा के कुंडा इलाके से एक बेहद खौफनाक खबर सामने आयी। यहां पर एक लड़की को उसके परिवारवालों ने ऐसी सजा दी जिसे सुनकर आपको होश उड़ जाएंगे। पड़ोस के गांव के लड़के से प्यार करने की सजा के तौर पर लड़की के पिता और परिवारवालों ने पहले तो उसकी जमकर पिटाई की। उसके बाद लड़की का सिर मुंडवा दिया गया। लड़की के चेहरे पर चूने का टीका लगाया और उसे जूते चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया। समाज को शर्मसार करने वाला ये मामला सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि लड़की दूसरे गांव के एक लड़के से प्यार करती थी और घरवाले इस बात के खिलाफ थे।

गांव की एक लड़की से प्यार करने की सजा नूरसलाम को मौत के रूप में मिली। नूरसलाम विदेश में नौकरी करता था और कुछ दिनों के लिए गांव आया था। गांव की एक लड़की से उसका अफेयर चल रहा था और इस बात की खबर लड़की के पिता कमालुद्दीन को लग चुकी थी। कमालुद्दीन ने नूरसलाम और अपनी बेटी दोनों को दूर रहने की धमकी दी थी लेकिन वो दोनों नहीं माने और फिर लड़की के पिता ने नूरआलम का कत्ल करने का मन बना दिया। उस शाम वो अपनी बाइक से गांव के बाहर जा रहा था। लड़की के पिता, उसके चाचा और उनके एक दोस्त ने मिलकर नूरसलाम को मार डाला। हत्या के बाद शव को जला दिया ताकि पहचान न हो। पुलिस नूरसलाम की अधजली लाश गांव के बाहर से बरामद की।

साउथ से भी ऑनर किलिंग का एक मामला सामने आया है। यहां पर राजशेखर नाम के एक शख्स ने अपनी दसवी क्लास में पढ़ने वाली 15 साल की बेटी को मौत की सजा दी। लड़की का गांव के ही एक लड़के के साथ अफेयर चल रहा था। उसके पिता को जैसे ही ये खबर लगी तो वो आगबबूला हो गया और एक नुकीली चीज़ से बेटी की हत्या कर दी। लड़की के पिता के मुताबिक उसकी बेटी परिवार की बदनामी कर रही थी और इसलिए गुस्से में उसने ये कदम उठाया।

अब जरा सोचिए जितने भी मामले हमने आपको बताए इन सब में वजह सिर्फ लड़के और लड़की बीच प्यार का होना है जो कि परिवारवालों को पसंद नहीं था। हमारे समाज में आज भी माता-पिता ये मानने को तैयार नहीं है कि शादी जैसे मामले पर लड़का या लड़की खुद अपना निर्णय ले सकते हैं। दस दिन में सामने आए ये दस मामले एक ऐसे समाज की तस्वीर है जहां आज भी समाज का डर प्यार पर हावी रहता है और कत्ल जैसी घटनाएं होती हैं। ऐसा नहीं है कि माता-पिता अपनी बेटी या बेटे से प्यार नहीं करते, लेकिन गुस्से में इतने अंधे हो जाते हैं कि वो ऐसा कदम उठाते है कि अपनी ही औलाद को मार डालते हैं और खुद सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं। हो सकता है कई बार बच्चों के निर्णय सही न हो, लेकिन बच्चों को समझाने की जगह अपराध को बढ़ावा देना कैसे सही हो सकता है।