रविंद्र जाडेजा की पत्नी और बहन के बीच में अब राजनीतिक मतभेद शुरू होने वाले हैं! गुजरात के विधानसभा चुनावों में जामनगर की उत्तरी सीट सबसे ज्यादा चर्चा का कारण बन सकती है। इसकी बड़ी वजह है कि इस सीट पर जो राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं। क्षत्रिय बहुल इस सीट पर भारतीय क्रिकेट टीम के सर यानी रवींद्र जाडेजा की पत्नी और बहन के बीच मुकाबला हो सकता है। रवींद्र जाडेजा की पत्नी रिवाबा जाडेजा बीजेपी में हैं। वे 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च महीने में बीजेपी में शामिल हुई थीं तो वहीं रवींद्र जाडेजा की बहन नैना जाडेजा एक महीने बाद अप्रैल, 2019 में कांग्रेस से जुड़ गई थी। तब से नैना राजनीतिक तौर खूब सक्रिय हैं और जामनगर कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है पार्टी इस बार उन्हें मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद से नैना जाडेजा लगातार सक्रिय हैं। जामनगर उत्तर की इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और धर्मेन्द्र सिंह जाडेजा यहां से विधायक हैं। धर्मेंद्र सिंह जाडेजा 2012 में कांग्रेस की टिकट पर जीते थे, लेकिन 2017 में चुनाव में उन्होंने पाला बदल लिया था और बीजेपी से चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे। 2012 में धर्मेन्द्र सिंह ने बीजेपी को हराया था। धर्मेंद्र सिंह को उम्मीद है कि उन्हें फिर से टिकट मिलेगा, लेकिन पिछले दो दिनों राज्यसभा सांसद परिमल नाथवाणी की अपील ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तो वहीं टिकट नहीं मिलने की स्थिति में उनके आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलें थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस सीट करसनभाई करमूर को उतार दिया है। ऐसे में अगर धर्मेंद्र सिंह जाडेजा का टिकट कटता है तो उन्हें घर बैठना पड़ेगा या फिर निर्दलीय उतरना पड़ेगा। गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में शामिल यह सीट 2008 के डिलिमिटेशन के बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर सर्वाधिक क्षत्रिय मतदाता हैं, इसके बाद अहीर समुदाय की मौजूदगी अधिक है।
रवींद्र जाडेजा की पत्नी रिवाबा बीजेपी से टिकट की लंबे समय से दावेदारी कर रही हैं, लेकिन धर्मेंद्र सिंह जाडेजा जब विधायक हैं तक उनका नंबर नहीं लग सकता है। राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज में बड़ा ओहदा रखने वाले परिमल नाथवाणी ने सभी राजकीय पक्षों से अपील की हैं कि गुंडा छवि के लोगों के टिकट न दें। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि जामनगर प्रमुख औद्योगिक शहर है और शांति से प्रगति कर रहा है, ऐसे में जामनगर को अपराध की तरफ ले जाने वाले लोगों को राजनीतिक दल टिकट नहीं दें। परिमल नाथवाणी ने धर्मेंद्र सिंह जाडेजा का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा माना जा रहा है उनके निशाने पर धर्मेंद्र सिंह ही हैं। अगर बीजेपी ने धर्मेंद्र सिंह का टिकट काटा तो रिवाबा का नंबर लग सकता है। क्रिकेटर की पत्नी और बीजेपी में पहले से सक्रिय होने के चलते उन्हें टिकट मिल सकता है। रिवाबा राजकोट से ताल्लुक रखती हैं, उनके पिता एक बड़े उद्योगपति हैं। इसके चलते सालों से रिवाबा की सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं।
जामनगर उत्तर में बदले समीकरणों में कांग्रेस वेट एंड वॉच के मूड में है। अगर बीजेपी रिवाबा पर दांव खेलती है तो पार्टी रवींद्र जाडेजा की बहन नैना जाडेजा को मैदान में उतारने में देर नहीं करेगी। नैना कांग्रेस की महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं और पार्टी में खूब सक्रिय हैं। नैना जाडेजा राजकोट स्थित एक होटल की मालिक हैं। अगर ऐसा हुआ तो टीम इंडिया के सर रवींद्र जाडेजा संकट में होंगे, कि चुनावी रण में वे किसका प्रचार करें।
टीम इंडिया के आलराउंडर खिलाड़ी जो बाएं हाथ बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी करते हैं। क्रिकेट के फैंस उन्हें सर जाडेजा के नाम से बुलाते हैं। जाडेजा आज जिस मुकाम पर हैं, उसमें उनकी बहन की बड़ी भूमिका है। 2005 में एक सड़क हादसे में जाडेजा ने अपनी मां को खो दिया था, उस वक्त जाडेजा की उम्र महज 17 साल की थी।नैना जाडेजा राजकोट स्थित एक होटल की मालिक हैं। अगर ऐसा हुआ तो टीम इंडिया के सर रवींद्र जाडेजा संकट में होंगे, कि चुनावी रण में वे किसका प्रचार करें। रवींद्र जाडेजा ने सदमे से क्रिकेट खेलना छोड़ दिया। तो बहन नैना ने उन्हें संभाला और जिम्मेदारी उठाई। इसके बाद रवींद्र क्रिकेटर बने और अपनी मां का सपना पूरा किया, हालांकि जाडेजा के पिता जो एक सुरक्षा एजेंसी में गार्ड थे उनका सपना जाडेजा को आर्मी में भेजने का था। रवींद्र जाडेजा अपनी पत्नी रिवाबा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो इसकी काफी चर्चा हुई थी।